डॉक्टर-इंजीनियर बनने फिर यहां जाने लगे स्टूडेंट्स, हाउसफुल हो गया ये शहर | Students started going here to become doctor-engineer | Patrika News h3>
फिर शुरू हो गई ऑफलाइन कोचिंग
मध्यप्रदेश के इंदौर और भोपाल शहर में भी अब कई कोचिंग क्लासेस शुरू हो गई है। यहां आसपास के हजारों स्टूडेंट कोचिंग करते हैं, हालांकि जिन्हें इंजीनियरिंग और चिकित्सा क्षेत्र में जाना होता है वे इससे भी बड़े शहरों की और रूख कर रहे हैं। जिसमें राजस्थान के कोटा का भी नाम आता है, यहां भी प्रदेश से हर साल हजारों स्टूडेंट्स पहुंचते हैं। कोरोना महामारी के कारण यहां सभी कोचिंग क्लासेस बंद हो गई थी, सभी को तुरंत अपने अपने घर रवाना कर दिया था, लेकिन अब फिर से क्लासेस खुलने के साथ ही हर दिन यहां सैंकड़ों स्टूडेंट्स पहुंचने लगे हैं।
कॉमर्स में भी बना रहे है कॅरियर
इंजीनियरिंग और मेडिकल के साथ ही कॉमर्स में कॅरियर बनाने के लिए भी विद्यार्थी देशभर से आ रहे हैं। कोटा के अधिकांश इलाकों में हाउसफुल की स्थिति है। कोचिंग संचालकों की मानें तो इस बार कोटा में पिछले वर्षों की तुलना में अधिक विद्यार्थी पहुंचने का अनुमान है। नीट और जेईई खत्म होने तथा इन परीक्षाओं के परिणाम आने के बाद तक प्रवेश जारी रहेंगे। वर्ष 2019 में कोटा में 1.65 लाख विद्यार्थी देशभर से आए थे। इस वर्ष यह आंकड़ा 1.80 लाख को पार कर गया।
50 हजार से अधिक आते हैं स्टूडेंट
कोटा का माहौल स्टूडेंट फ्रेंडली है। कश्मीर से कन्याकुमारी और पूर्वोत्तर से पश्चिम तक के विद्यार्थी यहां आकर कॅरियर बना रहे हैं। कोटा में देश के लगभग सभी प्रांतों से 50 हजार से ज्यादा छात्राएं आकर अध्ययन करती हैं। घर से हजारों किमी दूर रहने वाली छात्राओं को यहां घर जैसा सुरक्षित माहौल उपलब्ध करवाया जाता है।
यह ट्रेंड रहा है…
2017 में करीब 1.30 लाख, 2018 में 1.50 लाख से ज्यादा व 2019 में 1.65 लाख विद्यार्थी आए।
2020 में लॉकडाउन लग गया। 75 हजार विद्यार्थी तब कोटा में थे। 20 हजार स्वयं लौट गए, 60 हजार को प्रशासन व कोचिंग संस्थानों ने सुरक्षित घर पहुंचाया।
2021 में 60,000 छात्र आए।
विदेशी विवि तक के लिए तैयारी
कोटा में कोचिंग की पढ़ाई अब सिर्फ भारतीय मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेजों की प्रवेश परीक्षा की तैयारी तक ही सीमित नहीं है। विदेशी विश्वविद्यालयों में विद्यार्थी के प्रवेश भी सुनिश्चित हो रहे हैं। कोटा में अब ऑक्सफोर्ड, कैम्ब्रिज, एमआइटी, टोरंटो जैसे दुनिया के श्रेष्ठ शिक्षण संस्थानों में प्रवेश के लिए कोचिंग दी जाने लगी है। परिणाम भी अच्छे आने लगे हैं।सेट, एक्ट, आइलिट्स, टॉफेल, जीमेट की तैयारी करवाई जाती है।
कोविड के बाद और मजबूत हुआ कोटा
कोविड के बाद कोटा विद्यार्थी को अच्छी पढ़ाई व सुविधाएं देने के लिए ही नहीं बल्कि देखभाल के लिए भी पहचाना जाने लगा है। कोचिंग संस्थानों ने विद्यार्थियों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने के लिए अस्पताल भी शुरू कर दिए।
यह भी पढ़ें : इंदौर टीआई की पांच बीवी : अब सामने आई लेडी कांस्टेबल माया, जानिये क्या है पूरा मामला
इसलिए विद्यार्थी आ रहे कोटा
कोटा इंजीनियरिंग व मेडिकल की प्रवेश परीक्षाओं की कोचिंग की दृष्टि से सर्वाधिक उपयोगी है। यहां आइआइटीयन, एनआइटीयन, एमबीबीएस के साथ ही देश के श्रेष्ठ शिक्षण संस्थानों से पढ़कर आने वाले युवा शिक्षण में कॅरियर बना रहे हैं। श्रेष्ठ विद्यार्थी और श्रेष्ठ शिक्षकों का पूल ही कोटा को दूसरे शहरों से अलग बनाता है। इसमें यहां के कोचिंग संस्थानों की ओर से दी जाने वाली श्रेष्ठ सुविधाओं के मिलने से पूरा माहौल श्रेष्ठ हो जाता है।
