डॉ. आनंद राय निलंबित, और कसेगा शिकंजा | Dr. Anand Rai suspended, and the screws will be tightened | Patrika News h3>
– गिरफ्तारी के बाद स्वास्थ्य विभाग ने उठाया कदम, बड़ी कार्रवाई के मूड में सरकार
इंदौर
Published: April 08, 2022 11:31:01 am
इंदौर. व्यापमं घोटाले का खुलासा करने वाले डॉ. आनंद राय को पुलिस ने दिल्ली से गिरफ्तार किया है। पिछले दिनों मुख्यमंत्री के ओएसडी ने एमपी टीईटी के पेपर लीक में शामिल होने का दावा किया था, जिस पर मुकदमा दर्ज किया। गिरफ्तारी के बाद स्वास्थ्य विभाग ने डॉ. राय को निलंबित कर दिया।
डॉ. आनंद राय निलंबित, और कसेगा शिकंजा
ड्रग ट्रायल और व्यापमं घोटाले को उजागर करने वाले व्हिसल ब्लोअर डॉ. राय को मप्र पुलिस की क्राइम ब्रांच ने दिल्ली से गिरफ्तार किया और भोपाल लाई। डॉ. राय को मुख्यमंत्री के ओएसडी लक्ष्मणङ्क्षसह मरकाम पर टीईटी के पेपर लीक करने का आरोप लगाना भारी पड़ गया। इस मामले में कांग्रेस नेता केके मिश्रा पर भी मुकदमा दर्ज हुआ था, लेकिन उन्हें जमानत मिल गई। डॉ. राय केस खत्म करने के लिए जबलपुर हाई कोर्ट गए थे, जिसमें दिल्ली के वकीलों ने जिरह की, लेकिन कोर्ट ने उनकी अपील को खारिज कर दिया। वे सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने की तैयारी कर रहे थे। गिरफ्तार होने के बाद डॉ. राय ने खुद सोशल मीडिया पर जानकारी दी और शुभङ्क्षचतकों से भोपाल पहुंचने की अपील की। उसके बाद जयस संगठन के नेता जरूर भोपाल की तरफ बढ़े, लेकिन सरकार का रुख पूरे मामले में खासा सख्त है।
इधर, संचालनालय स्वास्थ्य सेवाएं की अपर संचालक (शिकायत) सपना एम लोवंशी ने डॉ. राय को मप्र सिविल सेवा नियम 1966 के नियम 9 (1) के अंतर्गत तत्काल प्रभाव से निलंबित करने का आदेश जारी कर दिया। कार्रवाई के पीछे का तर्क है कि पदीय दायित्वों के प्रति घोर लापरवाही बरती। शासकीय सेवक रहते हुए शासन की नीतियों व योजनाओं की सोशल मीडिया के माध्यम से सार्वजनिक मंच पर आलोचना व पदीय कर्तव्यों का पालन नहीं किया। बताया जा रहा है कि डॉ. राय की मुश्किलें और भी बढ़ सकती हैं।
राजनीतिक शुरुआत भाजपा से
दो दशक पहले डॉ. राय का राजनीतिक उदय जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष बनने से हुआ था। उन्होंने 15 साल पहले भाजपा जॉइन की। तत्कालीन नगर भाजपा अध्यक्ष सुदर्शन गुप्ता ने उनकी सक्रियता को देख भाजपा के चिकित्सा प्रकोष्ठ का अध्यक्ष बना दिया था। हरदा से विधानसभा का टिकट भी मांगा था पर नहीं मिला। बाद में व्यापमं और ड्रग ट्रायल का मुद्दा उठाकर जमकर ख्याति बटोरी। बाद में वे दिग्विजय के नजदीक हो गए और पांच नंबर विधानसभा से टिकट मांगा। यहां पर आखिरी समय पर पूर्व विधायक सत्यनारायण पटेल को कांग्रेस ने टिकट दे दिया। 4 साल से वे जयस को लेकर काम कर रहे हैं। आए दिन सरकार को कठघरे में खड़ा करने का प्रयास करते रहे। नेमावर सहित कई आंदोलन भी किए।
