तीसरी बार प्रधानमंत्री बनेंगे नरेंद्र मोदी, शपथ ग्रहण समारोह में बिहार बीजेपी से किस-किस को न्यौता? h3>
नरेंद्र मोदी आज शाम लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे। इस बार वे सबसे बड़ी मंत्रिपरिषद के साथ शपथ ले सकते हैं। इसमें लगभग 60 मंत्रियों के शामिल होने की संभावना है, सबसे ज्यादा जगह बिहार को मिल सकती है। नई मंत्रिपरिषद में किन नामों को जगह मिलेगी, इसका इंतजार है। प्रधानमंत्री के शपथ ग्रहण समारोह में भाजपा के नेता नई सरकार के शप ग्रहण समारहो में शामिल होंगे।
नौ जून को शाम पांच बजे होने वाले शपथ ग्रहण समारोह के लिए पार्टी ने पत्र जारी किया है। मुख्यालय प्रभारी अरविन्द शर्मा की ओर से जारी पत्र में पार्टी के सभी राष्ट्रीय पदाधिकारी, राष्ट्रीय कार्यसमिति सदस्य और विशेष आमंत्रित सदस्यों को शामिल होने का आमंत्रण दिया गया है। इसके अलावा प्रदेश पदाधिकारी, मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष, मोर्चा के राष्ट्रीय पदाधिकारी, राज्य कोर कमेटी के सभी सदस्य, सभी जिलाध्यक्ष, कलस्टर प्रभारी, लोकसभा प्रभारी व लोकसभा संयोजकों को भी शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने का आमंत्रण भेजा गया है।
लोकसभा और राज्यसभा के सांसदों के अलावा निवर्तमान लोकसभा के सांसद, विधायक व विधान पार्षदों को भी आमंत्रण किया गया है। शपथ ग्रहण समारोह में बड़ी संख्या में पार्टी नेताओं के शामिल होने की संभावना है। इसे देखते हुए बिहार भाजपा ने तीन पदाधिकारियों जगन्नाथ ठाकुर, राजेश वर्मा और संजय गुप्ता को दिल्ली में प्रतिनियुक्त कर दिया है। पार्टी नेताओं को कहा गया है कि अगर उन्हें किसी तरह की परेशानी हो तो वे इन तीनों नेताओं से संपर्क कर सकते हैं।
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आपको बता देंनरेंद्र मोदी रविवार शाम 715 बजे लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे। इस बार भाजपा के पास अपना बहुमत नहीं है और वह गठबंधन के बहुमत के साथ सरकार बना रही है, इसलिए इस बार सरकार में सहयोगी दलों की संख्या तो ज्यादा होगी ही, मंत्रिपरिषद का आकार भी पिछली दोनों बार की तुलना में ज्यादा बड़ा होगा।
मोदी ने पहली बार जब 2014 में सरकार बनाई थी, तब 46 मंत्री शामिल किए थे। 2019 में भाजपा के 300 सीटें पार करने के बाद सरकार का आकार बढ़ा और मोदी के साथ 58 मंत्रियों ने शपथ ली। इस बार 16 मंत्री चुनाव हार गए हैं, इतने ही और मंत्रियों को हटाए जाने की भी संभावना है। इस बार भाजपा 240 सीटें ही जीत सकी, उसे तेलुगुदेशम और जदयू जैसे बड़े के साथ अन्य छोटे दलों का सहारा लेना पड़ रहा है। ऐसे में नई सरकार का आकार-प्रकार बदला हुआ होगा। भाजपा के बाद सर्वाधिक जगह जदयू और तेलुगुदेशम को मिल सकती है।
यह भी पढ़िए- मोदी कैबिनेट 3.0 में बिहार से 7-8 सांसदों को मिल सकती है जगह, एक जाति से एक मंत्री फॉर्मूला : सूत्र
सूत्रों के अनुसार, गृह, वित्त, रक्षा और विदेश भाजपा के पास ही रहेंगे। पिछली बार की तुलना में इस बार आधे से ज्यादा नए चेहरे सरकार में होंगे। कुछ वरिष्ठ नेताओं को भी सरकार से बाहर रहना पड़ सकता है। सरकार में 20 राज्यों, 12 दलों की उपस्थिति हो सकती है। मंत्रिपरिषद में महाराष्ट्र, हरियाणा में इस वर्ष के अंत और अगले वर्ष बिहार के चुनाव का भी असर दिखेगा।
