ड्रेन के साथ बने सैकड़ों मकानों की सुरक्षा के लिए कोई प्लान नहीं, बाउंड्री वॉल न होने से बच्चों के लिए खतरा h3>
गुरुग्राम: भले ही बादशाहपुर ड्रेन में कई हादसे हो चुके हों, लेकिन जीएमडीए के पास अभी इस ड्रेन के कच्चे हिस्से को पक्का करने का कोई प्लान नहीं है। स्थानीय लोग लंबे समय से इस ड्रेन को दुरुस्त करने की मांग कर रहे हैं। वहीं जीएमडीए का कहना है कि वह ड्रेन को पक्का करना चाहता है लेकिन एनजीटी के आदेश आड़े आ रहे हैं। बता दें ग्राउंड वॉटर रिचार्ज को लेकर कुछ एरिया में ड्रेन को कच्चा छोड़ा जाना है, लेकिन रिहायशी एरिया में कच्चा छोड़ने के अलावा दीवार और फेंसिंग न होना लोगों के लिए खतरा पैदा हो गया है। आए दिन हो रहे हादसों को रोकने के लिए इसको लेकर जल्द से जल्द काम करने की जरूरत है।
केवल 5 किलोमीटर ही कच्ची
गांव घाटा के निकट से शुरू होने वाली बादशाहपुर ड्रेन शहर के बाहरी एरिया से निकलते हुए नजफगढ़ ड्रेन तक जाती है। इसकी लंबाई 26 किलोमीटर है। इसमें से अधिकतर हिस्सा पक्का करके कवर भी किया जा चुका है। लेकिन सेक्टर 37 डी, गाडौली से लेकर धनकोट तक यह ड्रेन कच्ची है। इस एरिया में कई जगहों पर रिहायशी एरिया है। जिसमें गाडौली गांव भी आता है। इस ड्रेन के साथ-साथ गांव के दर्जनों मकान भी बने हैं।
हर दिन निकलता है 450 एमएलडी सीवर का पानी
शहर में हर दिन 450 एमएलडी सीवर का पानी निकलता है। यह पानी गांव घाटा से सेक्टर 59 से शुरू होकर वाटिका चौक के रास्ते हाइवे से होते हुए गांव गाडौली, धनकोट के रास्ते नजफगढ़ ड्रेन तक जाता है। इसमें से बहरामपुर और धनवापुर में दो एसटीपी में पानी ट्रीट होकर ड्रेन में जाता है। एक सौ एमएलडी बिना ट्रीट के ड्रेन में जाता है।
ग्रामीणों ने उठाई मांग
रविवार को ड्रेन में गिरे दिशांत के बाद ग्रामीणों में गुस्सा है। तीन दिन से रोड जाम है। सर्च ऑपरेशन चल रहा है। अब ग्रामीणों ने इस ड्रेन को पक्का करने की मांग उठाई है। इसको लेकर जीएमडीए और नगर निगम के अधिकारियों के सामने एक प्लान भी सांझा किया गया है। निगम पार्षद कृष्ण गाडौली ने बताया कि ग्रामीणों से बातचीत कर अधिकारियों से इस ड्रेन को गांव के आसपास पक्का करने की मांग की गई है। बीजेपी के जिला महामंत्री मनीष गाडौली ने बताया कि ड्रेन को पक्का करने, पुलिया बनाने और जाली लगवाने का आश्वासन अधिकारियों ने दिया है।
बारिश के दिनों में हालात होते हैं खराब
बारिश के दिनों में पूरे शहर का सीवर का पानी ड्रेन में आता है। इसके चलते ड्रेन लबालब हो जाती है। जिससे पानी गांव की गलियों तक पहुंच जाता है। किसी प्रकार की कोई जाली न होने, दीवार न होने और कच्चा होने के कारण बारिश के दिनों में खतरा अधिक हो जाता है।
एनजीटी का आदेश आड़े
बादशाहपुर ड्रेन को कच्चा रखने के लिए एनजीटी के भी आदेश हैं। ग्राउंड वाटर काफी नीचे होने के कारण इस ड्रेन को कच्चा रखने के आदेश हुए हैं ताकि ग्राउंड वाटर रिचार्ज होता रहे। यह आदेश जिला प्रशासन के माध्यम से जीएमडीए और नगर निगम के पास हैं। ऐसे में इस ड्रेन को पक्का करने में यह आदेश भी आड़े आ रहे हैं।
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गांव घाटा के निकट से शुरू होने वाली बादशाहपुर ड्रेन शहर के बाहरी एरिया से निकलते हुए नजफगढ़ ड्रेन तक जाती है। इसकी लंबाई 26 किलोमीटर है। इसमें से अधिकतर हिस्सा पक्का करके कवर भी किया जा चुका है। लेकिन सेक्टर 37 डी, गाडौली से लेकर धनकोट तक यह ड्रेन कच्ची है। इस एरिया में कई जगहों पर रिहायशी एरिया है। जिसमें गाडौली गांव भी आता है। इस ड्रेन के साथ-साथ गांव के दर्जनों मकान भी बने हैं।
हर दिन निकलता है 450 एमएलडी सीवर का पानी
शहर में हर दिन 450 एमएलडी सीवर का पानी निकलता है। यह पानी गांव घाटा से सेक्टर 59 से शुरू होकर वाटिका चौक के रास्ते हाइवे से होते हुए गांव गाडौली, धनकोट के रास्ते नजफगढ़ ड्रेन तक जाता है। इसमें से बहरामपुर और धनवापुर में दो एसटीपी में पानी ट्रीट होकर ड्रेन में जाता है। एक सौ एमएलडी बिना ट्रीट के ड्रेन में जाता है।
ग्रामीणों ने उठाई मांग
रविवार को ड्रेन में गिरे दिशांत के बाद ग्रामीणों में गुस्सा है। तीन दिन से रोड जाम है। सर्च ऑपरेशन चल रहा है। अब ग्रामीणों ने इस ड्रेन को पक्का करने की मांग उठाई है। इसको लेकर जीएमडीए और नगर निगम के अधिकारियों के सामने एक प्लान भी सांझा किया गया है। निगम पार्षद कृष्ण गाडौली ने बताया कि ग्रामीणों से बातचीत कर अधिकारियों से इस ड्रेन को गांव के आसपास पक्का करने की मांग की गई है। बीजेपी के जिला महामंत्री मनीष गाडौली ने बताया कि ड्रेन को पक्का करने, पुलिया बनाने और जाली लगवाने का आश्वासन अधिकारियों ने दिया है।
बारिश के दिनों में हालात होते हैं खराब
बारिश के दिनों में पूरे शहर का सीवर का पानी ड्रेन में आता है। इसके चलते ड्रेन लबालब हो जाती है। जिससे पानी गांव की गलियों तक पहुंच जाता है। किसी प्रकार की कोई जाली न होने, दीवार न होने और कच्चा होने के कारण बारिश के दिनों में खतरा अधिक हो जाता है।
एनजीटी का आदेश आड़े
बादशाहपुर ड्रेन को कच्चा रखने के लिए एनजीटी के भी आदेश हैं। ग्राउंड वाटर काफी नीचे होने के कारण इस ड्रेन को कच्चा रखने के आदेश हुए हैं ताकि ग्राउंड वाटर रिचार्ज होता रहे। यह आदेश जिला प्रशासन के माध्यम से जीएमडीए और नगर निगम के पास हैं। ऐसे में इस ड्रेन को पक्का करने में यह आदेश भी आड़े आ रहे हैं।