जेईसीआरसी में हुआ देश का पहला ‘राष्ट्रीय हेल्थकेयर हैकाथॉन-25′: AI पावर्ड सुरक्षा सिस्टम और बुजुर्गों के लिए स्मार्ट मेडिसिन डिस्पेंसर जैसे इनोवेटिव समाधान किए गए प्रस्तुत – Jaipur News h3>
जेईसीआरसी यूनिवर्सिटी में देश के पहले राष्ट्रीय हेल्थकेयर हैकाथॉन-25 का आयोजन किया गया।
जेईसीआरसी यूनिवर्सिटी में देश के पहले राष्ट्रीय हेल्थकेयर हैकाथॉन-25 का आयोजन किया गया। दो दिवसीय इस राष्ट्रीय प्रतियोगिता का उद्देश्य स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़ी प्रमुख चुनौतियों के लिए नवाचारी और तकनीकी समाधान प्रदान करना है। इस हैकाथॉन में देशभर के
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कार्यक्रम के दौरान 25 प्रॉब्लम स्टेटमेंट्स पर काम किया गया, जो देश के प्रतिष्ठित अस्पतालों से लिए गए थे। इनमें AI-पावर्ड सुरक्षा सिस्टम और बुजुर्गों के लिए स्मार्ट मेडिसिन डिस्पेंसर जैसे समाधान शामिल रहे।
कार्यक्रम के दौरान 25 प्रॉब्लम स्टेटमेंट्स पर काम किया गया, जो देश के प्रतिष्ठित अस्पतालों से लिए गए थे।
अस्पतालों में हिंसा रोकने के लिए AI-पावर्ड सुरक्षा सिस्टम
डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए AI-पावर्ड CCTV मॉनिटरिंग सिस्टम पेश किया गया। यह फेशियल रिकग्निशन और मूवमेंट ट्रैकिंग के जरिए हिंसक व्यवहार की पहचान कर सुरक्षा कर्मियों को रियल-टाइम अलर्ट भेजेगा। बुजुर्गों को समय पर दवा लेने में मदद के लिए स्मार्ट मेडिसिन डिस्पेंसर विद वॉयस रिमाइंडर प्रस्तुत किया गया। यह डिवाइस निर्धारित समय पर दवा निकालता है और रिमाइंडर देता है। यह तकनीक मोबाइल ऐप के माध्यम से डॉक्टर और परिजनों को खुराक की जानकारी भी साझा करती है।
इस कार्यक्रम में महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज के डॉ. पूर्वीश एम. पारीक और अपोलो हॉस्पिटल्स के डॉ. अब्दुल गफूर मुख्य अतिथि रहे। साथ ही, देश-विदेश के प्रमुख अस्पतालों और संस्थानों से जुड़े विशेषज्ञों ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए AI-पावर्ड CCTV मॉनिटरिंग सिस्टम पेश किया गया।
डॉ. पूर्वीश ने हेल्थकेयर में तकनीकी नवाचारों की जरूरत पर जोर देते हुए कहा कि AI और इनोवेशन ने चिकित्सा क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव किए हैं। वहीं, डॉ. गफूर ने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं में इनोवेशन न केवल समस्याओं का समाधान है बल्कि यह बेहतर भविष्य की कुंजी भी है।
36 घंटे की मैराथन प्रतियोगिता
36 घंटे की इस मैराथन प्रतियोगिता में इंजीनियरिंग, टेक्नोलॉजी और मेडिकल साइंस के छात्रों ने मिलकर टीमों में काम किया। विजेता टीमों को कुल 2 लाख रुपए तक के नकद पुरस्कार प्रदान किए गए। जूरी में देश के शीर्ष अस्पतालों के वरिष्ठ विशेषज्ञ शामिल रहे।
जेईसीआरसी यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर विक्टर गंभीर ने बताया कि यह कार्यक्रम भारतीय हेल्थकेयर को नई दिशा देने का प्रयास है। उन्होंने बताया कि आने वाले वर्षों में विश्वविद्यालय हेल्थकेयर इनोवेशन को बढ़ावा देने के लिए हर साल 25 लाख रुपए के अनुदान के साथ 5 स्टार्टअप्स को समर्थन देगा।
वाइस चेयरपर्सन अर्पित अग्रवाल ने बताया कि 2030 तक स्वास्थ्य सेवाओं में AI पर 15,000 करोड़ रुपए से अधिक का निवेश होगा। उन्होंने कहा कि इस तरह की प्रतियोगिताएं न केवल छात्रों को इनोवेशन की ओर प्रोत्साहित करती हैं, बल्कि स्वास्थ्य क्षेत्र की चुनौतियों का समाधान भी प्रदान करती हैं।