टकराव का डर: पहली बार श्री केसगढ़ साहिब के जत्थेदार को तड़के 2:50 बजे सौंपी सेवा – Amritsar News

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टकराव का डर: पहली बार श्री केसगढ़ साहिब के जत्थेदार को तड़के 2:50 बजे सौंपी सेवा – Amritsar News

टकराव का डर: पहली बार श्री केसगढ़ साहिब के जत्थेदार को तड़के 2:50 बजे सौंपी सेवा – Amritsar News

निहंग जत्थेबंदियों व पंथक संगठनों के विरोध के बीच तख्त श्री केसगढ़ साहिब के नवनियुक्त जत्थेदार ज्ञानी कुलदीप सिंह गड़गज्ज ने सुबह 2:50 बजे तख्त साहिब के पांच प्यारों की उपस्थिति में जत्थेदार की सेवा संभाल ली है। इतनी सुबह पहली बार किसी की ताजपोशी हुई

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तख्त श्री केसगढ़ साहिब के हेड ग्रंथी ज्ञानी जोगिंदर सिंह ने अरदास की। फिर पांच सिंह साहिबानों ने ज्ञानी कुलदीप सिंह को दस्तार भेंट की। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के सचिव प्रताप सिंह और तख्त साहिब के प्रबंधक मलकीत सिंह ने भी दस्तार भेंट की। बाद में उन्होंने श्री अकाल तख्त साहिब के कार्यकारी जत्थेदार के रूप में भी शाम के समय सेवा संभाल ली।

उन्होंने सचखंड श्री हरमंदर साहिब, श्री अकाल तख्त साहिब, गुरुद्वारा बाबा अटल राय साहिब और श्री दरबार साहिब से जुड़े अन्य गुरुघरों में मत्था टेक कड़ाह-प्रसाद की देग अर्पित की और गुरबाणी कीर्तन का श्रवण किया। वह श्री अकाल तख्त साहिब पहुंचे। श्री आनंदपुर साहिब में पंथक संगठनों व निहंग जत्थेबंदियों ने दस्तारबंदी को सिरे से नामंजूर कर दिया है। सिख जत्थेबंदियों ने सरबत खालसा बुलाने का ऐलान कर दिया है, जो कि बैसाखी पर तलवंडी साबो में बुलाए जाने की संभावना है।

ज्ञानी हरप्रीत सिंह बोले-आज कौन सी मर्यादाओं का पालन हुआ… तख्त श्री दमदमा साहिब के पूर्व जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने घटनाक्रम पर सवाल उठाते हुए इसको पंथक मर्यादा की घोर उल्लंघना बताया है। उन्होंने जारी एक वीडियो संदेश के अलावा अपने सोशल मीडिया एकाउंट पर भी लिखा है कि यदि श्री अकाल तख्त साहिब के सिंह साहिब ज्ञानी रघबीर सिंह ने अपने समय में पंथ की मर्यादा अनुसार काम नहीं किए थे तो आज कौन सी मर्यादा का पालन हुआ है?

ताजपोशी पर यह होती है परंपरा, जो इस बार टूटी

श्री अकालतख्त साहिब को समर्पित संस्थाओं के प्रतिनिधियों की नए जत्थेदार की दस्तारबंदी/ताजपोशी के समय मौजूद रहने की परंपरा रही है। इनमें दमदमी टकसाल के मुखी, बुड्ढा दल निहंग जत्थेबंदियां 96 करोड़ी, तरनादल, सिख गुरुधामों की कारसेवा करने वाले संस्थाएं के प्रतिनिधि, सिख गुरुद्वारा साहिबान के डेरे, एसजीपीसी के सभी ओहदेदार, चीफ खालसा दीवान, सिख मिशनरी कॉलेज आदि शामिल हैं। इस बार इन संस्थाओं के प्रतिनिधियों का न आना गहरे पंथक संकट की ओर से इशारा कर रहा है।

दस्तारबंदी के समय दरबार साहिब के हैडग्रं​थी​, श्री अकाल तख्त साहिब के हैडग्रंथी, पंजाब से बाहर तख्तश्री पटना साहिब व श्री हजूर साहिब के जत्थेदारों का होना भी जरूरी रहता है। मगर ऐसा नहीं हुआ। यहां तक कि एसजीपीसी की कार्यकारी कमेटी के पूरे सदस्य भी मौजूद नहीं रहे।

