तितली की तरह हमेशा एक खोज में रहता हूं: खेतांची | Always in search of a butterfly: Khetanchi | Patrika News h3>
राजस्थान फोरम की मासिक डेजर्ट सोल श्रृंखला के तहत इस बार बुधवार को जाने-माने चित्रकार गोपाल सिंह खेतांची कला प्रेमियों से रूबरू हुए।
जयपुर
Published: April 13, 2022 11:53:46 pm
तितली की तरह हमेशा एक खोज में रहता हूं: खेतांची
राजस्थान फोरम की डेजर्ट सोल श्रृंखला में रूबरू हुए चित्रकार गोपाल स्वामी खेतांची
जयपुर।
जयपुर। राजस्थान फोरम की मासिक डेजर्ट सोल श्रृंखला के तहत इस बार बुधवार को जाने-माने चित्रकार गोपाल सिंह खेतांची कला प्रेमियों से रूबरू हुए। शहर की जानी मानी आर्ट प्रमोटर और राजस्थान फोरम के सदस्य संगीता जुनेजा ने दिलचस्प संवाद के जरिए उनके कला के सफर पर विस्तार से बात की। गोपाल स्वामी ने बताया कि उनके पिता आर्ट के शिक्षक थे । बचपन से ही उन्हें कला के प्रति इतना लगाव रहा कि चूल्हे का कोयला और धोरों से कलाकृतियां बनानी शुरू की। परिवार में विवाह .शादी के अवसर पर तोरण, गमला और दीवारों को सजाने का कार्य किया और यहीं से इनकी कला का सफर शुरू हुआ।
महज 17 साल की उम्र में उन्होंने अपने पिता का बहुत खूबसूरत चित्र बनाया। प्रसिद्ध कलाकार रितु नंदा के साथ कई साल जुड़े रहे और उनके साथ घंटों कला के बारे में डिस्कस करते रहे। बीस साल की उम्र में मंजूर खान के साथ मुकद्दर का सिकंदर,कालिया, अब्दुल्ला और ज्वालामुखी जैसी फिल्मों के लिए सहायक कला निर्देशन का कार्य भी किया। कला के क्षेत्र में यह एक तितली की तरह खोज में रहे चाहे यथार्थवादी या अतियथार्थवादी इन्होंने अपनी कला में सभी प्रयोग किए।
ग्रामीण जनजीवन की पेंटिंग्स में चेहरे पर पसीने की बूंदे हो या तनाव बखूबी दर्शाया। वहीं राजसी पेंटिंग में इतनी खूबसूरती से महिलाओं का सजीव चित्रण किया मानो अभी यह बोल उठेगी। 2004 में जब तीन, चार साल तक लगातार अकाल पड़ा उस समय भी इनका ह्रदय में जो दर्द उठा उसे भी पेंटिंग के जरिए व्यक्त किया।
गोपाल स्वामी ने कहा कि पेंटिंग के क्षेत्र में हमेशा नई चुनौतियों को शामिल करने का उन्होंने प्रयास किया है। यही वजह थी कि बेल्जियम में म्यूजियम ऑफ सेक्रेड आर्ट के संग्रह में भी उनकी तीन पेन्टिंग को चयनित किया गया।ओल्ड मास्टर की सीरीज में मोनालिसा की पेंटिंग काफी चर्चित रही और कई सेलिब्रिटीज ने पेंटिंग्स को सराहा। एक किस्सा साझा करते हुए खेतांची ने बताया कि लता मंगेशकर को उन्होंने पिता. पुत्री की एक पेंटिंग भेंट की जिसे देखकर वह इतना भावुक हो उठी कि उन्हें अपने पिता याद आ गए और उन्होंने यही कहा कि उनमें सीखने का लालसा हमेशा रहेगी। कार्यक्रम की शुरुआत से पहले राजस्थान फोरम की कार्यकारी सचिव अपरा कुच्छल और राजपूताना आईटीसी के जनरल मैनेजर ऋषि मट्टू ने कलाकार और कला प्रेमियों का अभिनंदन किया।
