टैक्स चोरी के साथ जासूसी में भी लिप्त हैं चीनी कंपनियाँ: जांच में खुलासा | Chinese companies are involved in espionage along with tax evasion | Patrika News h3>
बिजनेस लीडर्स की विस्तृत प्रोफाइलिंग में लगा चीन प्रमुख टेलीकॉम कंपनियों पर छापे और मोबाइल ऐप पर शिकंजा कसने के साथ भारत में चीनी कंपनियों के निवेश की भी जांच की गई। अधिकारियों ने जांच के दौरान ऐसे अंडर कवर एजेंट्स का पता लगाया, जो तिब्बत के भिक्षुओं को धन देकर प्रभावित करने की कोशिशों में लगे थे। इस दौरान एक टेलीकॉम कंपनी का अधिकारी संवेदनशील दस्तावेज के साथ पाया गया। जांच में बिजनेस लीडर्स की विस्तृत प्रोफाइलिंग का भी खुलासा हुआ। चीनी कंपनियों का मकसद भारत की आर्थिक और सुरक्षा प्रणाली पर बढ़त हासिल करना है।
तटीय क्षेत्र, मलनाडु के जंगलों से हुए सैटेलाइट फोन कॉल बता दें, कर्नाटक के तटीय क्षेत्र और मलनाडु के जंगलों से विदेशों में किए गए सैटेलाइट फोन कॉल ट्रैक करने के बाद खुफिया एजेंसी ने राज्य सरकार को सतर्क कर दिया है। सूत्रों के मुताबिक 23 से 29 मई के बीच इन क्षेत्रों के घने जंगलों से तीन कॉल किए गए। केंद्रीय खुफिया एजेंसियों ने दक्षिण कन्नड़ जिले के मेंगलूरु, चिकमगलूरु और उत्तर कन्नड़ के जंगलों से फोन कॉल को ट्रैक किया है। सूचना मिलने के बाद राज्य आंतरिक सुरक्षा प्रभाग (आइएसडी) के अधिकारियों ने घटनास्थल का दौरा कर जांच शुरू कर दी है। सैटेलाइट फोन कॉल 10 दिन में 4 स्थानों से किए गए। एजेंसियां उन लोगों पर नजर रख रही हैं, जिन्होंने प्रतिबंधित सैटेलाइट फोन का इस्तेमाल किया। सूत्रों का कहना है कि इस साल यह तीसरा मौका है, जब तटीय व मलनाडु से सैटेलाइट फोन का इस्तेमाल किया गया।
- कर्नाटक के गृह मंत्री भी सतर्क, पुलिस कर रही है जांच : कर्नाटक के गृहमंत्री अरगा ज्ञानेंद्र ने बताया है कि पुलिस पता लगाने की कोशिश कर रही है कि चिकमगलूरु, दक्षिण कन्नड़ और उत्तर कन्नड़ जिलों में कौन सैटेलाइट फोन का प्रयोग कर रहा है और क्यों? सूत्रों का कहना है कि सैटेलाइट फोन के सिग्नल उत्तर कन्नड़ जिले के येल्लापुर व सिरसी के बीच मेंगलूरु के बाहरी इलाके नाटेकल तथा चिकमगलूरु के कडूर-बिरूर शहरों के बीच के जंगलों से ओरिजिनेट हुए हैं।
स्वास्थ्य क्षेत्र में साइबर हमले 94% बढ़े…साइबर सुरक्षा फर्म की रिपोर्ट
भारत में वर्ष 2022 के पहले दो महीनों के दौरान भारत समेत 31 देशों में मध्यम आकार के संगठनों के 381 हेल्थकेयर उत्तरदाताओं और 5,600 आइटी पेशेवरों का सर्वेक्षण करने वाले सोफोस डेटा से पता चला है कि स्वास्थ्य सेवा संगठन अन्य की तुलना में फिरौती की मांग का भुगतान करने में सबसे आगे हैं। स्वास्थ्य सेवा में रैनसमवेयर हमले के बाद सिस्टम को दोबारा हासिल करने में 1.85 मिलियन डॉलर (करीब 14.36 करोड़ रुपए) का खर्च आता है।
तिब्बत के भिक्षुओं को दे रहे प्रलोभन अधिकारियों ने जांच में ऐसे अंडर कवर एजेंट्स का पता लगाया, जो तिब्बती भिक्षुओं को प्रलोभन देने की कोशिश में थे। भारत में बड़ी संख्या में ऐसे बौद्ध भिक्षुक हैं जो चीन से शरण लेकर आए हैं और भारत में भरोसेमंद बने हुए हैं। अब चीन इनको भी जासूसी के लिए इस्तेमाल करने की कोशिश कर रहा है।