फिर शुरू हो गई ऑफलाइन कोचिंग
मध्यप्रदेश के इंदौर और भोपाल शहर में भी अब कई कोचिंग क्लासेस शुरू हो गई है। यहां आसपास के हजारों स्टूडेंट कोचिंग करते हैं, हालांकि जिन्हें इंजीनियरिंग और चिकित्सा क्षेत्र में जाना होता है वे इससे भी बड़े शहरों की और रूख कर रहे हैं। जिसमें राजस्थान के कोटा का भी नाम आता है, यहां भी प्रदेश से हर साल हजारों स्टूडेंट्स पहुंचते हैं। कोरोना महामारी के कारण यहां सभी कोचिंग क्लासेस बंद हो गई थी, सभी को तुरंत अपने अपने घर रवाना कर दिया था, लेकिन अब फिर से क्लासेस खुलने के साथ ही हर दिन यहां सैंकड़ों स्टूडेंट्स पहुंचने लगे हैं।
कॉमर्स में भी बना रहे है कॅरियर
इंजीनियरिंग और मेडिकल के साथ ही कॉमर्स में कॅरियर बनाने के लिए भी विद्यार्थी देशभर से आ रहे हैं। कोटा के अधिकांश इलाकों में हाउसफुल की स्थिति है। कोचिंग संचालकों की मानें तो इस बार कोटा में पिछले वर्षों की तुलना में अधिक विद्यार्थी पहुंचने का अनुमान है। नीट और जेईई खत्म होने तथा इन परीक्षाओं के परिणाम आने के बाद तक प्रवेश जारी रहेंगे। वर्ष 2019 में कोटा में 1.65 लाख विद्यार्थी देशभर से आए थे। इस वर्ष यह आंकड़ा 1.80 लाख को पार कर गया।
50 हजार से अधिक आते हैं स्टूडेंट
कोटा का माहौल स्टूडेंट फ्रेंडली है। कश्मीर से कन्याकुमारी और पूर्वोत्तर से पश्चिम तक के विद्यार्थी यहां आकर कॅरियर बना रहे हैं। कोटा में देश के लगभग सभी प्रांतों से 50 हजार से ज्यादा छात्राएं आकर अध्ययन करती हैं। घर से हजारों किमी दूर रहने वाली छात्राओं को यहां घर जैसा सुरक्षित माहौल उपलब्ध करवाया जाता है।
यह ट्रेंड रहा है…
2017 में करीब 1.30 लाख, 2018 में 1.50 लाख से ज्यादा व 2019 में 1.65 लाख विद्यार्थी आए।
2020 में लॉकडाउन लग गया। 75 हजार विद्यार्थी तब कोटा में थे। 20 हजार स्वयं लौट गए, 60 हजार को प्रशासन व कोचिंग संस्थानों ने सुरक्षित घर पहुंचाया।
2021 में 60,000 छात्र आए।
विदेशी विवि तक के लिए तैयारी
कोटा में कोचिंग की पढ़ाई अब सिर्फ भारतीय मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेजों की प्रवेश परीक्षा की तैयारी तक ही सीमित नहीं है। विदेशी विश्वविद्यालयों में विद्यार्थी के प्रवेश भी सुनिश्चित हो रहे हैं। कोटा में अब ऑक्सफोर्ड, कैम्ब्रिज, एमआइटी, टोरंटो जैसे दुनिया के श्रेष्ठ शिक्षण संस्थानों में प्रवेश के लिए कोचिंग दी जाने लगी है। परिणाम भी अच्छे आने लगे हैं।सेट, एक्ट, आइलिट्स, टॉफेल, जीमेट की तैयारी करवाई जाती है।
कोविड के बाद और मजबूत हुआ कोटा
कोविड के बाद कोटा विद्यार्थी को अच्छी पढ़ाई व सुविधाएं देने के लिए ही नहीं बल्कि देखभाल के लिए भी पहचाना जाने लगा है। कोचिंग संस्थानों ने विद्यार्थियों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने के लिए अस्पताल भी शुरू कर दिए।
यह भी पढ़ें : इंदौर टीआई की पांच बीवी : अब सामने आई लेडी कांस्टेबल माया, जानिये क्या है पूरा मामला
इसलिए विद्यार्थी आ रहे कोटा
कोटा इंजीनियरिंग व मेडिकल की प्रवेश परीक्षाओं की कोचिंग की दृष्टि से सर्वाधिक उपयोगी है। यहां आइआइटीयन, एनआइटीयन, एमबीबीएस के साथ ही देश के श्रेष्ठ शिक्षण संस्थानों से पढ़कर आने वाले युवा शिक्षण में कॅरियर बना रहे हैं। श्रेष्ठ विद्यार्थी और श्रेष्ठ शिक्षकों का पूल ही कोटा को दूसरे शहरों से अलग बनाता है। इसमें यहां के कोचिंग संस्थानों की ओर से दी जाने वाली श्रेष्ठ सुविधाओं के मिलने से पूरा माहौल श्रेष्ठ हो जाता है।