ज्यादा चार्ज के कारण जबलपुर से फ्लाइट्स हुई कम: हाईकोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब; शुल्क कम होने पर जनता को मिल सकती है राहत – Jabalpur News h3>
बुधवार को हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान प्राइवेट एयरलांइस कंपनी ने अपना पक्ष रखते हुए जवाब प्रस्तुत किया।
करीब 500 करोड़ रुपए की लागत से जबलपुर के डुमना एयरपोर्ट का विस्तार किया गया है, लेकिन इसके बावजूद यहां से सीमित शहरों के लिए ही फ्लाइट सेवाएं उपलब्ध हैं। इस स्थिति को लेकर नागरिक उपभोक्ता मंच ने जनहित याचिका दायर की और हाईकोर्ट को बताया कि, प्रदेश के
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करोड़ों रुपए की लागत से एयरपोर्ट का निर्माण तो हो गया, लेकिन फ्लाइट्स की कमी के कारण यह वीरान नजर आ रहा है। बुधवार को हुई सुनवाई में प्राइवेट एयरलाइंस ने कोर्ट के समक्ष अपना पक्ष रखते हुए बताया कि आखिर किन कारणों से जबलपुर से उड़ानें संचालित नहीं हो पा रही हैं। जस्टिस संजीव सचदेवा और जस्टिस विनय सराफ की डिवीजन बेंच ने मामले की सुनवाई करते हुए, राज्य सरकार को नोटिस जारी किया है। अब इस मामले की अगली सुनवाई 15 मार्च को होगी।
एयरलाइन टर्मिनल फीस बहुत ज्यादा
बुधवार को हाईकोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान प्राइवेट एयरलांइस कंपनी ने अपना पक्ष रखते हुए जवाब प्रस्तुत किया और बताया कि, जबलपुर के डुमना एयरपोर्ट में सुविधाएं तो बहुत है और ये सभी उपलब्ध भी हैं, लेकिन यहां के एयरपोर्ट में यूजर डेवलमेंट चार्ज और एयरलाइन टर्मिनल फीस बहुत ज्यादा है, जो कि सरकार और एयरपोर्ट एथॉरिटी के द्वारा ली जा रही है। जिसके चलते फ्लाइट चलाने पर लाभ नहीं हो रहा है। यही कारण है कि जबलपुर से फ्लाइट नहीं चल पा रही है।
कोर्ट ने सुनवाई करते हुए, राज्य सरकार, केंद्र सरकार और नागरिक उड्डयन विभाग को निर्देश दिए हैं कि, शासन से इस विषय की जानकारी प्राप्त कर ये बताएं कि, बढ़े हुए रेट क्या कम किए जा सकते हैं। कोर्ट ने यह भी कहा है कि, अगर ये रेट कम होते हैं, तो जबलपुर की जनता को राहत मिल सकती है।
जबलपुर का डुमना एयरपोर्ट का हाल ही में 500 करोड़ से विस्तारीकरण किया गया।
नागरिक उपभोक्ता मंच ने दायर की है याचिका
हाईकोर्ट ने पिछली सुनवाई में केंद्र सरकार से यह भी पूछा था कि, अगर जबलपुर एयरपोर्ट से ज्यादा फ्लाइट्स चलाने की आवश्यकता नहीं है, तो सरकार ने 500 करोड़ रुपए की लागत से एयरपोर्ट का विस्तार क्यों किया। यह याचिका जबलपुर के नागरिक उपभोक्ता मंच द्वारा दायर की गई है, जिसमें कहा गया है कि, राजनीतिक उपेक्षा के कारण जबलपुर एयरपोर्ट की फ्लाइट कनेक्टिविटी नहीं बढ़ाई जा रही है। याचिका में हाईकोर्ट को यह भी बताया गया है कि, कोरोनाकाल से पहले जबलपुर एयरपोर्ट से रोज 8 नियमित फ्लाइट्स उड़ती थीं, जबकि वर्तमान में केवल 5 फ्लाइट्स ही संचालित की जा रही हैं।
एक समय 15 से ज्यादा फ्लाइटें संचालित होती थीं
जबलपुर के डुमना एयरपोर्ट से एक समय 15 से ज्यादा फ्लाइटें चलती थी। जबलपुर से मुंबई, पुणे, बेंगलुरु, कोलकाता, दिल्ली, भोपाल, इंदौर व बिलासपुर सभी तरफ के लिए विमान उड़ान भर करते थे, लेकिन आज की स्थिति में केवल पांच फ्लाइट्स ही बची हैं। धीरे-धीरे करके बाकी सभी फ्लाइट्स बंद हो गईं। जबलपुर जो कभी इंदौर, ग्वालियर और भोपाल के साथ हवाई यात्राओं के मामले में कदमताल मिलाकर चल रहा था, उसमें अब बहुत पीछे रह गया है।