डीजल अनुदान : स्वीकृत महज 15 तो रिजेक्ट 3031 आवेदन h3>
डीजल अनुदान : स्वीकृत महज 15 तो रिजेक्ट 3031 आवेदन
सत्यापन में डीजल खरीद का रसीद तो दिखा रहे पर डीजल इंजन ही नहीं
डीजल पम्पसेट से पटवन का साक्ष्य प्रस्तुत करने में किसान नाकाम
3361 धरती पुत्रों ने मांगा है डीजल अनुदान
फोटो
धान : धान का खेत।
बिहारशरीफ, कार्यालय प्रतिनिधि।
कम बारिश से पिछड़ती खरीफ की खेती को रफ्तार देने के लिए 75 रुपया प्रति लीटर डीजल अनुदान मिलना है। लेकिन, फर्जी आवेदनों की भरमार से विभाग बेदम है। समस्या यह कि भौतिक सत्यापन के समय डीजल इंजन से पटवन का साक्ष्य प्रस्तुत करने में जिले के किसान नाकाम हो रहे हैं। नौबत यह कि 3031 किसानों के आवेदन शर्तों को पूरा न करने के कारण रिजेक्ट हो गये हैं। महज 15 आवेदनों को ही अनुदान की राशि दी गयी है।
अबतक जिले के 3161 धरतीपुत्रों ने आवेदन दिया है। कृषि समन्वयकों द्वारा 3049 आवेदनों की जांच की गयी है। 3031 रद्द कर दिये गये हैं। जबकि, 112 पेंडिंग हैं। 18 को सही पाते हुए डीएओ के पास भेजा गया है। इनमें तीन आवेदनों को डीएओ द्वारा रिजेक्ट कर दिया गया है। जबकि, 15 किसानों के खाते में 9330 रुपए दिये जा चुके हैं। आवेदनों का सत्यापन डीबीटी कृषक सत्यापन एप के माध्यम से किया जा रहा है। कृषि समन्वयक को जवाबदेही दी गयी है कि किसानों के खेत पर जाकर यह जानकारी जुटाएंगे कि सिंचाई डीजल पम्पसेट से ही गयी है। सत्यापन के समय किसान को डीजल इंजन भी दिखाना है। इतना ही नहीं, डीजल पम्पसेट की तस्वीर खींचकर एप पर लोड करना है। पेच यहीं पर फंस रहा है। किसान पेट्रोल पम्प संचालकों से डीजल खरीद का रसीद तो जुगाड़ कर ले रहे हैं। लेकिन, डीजल पम्प सेट को दिखाने में फेल हो जा रहे हैं। इसकी मुख्य वजह यह कि बिजली की उपलब्धता के कारण अधिकतर गांवों में डीजल पम्पसेट नहीं हैं। अगर है भी तो वह बेकार पड़ा है।
एक ही जमीन पर कई ने दिये हैं आवेदन:
समस्या यह भी कि एक ही जमीन पर कई किसानों ने डीजल अनुदान के लिए आवेदन कर दिया गया है। जबकि, एक परिवार से एक सदस्य को ही अनुदान मिलना है। रैयत के साथ ही गैर रैयत किसानों को भी डीजल अनुदान मिलना है। शर्त यह कि गैर रैयत को वार्ड सदस्य से सत्यापन और कृषि समन्वयक से पहचान कराकर आवेदन करना पड़ेगा। अनुदान करते समय किसानों को जमीन की रसीद, डीजल खरीद का कैसमेमो (किसान निबंधन संख्या के साथ) व बैंक डिटेल्स देना होगा। जांच में यह भी खुलासा हो रहा है कि कई किसानों ने गलत सूचना देकर भी आवेदन कर दिया है। ऐसे किसानों के भी आवेदन अस्वीकृत किये जा रहे हैं।
कहते हैं अधिकारी
डीबीटी कृषक सत्यापन एप के माध्यम से आवेदनों की जांच ऑनलाइन की जा रही है। लेकिन, भौतिक सत्यापन के समय किसान डीजल पम्पसेट से पटवन का साक्ष्य प्रस्तुत नहीं कर पा रहे हैं। ज्यादातर ऐसे किसानों ने आवेदन डाला है, जिनके पास डीजल इंजन ही नहीं हैं। इसी वजह से आवेदन रिजेक्ट हो रहे हैं।
संजय कुमार, जिला कृषि पदाधिकारी