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नरेंद्र मोदी आज शाम लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे। इस बार वे सबसे बड़ी मंत्रिपरिषद के साथ शपथ ले सकते हैं। इसमें लगभग 60 मंत्रियों के शामिल होने की संभावना है, सबसे ज्यादा जगह बिहार को मिल सकती है। नई मंत्रिपरिषद में किन नामों को जगह मिलेगी, इसका इंतजार है। प्रधानमंत्री के शपथ ग्रहण समारोह में भाजपा के नेता नई सरकार के शप ग्रहण समारहो में शामिल होंगे।
नौ जून को शाम पांच बजे होने वाले शपथ ग्रहण समारोह के लिए पार्टी ने पत्र जारी किया है। मुख्यालय प्रभारी अरविन्द शर्मा की ओर से जारी पत्र में पार्टी के सभी राष्ट्रीय पदाधिकारी, राष्ट्रीय कार्यसमिति सदस्य और विशेष आमंत्रित सदस्यों को शामिल होने का आमंत्रण दिया गया है। इसके अलावा प्रदेश पदाधिकारी, मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष, मोर्चा के राष्ट्रीय पदाधिकारी, राज्य कोर कमेटी के सभी सदस्य, सभी जिलाध्यक्ष, कलस्टर प्रभारी, लोकसभा प्रभारी व लोकसभा संयोजकों को भी शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने का आमंत्रण भेजा गया है।
लोकसभा और राज्यसभा के सांसदों के अलावा निवर्तमान लोकसभा के सांसद, विधायक व विधान पार्षदों को भी आमंत्रण किया गया है। शपथ ग्रहण समारोह में बड़ी संख्या में पार्टी नेताओं के शामिल होने की संभावना है। इसे देखते हुए बिहार भाजपा ने तीन पदाधिकारियों जगन्नाथ ठाकुर, राजेश वर्मा और संजय गुप्ता को दिल्ली में प्रतिनियुक्त कर दिया है। पार्टी नेताओं को कहा गया है कि अगर उन्हें किसी तरह की परेशानी हो तो वे इन तीनों नेताओं से संपर्क कर सकते हैं।
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आपको बता देंनरेंद्र मोदी रविवार शाम 715 बजे लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे। इस बार भाजपा के पास अपना बहुमत नहीं है और वह गठबंधन के बहुमत के साथ सरकार बना रही है, इसलिए इस बार सरकार में सहयोगी दलों की संख्या तो ज्यादा होगी ही, मंत्रिपरिषद का आकार भी पिछली दोनों बार की तुलना में ज्यादा बड़ा होगा।
मोदी ने पहली बार जब 2014 में सरकार बनाई थी, तब 46 मंत्री शामिल किए थे। 2019 में भाजपा के 300 सीटें पार करने के बाद सरकार का आकार बढ़ा और मोदी के साथ 58 मंत्रियों ने शपथ ली। इस बार 16 मंत्री चुनाव हार गए हैं, इतने ही और मंत्रियों को हटाए जाने की भी संभावना है। इस बार भाजपा 240 सीटें ही जीत सकी, उसे तेलुगुदेशम और जदयू जैसे बड़े के साथ अन्य छोटे दलों का सहारा लेना पड़ रहा है। ऐसे में नई सरकार का आकार-प्रकार बदला हुआ होगा। भाजपा के बाद सर्वाधिक जगह जदयू और तेलुगुदेशम को मिल सकती है।
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सूत्रों के अनुसार, गृह, वित्त, रक्षा और विदेश भाजपा के पास ही रहेंगे। पिछली बार की तुलना में इस बार आधे से ज्यादा नए चेहरे सरकार में होंगे। कुछ वरिष्ठ नेताओं को भी सरकार से बाहर रहना पड़ सकता है। सरकार में 20 राज्यों, 12 दलों की उपस्थिति हो सकती है। मंत्रिपरिषद में महाराष्ट्र, हरियाणा में इस वर्ष के अंत और अगले वर्ष बिहार के चुनाव का भी असर दिखेगा।