डल्लेवाल को पानी पीते ही उल्टियां आ रहीं: आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई; 111 किसान खनौरी बॉर्डर पर भूख हड़ताल शुरू करेंगे – Patiala News h3>
किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल 26 नवंबर 2024 से भूख हड़ताल पर हैं।
हरियाणा-पंजाब के खनौरी बॉर्डर पर किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल के मरणव्रत का आज 51वां दिन है। डल्लेवाल को पानी पीने में दिक्कत आ रही है। वह जितना भी पानी पीते हैं, वह तुरंत उल्टी के जरिए बाहर आ जाता है। मंगलवार को पटियाला से आई सरकारी डॉक्टरों की टी
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आज सुप्रीम कोर्ट में केस की सुनवाई होगी। वहीं खनौरी बॉर्डर पर दोपहर 2 बजे से 111 किसान काले कपड़े पहनकर भूख हड़ताल शुरू करेंगे। फसलों पर MSP गारंटी कानून और अन्य किसानी मुद्दों पर रणनीति तैयार करने के लिए पंजाब भाजपा की आज चंडीगढ़ में बैठक होगी।
मंगलवार को हरियाणा के कैथल से किसानों का जत्था खनौरी बॉर्डर पर पहुंचा था।
18 जनवरी को मोर्चे की SKM के साथ मीटिंग
शंभू और खनौरी मोर्चे पर चल रहे संघर्ष के साथ आने वाले दिनों में संयुक्त किसान मोर्चा भी नजर आएगा। सोमवार (13 जनवरी) को पटियाला के पातड़ां में 3 मोर्चे के नेताओं की मीटिंग हुई। 18 जनवरी को एक और मीटिंग फिर पातड़ां में होगी। इसमें 26 जनवरी को होनी वाली ट्रैक्टर मार्च को लेकर स्ट्रेटजी बनाई जाएगी।
ये तस्वीर 13 जनवरी की है। पटियाला के पातड़ां में SKM नेताओं और हरियाणा-पंजाब के शंभू और खनौरी मोर्चे पर डटे किसान नेताओं के बीच बैठक हुई थी।
डल्लेवाल मामले की सुप्रीम कोर्ट में 8 सुनवाई, अब तक क्या-क्या हुआ…
1. 13 दिसंबर- तत्काल डॉक्टरी मदद दें डल्लेवाल 26 नवंबर को अनशन पर बैठे थे। 13 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट में आमरण अनशन को लेकर सुनवाई हुई। इसमें सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब और केंद्र सरकार से कहा कि डल्लेवाल को तत्काल डॉक्टरी मदद दें। उन्हें जबरन कुछ न खिलाया जाए। आंदोलन से ज्यादा उनकी जान जरूरी है। इसके बाद पंजाब के DGP गौरव यादव और केंद्रीय गृह निदेशक मयंक मिश्रा ने खनौरी पहुंच डल्लेवाल से मुलाकात की।
2. 18 दिसंबर- पंजाब सरकार को कुछ करना चाहिए सुप्रीम कोर्ट में पंजाब सरकार ने कहा कि डल्लेवाल को अस्पताल में भर्ती कराना चाहिए। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उनसे भावनाएं जुड़ी हुई हैं। राज्य को कुछ करना चाहिए। ढिलाई नहीं बरती जा सकती। आपको हालात संभालने होंगे।
3. 19 दिसंबर- बिना टेस्ट 70 साल के आदमी को कौन ठीक बता रहा पंजाब सरकार ने दावा किया कि डल्लेवाल की तबीयत ठीक है। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि 70 साल का आदमी 24 दिन से भूख हड़ताल पर है। कौन डॉक्टर है, जो बिना किसी टेस्ट के डल्लेवाल को सही बता रहा है? आप कैसे कह सकते हैं डल्लेवाल ठीक हैं? जब उनकी कोई जांच नहीं हुई, ब्लड टेस्ट नहीं हुआ, ECG नहीं हुई।
4. 20 दिसंबर- अधिकारी अस्पताल में भर्ती करने पर फैसला लें सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि डल्लेवाल की हालत रोज बिगड़ रही है। पंजाब सरकार उन्हें अस्पताल में शिफ्ट में क्यों नहीं कराती? यह उन्हीं की जिम्मेदारी है। यदि उन्हें अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत है तो अधिकारी निर्णय लें।
5. 28 दिसंबर- केंद्र की मदद से अस्पताल में शिफ्ट करें यह सुनवाई सुप्रीम कोर्ट के 20 दिसंबर के आदेश को लागू न करने को लेकर दायर अवमानना याचिका पर हुई। इसमें कोर्ट ने पंजाब सरकार को कहा कि पहले आप समस्या पैदा करते हैं, फिर कहते हैं कि आप कुछ नहीं कर सकते। केंद्र की मदद से उन्हें अस्पताल में शिफ्ट करें।
इसमें किसानों के विरोध पर कोर्ट ने कहा कि किसी को अस्पताल ले जाने से रोकने का आंदोलन कभी नहीं सुना। यह आत्महत्या के लिए उकसाने जैसा है। किस तरह के किसान नेता हैं जो चाहते हैं कि डल्लेवाल मर जाएं? डल्लेवाल पर दबाव दिखता है। जो लोग उनका अस्पताल में भर्ती होने का विरोध कर रहे हैं, वे उनके शुभचिंतक नहीं हैं।
6. 31 दिसंबर को पंजाब सरकार ने 3 दिन की मोहलत ली पंजाब सरकार ने कोर्ट को बताया कि 30 दिसंबर को पंजाब बंद था, जिस वजह से ट्रैफिक नहीं चला। इसके अलावा अगर केंद्र सरकार पहल करती है तो डल्लेवाल बातचीत के लिए तैयार हैं। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार के समय मांगने के आवेदन को मंजूर कर लिया।
7. 2 जनवरी- हमने अनशन तोड़ने को नहीं कहा कोर्ट ने कहा कि जानबूझकर हालात बिगाड़ने की कोशिश हो रही है। हमने कभी अनशन तोड़ने को नहीं कहा। कोर्ट ने पंजाब सरकार को कहा कि आपका रवैया ही सुलह करवाने का नहीं है। कुछ तथाकथित किसान नेता गैर-जिम्मेदाराना बयानबाजी कर रहे हैं।
इस केस में डल्लेवाल की एडवोकेट गुनिंदर कौर गिल ने पार्टी बनने की याचिका दायर की थी। इस पर जस्टिस सूर्यकांत ने कहा, “कृपया टकराव के बारे में न सोचें, हम किसानों से सीधे बातचीत नहीं कर सकते। हमने कमेटी बनाई है। किसानों से उसी कमेटी के जरिए बात करेंगे।”
8. 6 जनवरी- किसान मुलाकात के लिए तैयार पंजाब सरकार ने कहा कि आंदोलन पर चल रहे किसान हाई पावर कमेटी से बातचीत के लिए तैयार हो गए हैं। इसके बाद अदालत ने इस मामले की सुनवाई 10 जनवरी तय की। हालांकि, 10 जनवरी को सुनवाई नहीं हो पाई।