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डीजल अनुदान : स्वीकृत महज 15 तो रिजेक्ट 3031 आवेदन
सत्यापन में डीजल खरीद का रसीद तो दिखा रहे पर डीजल इंजन ही नहीं
डीजल पम्पसेट से पटवन का साक्ष्य प्रस्तुत करने में किसान नाकाम
3361 धरती पुत्रों ने मांगा है डीजल अनुदान
फोटो
धान : धान का खेत।
बिहारशरीफ, कार्यालय प्रतिनिधि।
कम बारिश से पिछड़ती खरीफ की खेती को रफ्तार देने के लिए 75 रुपया प्रति लीटर डीजल अनुदान मिलना है। लेकिन, फर्जी आवेदनों की भरमार से विभाग बेदम है। समस्या यह कि भौतिक सत्यापन के समय डीजल इंजन से पटवन का साक्ष्य प्रस्तुत करने में जिले के किसान नाकाम हो रहे हैं। नौबत यह कि 3031 किसानों के आवेदन शर्तों को पूरा न करने के कारण रिजेक्ट हो गये हैं। महज 15 आवेदनों को ही अनुदान की राशि दी गयी है।
अबतक जिले के 3161 धरतीपुत्रों ने आवेदन दिया है। कृषि समन्वयकों द्वारा 3049 आवेदनों की जांच की गयी है। 3031 रद्द कर दिये गये हैं। जबकि, 112 पेंडिंग हैं। 18 को सही पाते हुए डीएओ के पास भेजा गया है। इनमें तीन आवेदनों को डीएओ द्वारा रिजेक्ट कर दिया गया है। जबकि, 15 किसानों के खाते में 9330 रुपए दिये जा चुके हैं। आवेदनों का सत्यापन डीबीटी कृषक सत्यापन एप के माध्यम से किया जा रहा है। कृषि समन्वयक को जवाबदेही दी गयी है कि किसानों के खेत पर जाकर यह जानकारी जुटाएंगे कि सिंचाई डीजल पम्पसेट से ही गयी है। सत्यापन के समय किसान को डीजल इंजन भी दिखाना है। इतना ही नहीं, डीजल पम्पसेट की तस्वीर खींचकर एप पर लोड करना है। पेच यहीं पर फंस रहा है। किसान पेट्रोल पम्प संचालकों से डीजल खरीद का रसीद तो जुगाड़ कर ले रहे हैं। लेकिन, डीजल पम्प सेट को दिखाने में फेल हो जा रहे हैं। इसकी मुख्य वजह यह कि बिजली की उपलब्धता के कारण अधिकतर गांवों में डीजल पम्पसेट नहीं हैं। अगर है भी तो वह बेकार पड़ा है।
एक ही जमीन पर कई ने दिये हैं आवेदन:
समस्या यह भी कि एक ही जमीन पर कई किसानों ने डीजल अनुदान के लिए आवेदन कर दिया गया है। जबकि, एक परिवार से एक सदस्य को ही अनुदान मिलना है। रैयत के साथ ही गैर रैयत किसानों को भी डीजल अनुदान मिलना है। शर्त यह कि गैर रैयत को वार्ड सदस्य से सत्यापन और कृषि समन्वयक से पहचान कराकर आवेदन करना पड़ेगा। अनुदान करते समय किसानों को जमीन की रसीद, डीजल खरीद का कैसमेमो (किसान निबंधन संख्या के साथ) व बैंक डिटेल्स देना होगा। जांच में यह भी खुलासा हो रहा है कि कई किसानों ने गलत सूचना देकर भी आवेदन कर दिया है। ऐसे किसानों के भी आवेदन अस्वीकृत किये जा रहे हैं।
कहते हैं अधिकारी
डीबीटी कृषक सत्यापन एप के माध्यम से आवेदनों की जांच ऑनलाइन की जा रही है। लेकिन, भौतिक सत्यापन के समय किसान डीजल पम्पसेट से पटवन का साक्ष्य प्रस्तुत नहीं कर पा रहे हैं। ज्यादातर ऐसे किसानों ने आवेदन डाला है, जिनके पास डीजल इंजन ही नहीं हैं। इसी वजह से आवेदन रिजेक्ट हो रहे हैं।
संजय कुमार, जिला कृषि पदाधिकारी