अगली खबर

– गिरफ्तारी के बाद स्वास्थ्य विभाग ने उठाया कदम, बड़ी कार्रवाई के मूड में सरकार
इंदौर
Published: April 08, 2022 11:31:01 am
इंदौर. व्यापमं घोटाले का खुलासा करने वाले डॉ. आनंद राय को पुलिस ने दिल्ली से गिरफ्तार किया है। पिछले दिनों मुख्यमंत्री के ओएसडी ने एमपी टीईटी के पेपर लीक में शामिल होने का दावा किया था, जिस पर मुकदमा दर्ज किया। गिरफ्तारी के बाद स्वास्थ्य विभाग ने डॉ. राय को निलंबित कर दिया।
डॉ. आनंद राय निलंबित, और कसेगा शिकंजा
ड्रग ट्रायल और व्यापमं घोटाले को उजागर करने वाले व्हिसल ब्लोअर डॉ. राय को मप्र पुलिस की क्राइम ब्रांच ने दिल्ली से गिरफ्तार किया और भोपाल लाई। डॉ. राय को मुख्यमंत्री के ओएसडी लक्ष्मणङ्क्षसह मरकाम पर टीईटी के पेपर लीक करने का आरोप लगाना भारी पड़ गया। इस मामले में कांग्रेस नेता केके मिश्रा पर भी मुकदमा दर्ज हुआ था, लेकिन उन्हें जमानत मिल गई। डॉ. राय केस खत्म करने के लिए जबलपुर हाई कोर्ट गए थे, जिसमें दिल्ली के वकीलों ने जिरह की, लेकिन कोर्ट ने उनकी अपील को खारिज कर दिया। वे सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने की तैयारी कर रहे थे। गिरफ्तार होने के बाद डॉ. राय ने खुद सोशल मीडिया पर जानकारी दी और शुभङ्क्षचतकों से भोपाल पहुंचने की अपील की। उसके बाद जयस संगठन के नेता जरूर भोपाल की तरफ बढ़े, लेकिन सरकार का रुख पूरे मामले में खासा सख्त है।
इधर, संचालनालय स्वास्थ्य सेवाएं की अपर संचालक (शिकायत) सपना एम लोवंशी ने डॉ. राय को मप्र सिविल सेवा नियम 1966 के नियम 9 (1) के अंतर्गत तत्काल प्रभाव से निलंबित करने का आदेश जारी कर दिया। कार्रवाई के पीछे का तर्क है कि पदीय दायित्वों के प्रति घोर लापरवाही बरती। शासकीय सेवक रहते हुए शासन की नीतियों व योजनाओं की सोशल मीडिया के माध्यम से सार्वजनिक मंच पर आलोचना व पदीय कर्तव्यों का पालन नहीं किया। बताया जा रहा है कि डॉ. राय की मुश्किलें और भी बढ़ सकती हैं।
राजनीतिक शुरुआत भाजपा से
दो दशक पहले डॉ. राय का राजनीतिक उदय जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष बनने से हुआ था। उन्होंने 15 साल पहले भाजपा जॉइन की। तत्कालीन नगर भाजपा अध्यक्ष सुदर्शन गुप्ता ने उनकी सक्रियता को देख भाजपा के चिकित्सा प्रकोष्ठ का अध्यक्ष बना दिया था। हरदा से विधानसभा का टिकट भी मांगा था पर नहीं मिला। बाद में व्यापमं और ड्रग ट्रायल का मुद्दा उठाकर जमकर ख्याति बटोरी। बाद में वे दिग्विजय के नजदीक हो गए और पांच नंबर विधानसभा से टिकट मांगा। यहां पर आखिरी समय पर पूर्व विधायक सत्यनारायण पटेल को कांग्रेस ने टिकट दे दिया। 4 साल से वे जयस को लेकर काम कर रहे हैं। आए दिन सरकार को कठघरे में खड़ा करने का प्रयास करते रहे। नेमावर सहित कई आंदोलन भी किए।
अगली खबर