बिजनेस लीडर्स की विस्तृत प्रोफाइलिंग में लगा चीन प्रमुख टेलीकॉम कंपनियों पर छापे और मोबाइल ऐप पर शिकंजा कसने के साथ भारत में चीनी कंपनियों के निवेश की भी जांच की गई। अधिकारियों ने जांच के दौरान ऐसे अंडर कवर एजेंट्स का पता लगाया, जो तिब्बत के भिक्षुओं को धन देकर प्रभावित करने की कोशिशों में लगे थे। इस दौरान एक टेलीकॉम कंपनी का अधिकारी संवेदनशील दस्तावेज के साथ पाया गया। जांच में बिजनेस लीडर्स की विस्तृत प्रोफाइलिंग का भी खुलासा हुआ। चीनी कंपनियों का मकसद भारत की आर्थिक और सुरक्षा प्रणाली पर बढ़त हासिल करना है।
तटीय क्षेत्र, मलनाडु के जंगलों से हुए सैटेलाइट फोन कॉल बता दें, कर्नाटक के तटीय क्षेत्र और मलनाडु के जंगलों से विदेशों में किए गए सैटेलाइट फोन कॉल ट्रैक करने के बाद खुफिया एजेंसी ने राज्य सरकार को सतर्क कर दिया है। सूत्रों के मुताबिक 23 से 29 मई के बीच इन क्षेत्रों के घने जंगलों से तीन कॉल किए गए। केंद्रीय खुफिया एजेंसियों ने दक्षिण कन्नड़ जिले के मेंगलूरु, चिकमगलूरु और उत्तर कन्नड़ के जंगलों से फोन कॉल को ट्रैक किया है। सूचना मिलने के बाद राज्य आंतरिक सुरक्षा प्रभाग (आइएसडी) के अधिकारियों ने घटनास्थल का दौरा कर जांच शुरू कर दी है। सैटेलाइट फोन कॉल 10 दिन में 4 स्थानों से किए गए। एजेंसियां उन लोगों पर नजर रख रही हैं, जिन्होंने प्रतिबंधित सैटेलाइट फोन का इस्तेमाल किया। सूत्रों का कहना है कि इस साल यह तीसरा मौका है, जब तटीय व मलनाडु से सैटेलाइट फोन का इस्तेमाल किया गया।
- कर्नाटक के गृह मंत्री भी सतर्क, पुलिस कर रही है जांच : कर्नाटक के गृहमंत्री अरगा ज्ञानेंद्र ने बताया है कि पुलिस पता लगाने की कोशिश कर रही है कि चिकमगलूरु, दक्षिण कन्नड़ और उत्तर कन्नड़ जिलों में कौन सैटेलाइट फोन का प्रयोग कर रहा है और क्यों? सूत्रों का कहना है कि सैटेलाइट फोन के सिग्नल उत्तर कन्नड़ जिले के येल्लापुर व सिरसी के बीच मेंगलूरु के बाहरी इलाके नाटेकल तथा चिकमगलूरु के कडूर-बिरूर शहरों के बीच के जंगलों से ओरिजिनेट हुए हैं।
स्वास्थ्य क्षेत्र में साइबर हमले 94% बढ़े…साइबर सुरक्षा फर्म की रिपोर्ट
भारत में वर्ष 2022 के पहले दो महीनों के दौरान भारत समेत 31 देशों में मध्यम आकार के संगठनों के 381 हेल्थकेयर उत्तरदाताओं और 5,600 आइटी पेशेवरों का सर्वेक्षण करने वाले सोफोस डेटा से पता चला है कि स्वास्थ्य सेवा संगठन अन्य की तुलना में फिरौती की मांग का भुगतान करने में सबसे आगे हैं। स्वास्थ्य सेवा में रैनसमवेयर हमले के बाद सिस्टम को दोबारा हासिल करने में 1.85 मिलियन डॉलर (करीब 14.36 करोड़ रुपए) का खर्च आता है।
तिब्बत के भिक्षुओं को दे रहे प्रलोभन अधिकारियों ने जांच में ऐसे अंडर कवर एजेंट्स का पता लगाया, जो तिब्बती भिक्षुओं को प्रलोभन देने की कोशिश में थे। भारत में बड़ी संख्या में ऐसे बौद्ध भिक्षुक हैं जो चीन से शरण लेकर आए हैं और भारत में भरोसेमंद बने हुए हैं। अब चीन इनको भी जासूसी के लिए इस्तेमाल करने की कोशिश कर रहा है।