पंथ की मर्यादा के उल्लंघन से सिख संगत में रोष, दस्तारबंदी नहीं हुई, बायकॉट व तीखा विरोध करें

जत्थेदार बाबा बलबीर सिंह ने कहा, तड़के कवाड़ खुलने का समय 4:30 बजे रखा था। लेकिन विरोध होता देखकर तड़के 2:50 बजे 2 मुलाजिमों द्वारा दस्तारबंदी कर दी गई। इस दौरान शिरोमणि कमेटी अध्यक्ष, पंथक सिख संप्रदायों के नेताओं में से कोई भी नहीं था। मर्यादा का उलंघन करके समय बदल कर यह दस्तारबंदी की गई है।

साफ है कि कुछ नेता पंथ की मर्यादा का उल्लंघन कर रहे हैं। जिससे संगतों में रोष है। चेतावनी दी कि पंथक मर्यादाओं की अनदेखी के बाद ज्ञानी कुलदीप सिंह गड़गज का मुकम्मल बायकॉट किया जाए और धार्मिक समागमों में आमंत्रण पत्र ना दिए जाएं। जहां भी कुलदीप सिंह गड़गज्ज जाते हैं उनका खालसा पंथ और संगतें तीखा विरोध करें।

परंपराओं से हुई ताजपोशी, समय बदलने, पंथक दलों की गैर हाजिरी पर नहीं दिया ठोस जवाब

उधर दस्तारबंदी के पक्ष में उतरी शिरोमणि कमेटी ने कहा, उनकी ताजपोशी सिख परंपराओं व मर्यादा अनुसार हुई है। तड़के 2:50 बजे ताजपोशी किए जाने पर वह कोई तसल्लीबख्श जवाब ना दे सके। कहा-होला महल्ला पर दिन के समय संगत ज्यादा होती है। निहंग जत्थेबंदियों व अन्य संगठनों की गैर हाजिरी के सवाल पर सीनियर उपाध्यक्ष रघुजीत सिंह विर्क, शेर सिंह मंड महासचिव, बलदेव सिंह कल्याण, जूनियर उपाध्यक्ष, मेंबर दलजीत सिंह भिंडर, अकाली नेता सुच्चा सिंह लंगाह की ओर से सिर्फ इतना कहा गया, शिरोमणि कमेटी व 5 प्यारों ने उन्हें सेवा सौंपी है।

पंथक संगठनों के विरोध का जवाब देने की बजाए सभी संगठनों से सहयोग मांगते हुए कहा, कुछ ताकतें कमेटी व शिअद को खत्म करने की साजिशें कर रही हैं। जिसे समझने की जरूरत है। चंडीगढ़ में एसजीपीसी की बैठक 17 को बुलाई है।

जानें: कैसे हटे श्री केसगढ़ साहिब के पूर्व जत्थेदार

वर्तमान ज्ञानी कुलदीप सिंह गड़गज्ज पंथक मर्यादा के अनुसार तख्त श्री केसगढ़ साहिब के ऐसे पहले जत्थेदार होंगे, जिन्हें मध्यरात्रि 2:50 बजे पर दस्तारबंदी की गई। {ज्ञानी सुलतान सिंह को ऐग्जैक्टिव द्वारा हटाया गया। {ज्ञानी रघबीर सिंह को जत्थेदार के पद से बदलकर श्री अकाल तख्त साहिब का जत्थेदार नियुक्त किया गया था।

जत्थेदार ज्ञानी मल्ल सिंह, ज्ञानी तरलोचन सिंह का निधन हुआ। {जत्थेदार मनजीत सिंह सिंह को कार्यकारिणी ने प्रस्ताव पारित कर हटाया। {श्री आनंदपुर साहिब के जत्थेदार रहे ज्ञानी शविंदर सिंह को भी कार्यकारिणी द्वारा प्रस्ताव पारित कर हटाया गया था। {इन सभी जत्थेदार साहिब को दिन के समय कार्यभार सौंपा गया था।

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