टीईटी पेपर लीक को चुनावी मुद्दा बनाएगी कांग्रेस, 2023 में बीजेपी को घेरने के लिए व्यापम का जिन्न उतारने की तैयारी

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टीईटी पेपर लीक को चुनावी मुद्दा बनाएगी कांग्रेस, 2023 में बीजेपी को घेरने के लिए व्यापम का जिन्न उतारने की तैयारी

टीईटी पेपर लीक को चुनावी मुद्दा बनाएगी कांग्रेस, 2023 में बीजेपी को घेरने के लिए व्यापम का जिन्न उतारने की तैयारी

भोपालः अंतर्कलह से जूझ रही मध्य प्रदेश कांग्रेस ने कथित टीईटी पेपर लीक मामले को बड़े पैमाने पर भुनाने की तैयारी कर रही है। पार्टी ने 2023 के विधानसभा चुनावों में बीजेपी को घेरने के लिए इसे मुद्दा बनाने का फैसला किया है। इसकी शुरुआत पूरे राज्य में जिला स्तर पर विरोध प्रदर्शन से हो सकती है। युवाओं से जुड़ा मामला होने के कारण कांग्रेस को टीईटी पेपर लीक में अपने लिए संभावनाएं दिख रही हैं। व्यापम का यह कथित घोटाला उसे ऐसा जिन्न नजर आ रहा है जो सत्ता में वापसी की उसकी हसरत पूरी कर सकता है।

प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता के के मिश्रा ने शनिवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पार्टी राज्य में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों में सत्तारूढ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को घेरने के लिए कथित रूप से लीक हुए मध्य प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी)-2022 के प्रश्न पत्र को भी चुनावी मुद्दा बनाएगी। इस मामले में मुख्यमंत्री कार्यालय में उपसचिव ने जिन दो लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है, उनमें मिश्रा भी शामिल हैं।

टीईटी-2022 का आयोजन इस साल 25 मार्च को हुआ था। परीक्षा मध्य प्रदेश कर्मचारी चयन बोर्ड ने आयोजित की थी, जिसे पहले व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापम) के रूप में जाना जाता था। लीक हुए प्रश्न-सह-उत्तरपुस्तिका का एक कथित स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था।

मिश्रा ने कहा कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने दो दिन पहले नई दिल्ली में इस मुद्दे पर वरिष्ठ वकीलों के साथ बातचीत की थी। इसके बाद कमलनाथ ने उनसे भी बात की और भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई जारी रखने के लिए कहा।

मुख्यमंत्री सचिवालय के उप सचिव लक्ष्मण सिंह मरकाम ने इस मामले में मिश्रा और व्यापम घोटाले के व्हिसलब्लोअर डॉ. आनंद राय के खिलाफ पिछले महीने पुलिस में शिकायत की थी। मरकाम ने दोनों पर टीईटी के पेपर लीक विवाद में उनका नाम घसीटने की कोशिश करने का आरोप लगाया था।

इस पर कार्रवाई करते हुए एमपी पुलिस ने राय को शुक्रवार को दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया। भोपाल में एक अदालत में पेश करने के बाद उन्हें शनिवार तीन बजे तक एक दिन की पुलिस रिमांड में भेजा गया था। शनिवार को उन्हें जमानत मिल गई। दूसरी ओर, सरकार ने डॉ. राय को चिकित्सा अधिकारी के पद से भी निलंबित कर दिया है।

मध्यप्रदेश के विभिन्न विभागों में भर्तियों और व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए होने वाली परीक्षाओं में कथित धांधली को लेकर व्यापम सुर्खियों में रहा था। व्यापम में घोटाला 2011 में सामने आया था। सीबीआई ने 2015 में उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद इस भर्ती और प्रवेश में कथित घोटाले की जांच अपने हाथ में ले ली थी।

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