तय वक्त के बाद 2 अभ्यर्थियों को सेंटर पर प्रवेश: ASI समेत 6 पुलिसकर्मी सस्पेंड; EO-RO परीक्षा में नियमों का उल्लंघन – Jhunjhunu News h3>
झुंझुनूं: राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) द्वारा रविवार को आयोजित राजस्व अधिकारी (RO) एवं कार्यपालक अधिकारी (EO) भर्ती परीक्षा में नियमों का उल्लंघन करना छह पुलिसकर्मियों को भारी पड़ गया। परीक्षा केंद्र पर गेट बंद होने के बाद दो परीक्षार्थियों को प्रवे
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गेट बंद होने के बाद परीक्षा केंद्र में प्रवेश
यह घटना झुंझुनूं के एसएस मोदी स्कूल परीक्षा केंद्र की है। परीक्षा निर्धारित समय पर शुरू हो गई थी, लेकिन अंतिम समय में एक परीक्षार्थी हिमांशु शर्मा परीक्षा केंद्र पहुंचा। हड़बड़ाहट में वह किसी अन्य कक्ष में जाकर किसी दूसरे परीक्षार्थी की सीट पर बैठ गया। पर्यवेक्षकों द्वारा पूछताछ करने पर उसने बताया कि उसने “उच्च स्तर” से पुलिसकर्मी को फोन करवा कर प्रवेश लिया है। इस बयान के बाद परीक्षा केंद्र पर हड़कंप मच गया और मामले की जांच शुरू की गई।
सीसीटीवी फुटेज से हुआ खुलासा
पर्यवेक्षकों ने परीक्षा केंद्र के सीसीटीवी कैमरों की जांच की तो पता चला कि हिमांशु शर्मा और एक अन्य परीक्षार्थी को सुबह 11:03 बजे परीक्षा केंद्र में प्रवेश दिया गया था, जबकि परीक्षा केंद्र के गेट निर्धारित समय के अनुसार पहले ही बंद हो चुके थे। स्पष्ट रूप से यह परीक्षा संचालन के नियमों का उल्लंघन था, क्योंकि परीक्षा केंद्र में समय समाप्त होने के बाद किसी भी परीक्षार्थी को प्रवेश देने की अनुमति नहीं होती।
पुलिसकर्मियों की लापरवाही उजागर
मामले की गंभीरता को देखते हुए परीक्षा केंद्र पर नियुक्त पर्यवेक्षकों ने पूरी घटना की रिपोर्ट तैयार की। रिपोर्ट के अनुसार, परीक्षा की गोपनीयता और शुचिता से कोई छेड़छाड़ नहीं हुई, लेकिन परीक्षा केंद्र के मुख्य द्वार पर तैनात पुलिसकर्मियों द्वारा मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) का पालन नहीं किया गया। गेट बंद होने के बाद भी परीक्षार्थियों को प्रवेश देना एक बड़ी लापरवाही मानी गई।
पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट और प्रशासन की कार्रवाई
परीक्षा केंद्र पर नियुक्त पर्यवेक्षकों – राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, लालपुर के प्राचार्य डॉ. विजेंद्र कुमार और आयुर्वेद चिकित्सक डॉ. विक्रांत जोशी (अलसीसर) – ने इस पूरे मामले की संयुक्त रिपोर्ट तैयार कर जिला कलेक्टर को सौंपी।
रिपोर्ट के आधार पर झुंझुनूं जिला कलेक्टर ने पुलिस अधीक्षक (SP) शरद चौधरी को पत्र लिखकर दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए। इसके बाद पुलिस अधीक्षक ने तुरंत कार्रवाई करते हुए केंद्र पर तैनात एक एएसआई पवन स्वामी, हेड कांस्टेबल जयपाल और कांस्टेबल मुनेश, सुबोध, कुलदीप एवं बलराम को निलंबित कर दिया।
नियमों का उल्लंघन, परीक्षा की निष्पक्षता पर सवाल
इस घटना ने परीक्षा प्रणाली की निष्पक्षता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। परीक्षा में गेट बंद होने के बाद प्रवेश देना नियमों का स्पष्ट उल्लंघन था। हालांकि, पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट में यह उल्लेख किया गया कि परीक्षा की गोपनीयता से कोई समझौता नहीं हुआ, लेकिन नियमों की अनदेखी से यह संदेश गया कि अनुशासन का पालन करने वाले परीक्षार्थियों के साथ अन्याय हो सकता है।
परीक्षा केंद्र पर सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल
यह मामला परीक्षा केंद्रों की सुरक्षा व्यवस्था और SOP के पालन पर भी गंभीर प्रश्नचिह्न खड़ा करता है। परीक्षा केंद्र पर तैनात पुलिसकर्मियों का मुख्य कार्य परीक्षा के दौरान कानून-व्यवस्था बनाए रखना और किसी भी प्रकार की अनियमितता को रोकना होता है। लेकिन इस मामले में सुरक्षा कर्मियों की लापरवाही सामने आई, जिससे परीक्षा के नियमों का उल्लंघन हुआ।
छह पुलिसकर्मियों का निलंबन – एक सख्त संदेश
इस घटना के बाद जिला प्रशासन ने यह स्पष्ट कर दिया कि परीक्षा के नियमों के उल्लंघन को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। छह पुलिसकर्मियों का निलंबन अन्य अधिकारियों और सुरक्षा कर्मियों के लिए एक कड़ा संदेश है कि भविष्य में इस तरह की लापरवाही न हो।
इस घटना से कई महत्वपूर्ण सबक सीखे जा सकते हैं:
- 1. सख्त नियमों का पालन: परीक्षा केंद्रों पर समय और SOP का सख्ती से पालन सुनिश्चित किया जाना चाहिए।
- 2. सीसीटीवी की निगरानी: परीक्षा केंद्रों पर सीसीटीवी कैमरों की लगातार निगरानी होनी चाहिए, ताकि किसी भी तरह की गड़बड़ी को रोका जा सके।
- 3. पुलिसकर्मियों की जवाबदेही: परीक्षा केंद्रों पर तैनात पुलिसकर्मियों को स्पष्ट निर्देश दिए जाने चाहिए कि वे किसी भी दबाव में आकर नियमों का उल्लंघन न करें।
- 4. कठोर दंड: यदि भविष्य में इस तरह की घटनाएं दोहराई जाती हैं, तो दोषियों के खिलाफ और भी कठोर कार्रवाई की जानी चाहिए।