जेडीयू की तरह आरजेडी को भी राष्ट्रीय पार्टी बनने की चाहत, नगालैंड चुनाव में दोनों होंगी आमने-सामने
ऐप पर पढ़ें
नीतीश कुमार की जेडीयू की तरह लालू प्रसाद यादव की आरजेडी को भी राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा प्राप्त करने की चाहत जग गई है। इसके लिए राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) पूर्वोत्तर के तीन राज्यों में अगले महीने होने वाले विधानसभा चुनाव में अपनी किस्मत आजमाएगा। इस दिशा में पार्टी कदम बढ़ा चुकी है। खास बात ये है कि बिहार में आरजेडी की सहयोगी जेडीयू भी नगालैंड का विधानसभा चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुकी है। ऐसे में दोनों पार्टियों के बीच इस राज्य में आमने-सामने की टक्कर हो सकती है। त्रिपुरा में 16 फरवरी, तो मेघालय और नगालैंड में 27 फरवरी को विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग है। तीनों राज्यों के चुनावी नतीजे 2 मार्च को जारी होंगे।
आरजेडी सूत्रों के अनुसार हाल ही में इस सिलसिले में नगालैंड के पार्टी नेताओं का दल पटना आया था। इन नेताओं ने डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव से मुलाकात भी की थी और स्थानीय स्तर पर चिह्नित सीटों पर उम्मीदवार दिए जाने को लेकर आग्रह किया। इस पर उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद ने सहमति जताई है। पार्टी त्रिपुरा और मेघालय की कुछ सीटों पर भी अपने उम्मीदवार उतार सकती है।
जेडीयू-आरजेडी होंगी आमने-सामने
दूसरी ओर, जेडीयू भी राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा प्राप्त करने की चाहत लेकर नगालैंड में अपने प्रत्याशी उतारने जा रही है। पार्टी की ओर से इसका ऐलान हो चुका है। जेडीयू नगालैंड में अकेले अपने दम पर चुनाव लड़ेगी। ऐसे में कुछ सीटों पर जेडीयू और आरजेडी के उम्मीदवार आमने-सामने हो सकते हैं।
नीतीश की जेडीयू में जागी नेशनल पार्टी की चाहत, लड़ेगी नगालैंड चुनाव
आरजेडी के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि सभी राज्यों की अलग-अलग परिस्थिति होती है। बिहार में भले ही आरजेडी महागठबंधन में है, लेकिन पूर्वोत्तर राज्यों में वह अपने दम पर चुनाव लड़ेगी। जेडीयू प्रवक्ता अभिषेक झा ने भी कहा कि बिहार में महागठबंधन का स्वरूप है, लेकिन अन्य प्रदेशों में भी ऐसा हो यह जरूरी नहीं है।
आरजेडी रह चुकी है राष्ट्रीय पार्टी
राष्ट्रीय जनता दल को 2010 से पहले राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा प्राप्त था। वह बिहार और झारखंड के अलावा मणिपुर और नगालैंड में स्टेट पार्टी थी। मगर झारखंड में उस वक्त हुए विधानसभा चुनाव में अच्छा प्रदर्शन नहीं करने पर आरजेडी से राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा छीन लिया गया था।
पार्टी को कैसे मिलता है राष्ट्रीय दर्जा?
दरअसल, किसी पार्टी को राष्ट्रीय दर्जा हासिल करने के लिए चुनाव आयोग ने कुछ मापदंड तय किए हैं। इसके लिए कई नियम हैं, जिनमें से किसी एक को पूरा करना जरूरी होता है तभी राष्ट्रीय दर्जा मिलता है। पहला नियम यह है कि अगर किसी क्षेत्रीय पार्टी को कम से कम 4 राज्यों में स्टेट पार्टी का दर्जा मिल जाए तो वह नेशनल पार्टी बन जाएगी। स्टेट पार्टी बनने के लिए उसे चार राज्यों में कम से कम एक विधानसभा सीट और 6 फीसदी वोट लाने होंगे। अगर एक भी विधायक नहीं है तो वोट शेयर 8 फीसदी से ज्यादा होना चाहिए। देश में अभी बीजेपी, कांग्रेस, बसपा, एनसीपी, टीएमसी समेत 8 पार्टियों को राष्ट्रीय दर्जा प्राप्त है।