जैविक खेती को बढ़ावा देने में कृषि आजीविका सखियों की महत्वपूर्ण भूमिका: केशव प्रसाद मौर्य | Deputy CM Keshav Maurya empowers women farmers | Patrika News

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जैविक खेती को बढ़ावा देने में  कृषि आजीविका सखियों की महत्वपूर्ण भूमिका:  केशव प्रसाद मौर्य | Deputy CM Keshav Maurya empowers women farmers | Patrika News

जैविक खेती को बढ़ावा देने में कृषि आजीविका सखियों की महत्वपूर्ण भूमिका: केशव प्रसाद मौर्य | Deputy CM Keshav Maurya empowers women farmers | Patrika News

राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन से प्राप्त जानकारी के अनुसार कृषि आजीविका के क्षेत्र में 9950 कृषि आजीविका सखियों द्वारा, ग्राम स्तर पर महिला किसान परिवारों द्वारा 495939 प्रेरणा पोषण वाटिकाओं का निर्माण कराया गया है। उप मुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि विभाग द्वारा इस तरह जैविक खेती को बढ़ावा देने में कृषि आजीविका सखियों के माध्यम से उल्लेखनीय कार्य किया जा रहा है।

यह योजना प्रदेश के सभी जनपदों के 522 विकास खंडों में संचालित की जा रही है। वर्ष 2016 में प्रदेश के 22 जनपदों के 25 विकास खंडों से इस योजना की शुरुआत की गई थी। प्रेरणा पोषण वाटिका का निर्माण एक तरह से किचन गार्डन के रूप में किया जा रहा है ,जिसमें छोटी -छोटी 7 क्यारियों में सात प्रकार की सब्जियों का उत्पादन बिना किसी केमिकल के प्रयोग से किया जा रहा है।

इस योजना का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में प्रेरणा पोषण वाटिकओं के माध्यम से सब्जियों का उत्पादन करने के बाद उनका सेवन किया जाए, जिससे न्यूट्रिशन की कमी को दूर करने के साथ- साथ बच्चों और महिलाओं तथा घर के अन्य सदस्यों को भरपूर पोषक तत्वों की प्राप्ति हो सके और अधिक उत्पादन कर वह सब्जियां बेचकर अपना स्वावलंबन का मार्ग भी प्रशस्त कर सकें और ऐसा हो भी रहा है।

इसमें विशेषकर खेती में रुचि रखने वाले समूहों की महिलाओं को किचन गार्डन के रूप में खेती करने का प्रशिक्षण दिया जाता है । प्रेरणा पोषण वाटिका बनवाने में कषि आजीविका सखियों द्वारा सहयोग कर प्रति नयी प्रेरणा पोषण वाटिका स्थापित करवाने के लिए रू 250/- की आर्थिक सहायता प्रोत्साहन के रूप प्रदान की जा रही है।

यही नहीं, महिला किसान सशक्तिकरण परियोजना के तहत महिला किसान परिवारों को सतत कृषि एवं पशुपालन पद्धतियों, न्यूट्रिशन गार्डन एवं बैकयार्ड किचन गार्डन विकसित करने, पौधरोपण , भू-नाडेप, वर्मी कम्पोस्ट, एजोला यूनिट आदि का निर्माण , कृषि उत्पादन के बेहतर विपणन की दिशा में कार्य करते हुए महिला किसानों को कृषि,वन विभाग से अभिसरण के माध्यम से सहजन, अमरूद, पपीता ,फल- फूल आदि की नर्सरी यूनिट का गठन।

प्रशिक्षण के उपरांत मशरूम की खेती करने, सिंगल चीफ विधि से प्रशिक्षण उपरांत गन्ने की खेती करने, शहद उत्पादन के क्षेत्र में मधुमक्खी पालन पर प्रशिक्षण और महिला किसानों द्वारा दाल मिल स्थापित कर साफ-सफाई एवं पैकिंग कर स्थानीय बाजार में विपणन किए जाने से कार्य किए जा रहे हैं।



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