जेडीए के औचक निरीक्षण पर पहुंचे मुख्य सचिव सुधांश पंत: लंबित फाइल और प्रोजेक्ट्स को लेकर ले रहे रिव्यू मीटिंग – Jaipur News h3>
जेडीए का औचक निरीक्षण करते मुख्य सचिव सुधांश पंत।
राजस्थान के मुख्य सचिव सुधांश पंत ने जयपुर विकास प्राधिकरण का औचक निरीक्षण कर अधिकारियों और कर्मचारियों काे हैरत में डाल दिया। सुबह लगभग 10 बजे मुख्य सचिव पंत जेडीए पहुंचकर मुख्य भवन और अधिकारियों के कमरों का विजिट करने लगे।
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इस दौरान मुख्य सचिव के साथ जयपुर विकास प्राधिकरण की आयुक्त आनंदी भी मौजूद रही। फिलहाल मुख्य सचिव जयपुर विकास प्राधिकरण द्वारा किए गए नवाचार और मौजूदा प्रोजेक्ट की रिपोर्ट का प्रजेंटेशन ले रहे हैं।
दरअसल, मुख्य सचिव सुधांश पंत बुधवार सुबह अचानक जयपुर विकास प्राधिकरण पहुंच गए। इस दौरान सबसे पहले मुख्य सचिव ने मुख्य भवन का निरीक्षण किया। जहां ग्राउंड फ्लोर का निरीक्षण करने के बाद वह सीधे सेकंड फ्लोर पर पहुंचे। जहां उन्होंने अधिकारियों के कमरों में उनकी मौजूदगी और फाइलों की स्थिति को जाना। इस दौरान जयपुर विकास प्राधिकरण की आयुक्त आनंदी मुख्य सचिव के साथ मौजूद रही। जबकि जेडीए सचिव निशांत जैन मुख्य सचिव के पहुंचने के बाद ऑफिस पहुंचे।
वहीं औचक निरीक्षण के बाद अब मुख्य सचिव सुधांश पंत जयपुर विकास प्राधिकरण के मंथन सभागार में लंबित फाइलों के साथ ही शहर के विकास से जुड़े प्रोजेक्ट्स और भविष्य की योजनाओं को लेकर की गई प्लानिंग का रिव्यू कर रहे हैं। जिसमें जयपुर विकास प्राधिकरण के आला अधिकारी और कर्मचारी भी मौजूद है।
मुख्य सचिव सुधांश पंत इससे पहले भी जयपुर विकास प्राधिकरण का औचक निरीक्षण कर चुके हैं पिछले साल जनवरी में मुख्य सचिव ने जेडीए ऑफिस का औचक निरीक्षण किया था तब अधिकारियों और कर्मचारियों की लेट लतीफे पर कार्मिक विभाग ने जेडीए के 1 आईएएस और 2 आरएएस अधिकारियों को एपीओ कर दिया। इनमें सचिव नलिनी कठोतिया (IAS), अतिरिक्त आयुक्त आनंदीलाल वैष्णव और उपायुक्त प्रवीण कुमार द्वितीय शामिल थे। ऐसे में आज मुख्य सचिव के दौरे को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
- सुधांश पंत साल 2010 में JDA के आयुक्त रह चुके मुख्य
सचिव सुधांश पंत साल 2010 में जयपुर विकास प्राधिकरण के आयुक्त रह चुके हैं। ऐसे में उन्हें जयपुर विकास प्राधिकरण की कार्यशैली का अच्छा खासा अनुभव है। इसीलिए आज उन्होंने सबसे पहले जेडीए से अपने दौरे की शुरुआत की, क्योंकि पिछले लंबे वक्त से जेडीए में अधिकारियों और कर्मचारियों की लेटलतीफी से आम जनता काफी परेशान थी।