जोन बैठक बनीं मजाक, अध्यक्ष गायब, पार्षदों को जानकारी नहीं | Zone meeting became a joke, Chairman missing, councilors not aware | News 4 Social

9
जोन बैठक बनीं मजाक, अध्यक्ष गायब, पार्षदों को जानकारी नहीं | Zone meeting became a joke, Chairman missing, councilors not aware | News 4 Social

जोन बैठक बनीं मजाक, अध्यक्ष गायब, पार्षदों को जानकारी नहीं | Zone meeting became a joke, Chairman missing, councilors not aware | News 4 Social

भोपालPublished: Jan 28, 2024 06:31:39 pm

संतनगर. इन दिनों संतनगर में जोन की बैठक सवालों के घेरे में है। मौजूदा सरकार में कितनी बैठकें हुई हैं, इसे लेकर कोई एक आंकड़ा नहीं है। जहां जोनाध्यक्ष सात-आठ बैठकों का दावा कर रहे हैं, वहीं विपक्षी पार्षद दो-तीन बैठकें ही होने की बात कह रहे हैं।

जोन बैठक बनीं मजाक, अध्यक्ष गायब, पार्षदों को जानकारी नहीं

जोन बैठक बनीं मजाक, अध्यक्ष गायब, पार्षदों को जानकारी नहीं

आरोप है कि बैठक के फैसलों पर एक-दो दिन अमल होता है, उसके बाद निगम अधिकारी भूल जाते हैं। बैठक में जोनाध्यक्ष का न आना। बैठक की सूचना बैठक के समय के बाद पार्षदों तक पहुंचना, बैठक की गंभीरता पर सवालिया निशान लगाने वाला है। जोन स्तर पर नगर निगम से जुड़ी समस्याओं पर चर्चा समाधान और प्रस्ताव बनाने के लिए जोन बैठकें होती हैं। बुधवार को हुई बैठक चर्चाओं में हैं। बैठक में जोनाध्यक्ष करिश्मा मीणा नहीं आईं, न आने का कारण गमी में शामिल होना बताया गया। कांग्रेस पार्षद अशोक मारण ने 11 बजे होने की सूचना 11.30 बजे मिलने की बात कहीं। मारण ने कहा, वैसे भी हर बुधवार को मैं और एमआईसी सदस्य राजेश हिंगोरानी जोन कार्यालय में एक घंटे बैठते हैं।
सडक़ पर चर्चा नहीं
जोनाध्यक्ष करिश्मा मीणा का दो टूक कहना है कि सडक़ों की बात बैठक में नहीं करते, क्योंकि विभिन्न स्तरों पर सडक़ पर काम होता है। मुख्यालय निधि, विधायक निधि व अन्य निधियां यह काम उच्च स्तर पर होता है। बैठक में साफ-सफाई, स्ट्रीट लाइट, अतिक्रमण पर चर्चा होती, अमल भी होता है। अब तक सात-आठ बैठकें हो चुकी हैं।
पार्किंग समाधान नहीं
व्यापारिक क्षेत्र होने के चलते यहां मल्टी लेवल पार्किंग से कई गुना अधिक वाहन बाजार में आते है। उनके लिए बाजार के हिसाब से छोटे-छोटी पार्किंग बनाई जाने से बाजार में जाम से निजाम मिल सकती है। इस मामले को लेकर व्यापारी वर्ग परेशान है। पीने के पानी में गंदा पानी मिलने की दिक्कत कभी भी क्षेत्र में बीमारी का रूप धारण कर सकती है।
विपक्ष के आरोप
कांग्रेस पार्षद अशोक मारण ने आरोप लगाया जोन की बैठक बेमतलब है। जोनाध्यक्ष बैठक को लेकर कितने गंभीर हैं, इस बात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि बैठक में आई ही नहीं। वैसे बैठक में जिन समस्याओं पर चर्चा होती है, उन पर अमल होता ही नहीं। मसलन, हाथ ठेलों के अतिक्रमण को ले लें तो एक-दो दिन कार्रवाई होती है। नियमित कार्रवाई नहीं की जाती। साफ-सफाई का भी यही हाल है।
जन सुनवाई बंद है लंबे समय से
जोन स्तर पर हर मंगलवार को होनी वाली जन सुनवाई का सिलसिला लंबे समय से बंद है। सुनवाई एक ऐसा मौका होता था, जब आम आदमी निगम अफसरों के सामने अपनी समस्याएं रखता था। लोगों का कहना है कि जन सुनवाई शुरू होनी चाहिए। कम से कम सही जगह अपनी बात रखने का मौका तो मिल जाता था।

मध्यप्रदेश की और खबर पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करे – Madhya Pradesh News