डिसेबल बच्चों के ‘द्रोणाचार्य’ बने दिव्यांग अनंत: एप के जरिए बच्चों को पढ़ा रहे NCERT का सेलेब्स, नाक से लिखते एक मिनट में 170 कैरेक्टर – Kanpur News

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डिसेबल बच्चों के ‘द्रोणाचार्य’ बने दिव्यांग अनंत:  एप के जरिए बच्चों को पढ़ा रहे NCERT का सेलेब्स, नाक से लिखते एक मिनट में 170 कैरेक्टर – Kanpur News

डिसेबल बच्चों के ‘द्रोणाचार्य’ बने दिव्यांग अनंत: एप के जरिए बच्चों को पढ़ा रहे NCERT का सेलेब्स, नाक से लिखते एक मिनट में 170 कैरेक्टर – Kanpur News

साइबर सिक्योरिटी इंजीनियर अनंत वैश्य।

कहते हैं कि सफलता किसी की मोहताज नहीं होती, ऐसा ही कुछ कर दिखाया है कानपुर के कैंट में रहने वाले दिव्यांग अनंत वैश्य ने। अनंत पेशे से फ्रांस की कंपनी में साइबर सिक्योरिटी इंजीनियर हैं। दिव्यांग बच्चों को समाज के काबिल बना कर उनमें आत्मविश्वास जगाने क

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जन्म से बीमारी से ग्रसित थे अनंत

पैदा होते ही आर्थो ग्राइफोसेस मल्टीप्लेक्स कंजानाइटा जैसी बीमारी से ग्रसित अनंत व उनके बैंगलौर निवासी पार्टनर मो. मुस्तबा ने जुलाई 2022 में द स्पेशल स्कूल्स नाम से ऑनलाइन एप तैयार किया। जिसमें कक्षा 1 से 5 तक की NCERT का पूरा सेल्बस कनवर्ट कर डिसलेक्सिया, सेरेब्रल पालिसी, बोलने, सुनने व देखने में अक्षम बच्चों को पढ़ाया जाता है।

विभिन्न स्थानों के दिव्यांग ले रहे शिक्षा

अनंत ने बताया कि शुरुआत में उनके एप से 40 दिव्यांग बच्चे जुड़े। आज कानपुर, वाराणसी व दिल्ली के समेत अन्य जनपदों से 350 दिव्यांग बच्चे उनके एप के माध्यम से शिक्षा ले रहे हैं। डॉ अंबेडकर इंस्टीट्यूट टेक्नोलॉजी ऑफ दिव्यांगजन से बीटेक करने वाले अनंत नाक के सहारे 170 कैरेक्टर एक मिनट में लिख सकते हैं।

चुनाव चेन के नाम से शुरू किया था पहला स्टार्टअप

वह HBTU से MBA कर रहे है। वर्ष 2018 में उन्होंने चुनाव चेन के नाम से स्टार्टअप की शुरुआत की थी। जिसमें इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया के साथ पॉलिटिक्ल डोनेशन को ट्रैक करने का काम करते थे। वर्ष 2019 में इलेक्शन कमीशन ने स्टार्टअप को अपने अंडरटेकिंग में ले लिया था।

उन्होंने बताया कि तमाम बार ऐसी समस्याएं देखने को मिलती है कि दिव्यांग बच्चों के बारे में समझना, उनका दिमाग किस तरह विकसित किया जाए, उनको कैसे शिक्षित करके कैसे आगे बढ़ाना हैं इसकी समझ अभिभावकों को नहीं होती है, जिस कारण दिव्यांग बच्चों का समाज के बराबर नहीं खड़े हो पाते।

11 लोगों की टीम कर रही काम

इसके लिए उन्होंने दिव्यांग बच्चों को शिक्षित करने के लिए ऑनलाइन एप तैयार किया। जिसमें आईआईटी कानपुर, आईआईएम उदयपुर के साथ ही शिक्षा मंत्रालय सहयोग कर रहा है। एप के माध्यम से दिव्यांग बच्चों को विकसित कर उनकों समाज के बराबर खड़े होने के लिए तैयार किया जा रहा है, जिसमें 11 लोगों की टीम उनके साथ काम कर रही है। अनंत ने बताया कि उनका सपना है कि वह इस एप के माध्यम से दिव्यांग बच्चों के लिए प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करा सके।

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