जैसलमेर में 4 और मृत कुरजा पक्षी मिली: लखमना तालाब पर मिली मृत, 14 कुरजा की बर्ड फ्लू से अब तक हुई मौत – Jaisalmer News h3>
जैसलमेर। लखमना तालाब पर मिली मृत कुरजा पक्षी।
जैसलमेर के देगराय ओरण इलाके में बर्ड फ्लू का कहर प्रवासी कुरजा पक्षी पर टूटा है। गुरुवार को देगराय ओरण इलाके के लखमना तालाब पर 4 और मृत कुरजा पक्षी मिलने से सनसनी फैल गई। जिले में अब बर्ड फ्लू से मरने वाली कुरजा पक्षियों की संख्या बढ़कर 14 हो गई है। म
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पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक डॉक्टर उमेश व्रंगतिवार ने बताया कि प्रशासन कि सभी टीम देगराय इलाके में अलर्ट है और पक्षियों पर लगातार नजर बनाए हुए हैं।
मृत मिली कुरजा पक्षी को प्रोटोकॉल के हिसाब से दफनाया।
मृतक कुरजा पक्षी का आंकड़ा पहुंचा 14
गौरतलब है कि जैसलमेर जिले के देगराय ओरण इलाके के लूनेरी तालाब क्षेत्र में 11 जनवरी को 6 कुरजां पक्षियों के शव मिले थे। इसके बाद 12 जनवरी को 2 कुरजां पक्षी मृत मिले थे। सभी 8 मृत पक्षियों के विसरा को जांच के लिए भोपाल (मध्य प्रदेश) स्थित निषाद लैब भेजे गए थे। बुधवार को आई रिपोर्ट में मौत का कारण बर्ड फ्लू बताया गया है। इसके बाद से कुरजा पक्षियों में मौत का सिलसिला लगातार जारी है। 13 को 2 व 15 को 3 व 16 जनवरी को 1 और कुरजा पक्षियों के शव लखमना तालाब में मिलने पर प्रशासन अलर्ट हो गया है और शवों को दफनाया। दोनों ही तालाब देगराय ओरण इलाके में स्थित है जहां पर बड़ी संख्या में प्रवासी कुरजा पक्षी ने डेरा डाला हुआ है।
हॉटस्पॉट एरिया में जाने पर लगाई रोक पशुपालन विभाग जैसलमेर के संयुक्त निदेशक डॉ. उमेश व्रंगतिवार ने बताया- हॉटस्पॉट एरिया में आम लोगों और पशुओं के जाने पर पूरी तरह रोक लगा दी गई है। कुरजां पक्षियों की मौत के बाद से प्रशासन पूरी तरह सतर्क हो गया है। कलेक्टर प्रताप सिंह ने सभी संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक की है।
लोगों से भी सतर्क रहने की अपील उन्होंने बताया- प्रवासी पक्षियों में बर्ड फ्लू का संक्रमण फैलने की चिंता बढ़ गई है। विशेषज्ञों के अनुसार यह संक्रमण पक्षियों से इंसानों में भी फैल सकता है। इस खतरे को देखते हुए आम जनता को सतर्क रहने और प्रशासन के निर्देशों का पालन करने की सलाह दी गई है।
उन्होंने बताया- बर्ड फ्लू की स्थिति को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन हरसंभव प्रयास कर रहा है। प्रभावित क्षेत्र में विशेष निगरानी रखी जा रही है और लोगों को जागरूक किया जा रहा है। जिला प्रशासन ने इस संकट से निपटने के लिए चिकित्सा, वेटरनरी और वन विभाग के अधिकारियों के बीच समन्वय स्थापित किया है।