‘तजिंदर को ‘आप’ में शामिल करना चाहते थे केजरीवाल, लेकिन…’; बग्गा के पिता बड़ा खुलासा

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‘तजिंदर को ‘आप’ में शामिल करना चाहते थे केजरीवाल, लेकिन…’; बग्गा के पिता बड़ा खुलासा

‘तजिंदर को ‘आप’ में शामिल करना चाहते थे केजरीवाल, लेकिन…’; बग्गा के पिता बड़ा खुलासा

भाजपा नेता तजिंदर पाल सिंह बग्गा (Tajinder Pal Singh Bagga) के पिता प्रीतपाल सिंह बग्गा ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) पहली बार मुख्यमंत्री बनने से पहले से ही तजिंदर से घबराते और डरते हैं। तजिंदर हमेशा से उनकी गलतियों को उजागर करते रहे हैं। केजरीवाल ने तजिंदर को आम आदमी पार्टी (आप) में शामिल होने के लिए मनाने की भी कोशिश की थी, लेकिन वह ‘आप’ में शामिल नहीं हुए।

केजरीवाल जब तक सत्ता में हैं या सुधर नहीं जाते तब तक ऐसा ही चलता रहेगा। मेरी तजिंदर से बात नहीं हुई है और उनके पास कोई फोन भी नहीं है। उन्होंने कहा कि हमें खुशी है कि पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने तजिंदर के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई नहीं करने का निर्देश दिया है।

तजिंदर बग्गा (Tajinder Bagga) की गिरफ्तारी को लेकर शुक्रवार सुबह से लेकर देर रात तक चली सियासी ड्रामेबाजी के बाद भी मामला अभी शांत होता नजर नहीं आ रहा है। हालांकि, पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने फिलहाल तजिंदर को फौरी राहत देते हुए उनके खिलाफ 10 मई तक दंडात्मक कार्रवाई नहीं करने का निर्देश दिया है। वहीं, पंजाब पुलिस द्वारा तजिंदर बग्गा को बिना पगड़ी को गिरफ्तार करने और उनके पिता के साथ कथित मारपीट के मामले में राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग ने पंजाब के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर 7 दिनों के अंदर रिपोर्ट मांगी है।,

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बग्गा के खिलाफ कोई दंडात्मक कदम न उठाया जाए : हाईकोर्ट

पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने शनिवार रात निर्देश दिया कि तजिंदर पाल सिंह बग्गा के खिलाफ कोई दंडात्कम कदम न उठाया जाए। इससे पहले दिल्ली भाजपा के नेता ने मोहाली की एक अदालत द्वारा दिन में जारी गिरफ्तारी वारंट पर रोक लगाने की मांग को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। पंजाब पुलिस द्वारा पिछले महीने उनके खिलाफ दर्ज एक मामले के संबंध में मोहाली की अदालत द्वारा गिरफ्तारी वारंट जारी करने के कुछ घंटों बाद बग्गा ने इसे चुनौती देते हुए हाईकोर्ट का रुख किया था।

जस्टिस अनूप चितकारा ने आधी रात से ठीक पहले अत्यावश्यक आधार पर बग्गा की याचिका पर अपने आवास पर सुनवाई की। बग्गा के वकील चेतन मित्तल ने हाईकोर्ट के आदेश पर कहा कि 10 मई तक कोई दंडात्मक कदम नहीं उठाया जाएगा।

हाईकोर्ट बग्गा की उस याचिका पर 10 मई को विचार करेगा, जिसमें पिछले महीने उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने की अपील की गई है। उन्होंने कहा कि अदालत ने गिरफ्तारी वारंट पर रोक लगा दी है। मित्तल ने बताया कि सुनवाई करीब 45 मिनट तक चली। इससे पहले दिन में न्यायिक दंडाधिकारी रावतेश इंद्रजीत सिंह की अदालत ने पिछले महीने दर्ज एक मामले में बग्गा के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था।

पंजाब पुलिस ने भड़काऊ बयान देने, दुश्मनी को बढ़ावा देने और आपराधिक धमकी देने के आरोप में तजिंदर पाल सिंह बग्गा के खिलाफ मामला दर्ज किया था। मोहाली के निवासी आम आदमी पार्टी  (आप) के नेता सनी अहलूवालिया की शिकायत पर यह मामला दर्ज किया गया था। एक अप्रैल को दर्ज एफआईआर में 30 मार्च की बग्गा की टिप्पणी का उल्लेख है, जो उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास के बाहर भाजपा युवा मोर्चे के विरोध प्रदर्शन के दौरान की थी।

बग्गा के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 153-ए, 505 और 506 के तहत मामला दर्ज किया गया था। बग्गा को पंजाब पुलिस ने शुक्रवार को दिल्ली स्थित उनके घर से गिरफ्तार किया था। हालांकि  बग्गा को पंजाब ले जा रहे पुलिसकर्मियों को हरियाणा में रोक लिया गया था, जिसके बाद दिल्ली पुलिस उन्हें वापस दिल्ली ले आई थी। 





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