डायमंड लीग में नीरज चोपड़ा ने जीता सोना, 87.66 मीटर दूर भाला फेंक रचा इतिहास h3>
Diamond League 2023: लुसाने डायमंड लीग में भारत के स्टार जैवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा ने 87.66 मीटर की दूरी हासिल गोल्ड मेडल अपने नाम किया। नीरज ने यह गोल्ड मेडल अपने पांचवें प्रयास में जीता। इस प्रतियोगिता में नीरज की शुरुआत कुछ खास नहीं रही थी। उनका पहला थ्रो फाउल हो गया था लेकिन इसके बाद नीरज ने दमदार वापसी कर जर्मनी के जूलियन वीबर और चेक गणराज्य के याकूब वादलेज्चे को पीछे को छोड़ते हुए पहला स्थान हासिल किया।
नीरज चोपड़ा का यह 8वां इंटरनेशनल गोल्ड है। इससे पहले उन्होंने एशियन गेम्स, साउथ एशियन गेम्स और ओलिपिंक जैसी प्रतियोगिताओं में गोल्ड मेडल जीत चुके हैं। वहीं इस साल नीरज चोपड़ा के खाते में यह दूसरा गोल्ड मेडल आया है। इससे पहले नीरज ने दोहा डायमंड लीग में भी गोल्ड का तमगा अपने नाम किया था।
लुसाने में फाउल से हुई शुरुआत
लुसाने डायमंड लीग में नीरज चोपड़ा ने अपनी शुरुआत फाउल से की। हालांकि दूसरा और तीसरा प्रयास उनका दमदार रहा। दूसरे प्रयास में उन्होंने 83.52 मीटर का उन्होंने थ्रो किया जबकि उनका तीसरा थ्रो 85.04 मीटर का रहा लेकिन इन तीन प्रयासों के स्कोर पर आधार जर्मनी के जूलियन वीबर ने 86.20 की दूरी हासिल कर बढ़त बना रखी थी।
इस बीच नीरज का चौथा प्रयास भी फाउल हो गया। इस कारण वह दबाव में आ गए लेकिन पांचवां प्रयास उनका गोल्डन आर्म साबित हुआ और 87.66 मीटर लंबा थ्रो कर दिया। इस थ्रो के साथ ही वह सबसे आगे हो गए। वहीं उनका अंतिम थ्रो 84.15 मीटर का रहा।
जूलियन रहे दूसरे स्थान पर
नीरज चोपड़ा को जर्मनी के जूलियन वीबर के कड़ी टक्कर मिली। वीबर ने अपने आखिरी प्रयास में 87.03 मीटर का थ्रो फेंका। हालांकि ये दूरी गोल्ड मेडल तक तय नहीं कर पाई और सिल्वर मेडल से उन्हें संतोष करना पड़ा। वहीं चेक गणराज्य के याकूब वादलेज्चे ब्रॉन्ज मेडल के साथ तीसरे स्थान पर रहे।
चोट से नीरज चोपड़ा ने की थी वापसी
नीरज चोपड़ा ने इसी साल मई में दोहा डायमंड लीग में 88.67 मीटर लंबा थ्रो किया था। इस प्रतियोगिता के बाद उन्हे हैम्स्ट्रिंग हो गई थी। इसके कारण उन्हें कुछ प्रतियोगिताओं से अपना नाम वापस लेना पड़ा। हालांकि इस दौरान नीरज ने अपनी फिटनेस पर पूरा काम किया और स्विट्जरलैंड के लुसाने डायमंड लीग में गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रच।
नीरज चोपड़ा का यह 8वां इंटरनेशनल गोल्ड है। इससे पहले उन्होंने एशियन गेम्स, साउथ एशियन गेम्स और ओलिपिंक जैसी प्रतियोगिताओं में गोल्ड मेडल जीत चुके हैं। वहीं इस साल नीरज चोपड़ा के खाते में यह दूसरा गोल्ड मेडल आया है। इससे पहले नीरज ने दोहा डायमंड लीग में भी गोल्ड का तमगा अपने नाम किया था।
लुसाने में फाउल से हुई शुरुआत
लुसाने डायमंड लीग में नीरज चोपड़ा ने अपनी शुरुआत फाउल से की। हालांकि दूसरा और तीसरा प्रयास उनका दमदार रहा। दूसरे प्रयास में उन्होंने 83.52 मीटर का उन्होंने थ्रो किया जबकि उनका तीसरा थ्रो 85.04 मीटर का रहा लेकिन इन तीन प्रयासों के स्कोर पर आधार जर्मनी के जूलियन वीबर ने 86.20 की दूरी हासिल कर बढ़त बना रखी थी।
इस बीच नीरज का चौथा प्रयास भी फाउल हो गया। इस कारण वह दबाव में आ गए लेकिन पांचवां प्रयास उनका गोल्डन आर्म साबित हुआ और 87.66 मीटर लंबा थ्रो कर दिया। इस थ्रो के साथ ही वह सबसे आगे हो गए। वहीं उनका अंतिम थ्रो 84.15 मीटर का रहा।
जूलियन रहे दूसरे स्थान पर
नीरज चोपड़ा को जर्मनी के जूलियन वीबर के कड़ी टक्कर मिली। वीबर ने अपने आखिरी प्रयास में 87.03 मीटर का थ्रो फेंका। हालांकि ये दूरी गोल्ड मेडल तक तय नहीं कर पाई और सिल्वर मेडल से उन्हें संतोष करना पड़ा। वहीं चेक गणराज्य के याकूब वादलेज्चे ब्रॉन्ज मेडल के साथ तीसरे स्थान पर रहे।
चोट से नीरज चोपड़ा ने की थी वापसी
नीरज चोपड़ा ने इसी साल मई में दोहा डायमंड लीग में 88.67 मीटर लंबा थ्रो किया था। इस प्रतियोगिता के बाद उन्हे हैम्स्ट्रिंग हो गई थी। इसके कारण उन्हें कुछ प्रतियोगिताओं से अपना नाम वापस लेना पड़ा। हालांकि इस दौरान नीरज ने अपनी फिटनेस पर पूरा काम किया और स्विट्जरलैंड के लुसाने डायमंड लीग में गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रच।