तितली की तरह हमेशा एक खोज में रहता हूं: खेतांची
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राजस्थान फोरम की मासिक डेजर्ट सोल श्रृंखला के तहत इस बार बुधवार को जाने-माने चित्रकार गोपाल सिंह खेतांची कला प्रेमियों से रूबरू हुए।
जयपुर
Published: April 13, 2022 11:53:46 pm
तितली की तरह हमेशा एक खोज में रहता हूं: खेतांची
राजस्थान फोरम की डेजर्ट सोल श्रृंखला में रूबरू हुए चित्रकार गोपाल स्वामी खेतांची
जयपुर।
जयपुर। राजस्थान फोरम की मासिक डेजर्ट सोल श्रृंखला के तहत इस बार बुधवार को जाने-माने चित्रकार गोपाल सिंह खेतांची कला प्रेमियों से रूबरू हुए। शहर की जानी मानी आर्ट प्रमोटर और राजस्थान फोरम के सदस्य संगीता जुनेजा ने दिलचस्प संवाद के जरिए उनके कला के सफर पर विस्तार से बात की। गोपाल स्वामी ने बताया कि उनके पिता आर्ट के शिक्षक थे । बचपन से ही उन्हें कला के प्रति इतना लगाव रहा कि चूल्हे का कोयला और धोरों से कलाकृतियां बनानी शुरू की। परिवार में विवाह .शादी के अवसर पर तोरण, गमला और दीवारों को सजाने का कार्य किया और यहीं से इनकी कला का सफर शुरू हुआ।
महज 17 साल की उम्र में उन्होंने अपने पिता का बहुत खूबसूरत चित्र बनाया। प्रसिद्ध कलाकार रितु नंदा के साथ कई साल जुड़े रहे और उनके साथ घंटों कला के बारे में डिस्कस करते रहे। बीस साल की उम्र में मंजूर खान के साथ मुकद्दर का सिकंदर,कालिया, अब्दुल्ला और ज्वालामुखी जैसी फिल्मों के लिए सहायक कला निर्देशन का कार्य भी किया। कला के क्षेत्र में यह एक तितली की तरह खोज में रहे चाहे यथार्थवादी या अतियथार्थवादी इन्होंने अपनी कला में सभी प्रयोग किए।
ग्रामीण जनजीवन की पेंटिंग्स में चेहरे पर पसीने की बूंदे हो या तनाव बखूबी दर्शाया। वहीं राजसी पेंटिंग में इतनी खूबसूरती से महिलाओं का सजीव चित्रण किया मानो अभी यह बोल उठेगी। 2004 में जब तीन, चार साल तक लगातार अकाल पड़ा उस समय भी इनका ह्रदय में जो दर्द उठा उसे भी पेंटिंग के जरिए व्यक्त किया।
गोपाल स्वामी ने कहा कि पेंटिंग के क्षेत्र में हमेशा नई चुनौतियों को शामिल करने का उन्होंने प्रयास किया है। यही वजह थी कि बेल्जियम में म्यूजियम ऑफ सेक्रेड आर्ट के संग्रह में भी उनकी तीन पेन्टिंग को चयनित किया गया।ओल्ड मास्टर की सीरीज में मोनालिसा की पेंटिंग काफी चर्चित रही और कई सेलिब्रिटीज ने पेंटिंग्स को सराहा। एक किस्सा साझा करते हुए खेतांची ने बताया कि लता मंगेशकर को उन्होंने पिता. पुत्री की एक पेंटिंग भेंट की जिसे देखकर वह इतना भावुक हो उठी कि उन्हें अपने पिता याद आ गए और उन्होंने यही कहा कि उनमें सीखने का लालसा हमेशा रहेगी। कार्यक्रम की शुरुआत से पहले राजस्थान फोरम की कार्यकारी सचिव अपरा कुच्छल और राजपूताना आईटीसी के जनरल मैनेजर ऋषि मट्टू ने कलाकार और कला प्रेमियों का अभिनंदन किया।
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