तकनीक और आत्मनिर्भरता से सहकारी बैंकों का होगा सुधार: सहकारिता सचिव बोले, प्राइवेट और सरकारी बैंकों की तर्ज पर बढ़ाएंगे तकनीकी सुविधाएं – Uttar Pradesh News h3>
भारत सरकार के सहकारिता मंत्रालय के सचिव डॉ. आशीष कुमार भूटानी ने कहा है कि वर्तमान में सरकारी समितियों के कार्यक्षेत्र में विस्तार हो रहा है। इसे देखते हुए समितियों को नवीन तकनीक और संसाधनों का उपयोग कर अपने कार्यों को नए स्वरूप में ढालना होगा। इससे
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इस मौके पर भूटानी ने पत्रकारों से बात करते हुए कि सहकारिता को नई उचाइयों तक लेकर जाएंगे। यूपी में कई अच्छे काम इस क्षेत्र में हुए हैं, जिन्हें अब दूसरे राज्यों में भी लागू कराएंगे। विभाग का उद्देश्य है कि सहकारिता का अधिक से अधिक लाभ लोगों को मिले। उन्होंने बताया कि हमने किसानों की समस्याएं भी सुनी हैं। उन्होंने कहा कि इंट्रेस्ट फ्री लोन की लमिट भी 10 लाख से बढ़ाकर 15 लाख रुपये की गई है। उन्होंने कहा कि जो कमियां हैं उसे हम कैसे दूर सकते हैं, इसे लेकर भी चर्चा की गई है।
भूटानी ने कहा कि वे कोआपरेटिव बैंक के सशक्तीकरण के लिए हम आरबीआई के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। आरबीआई कंट्रोल सहकारिता पर आ चुका है, इसे और सुधार के लिए काम किया जा रहा है। सहकारी बैंकों को भी मजबूत किया जा रहा है। शहरी व ग्रामीण सहकारी बैंकों के लिए अलग अलग सुविधाएं देने के लिए काम किया जा रहा है।
भूटानी ने कहा कि बैंकों में पारदर्शिता लाना जरूरी है। तकनीक के अलावा और कोई तरीका नहीं है, पारदर्शिता लाने का। जिस तकनीक का इस्तेमाल प्राइवेट बैंको और सरकारी बैंकों में हो रहा है, उसी तकनीक का इस्तेमाल आने वाले दिनों में सहकारी बैंकों में भी किया जाएगा। इस दिशा में काम किया जा रहा है।
भूटानी ने इससे पहले सहकारिता भवन में विभाग के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। प्रमुख सचिव सहकारिता ने विभागीय प्रगति रिपोर्ट पेश करते हुए अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष 2025 के तहत किए जा रहे कार्यों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम के तहत मैराथन “रन फॉर कोआपरेशन” का आयोजन हुआ, जिसमें 5,000 से अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। इसके अलावा, सभी कार्यालयों में बैनर, पोस्टर और होर्डिंग्स के माध्यम से रीब्रांडिंग की गई।
मंत्री ने किया पोर्टल लांच
सहकारिता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जे.पी.एस. राठौर ने अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष 2025 के तहत एक वेब पोर्टल लॉन्च किया। यह पोर्टल सहकारी संगठनों के कार्यक्रमों को डिजिटल रूप में प्रस्तुत करने और उनकी निगरानी के लिए तैयार किया गया है। पोर्टल से सहकारी गतिविधियों का प्रचार, युवाओं की भागीदारी और सहकारी आंदोलन को मजबूती मिलेगी।
ई-ऑफिस से बढ़ेगी पारदर्शिता
आयुक्त एवं निबंधक सहकारिता अनिल कुमार सिंह ने बताया कि विभागीय कार्यालय को ई-ऑफिस प्लेटफॉर्म से जोड़ने की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। इससे कार्यों में पारदर्शिता आएगी। बैठक में सचिव भारत सरकार के साथ प्रमुख सचिव सहकारिता सौरभ बाबू, विशेष सचिव खाद्य महावीर प्रसाद गौतम सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।