जीवाजी यूनिवर्सिटी में नए कुलगुरु का विरोध: NSUI ने कुर्सी पर गंगाजल छिड़का, विवाद के बाद मिठाई खिलाकर किया स्वागत – Gwalior News h3>
ग्वालियर के जीवाजी विश्वविद्यालय में नवागत कुलगुरु डॉ. राजकुमार आचार्य बुधवार दोपहर पदभार ग्रहण करने पहुंचे। इस दौरान NSUI कार्यकर्ताओं ने उनकी कुर्सी को गंगाजल से धोया, जिससे माहौल गरमा गया। इसके जवाब में कुलगुरु ने NSUI नेताओं को कानूनी कार्रवाई की
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पदभार ग्रहण करते जीवाजी विश्वविद्यालय के नवगत कुलगुरु डॉक्टर राजकुमार आचार्य
यह है पूरा मामला
मंगलवार को मध्य प्रदेश के राज्यपाल मंगूभाई पटेल ने जीवाजी विश्वविद्यालय में धारा 52 लागू करने का आदेश जारी किया था। इसके साथ ही कुलगुरु प्रो. अविनाश तिवारी सहित EC मेंबर्स को बर्खास्त कर दिया गया। इसके बाद डॉ. राजकुमार आचार्य को विश्वविद्यालय का नया कुलगुरु नियुक्त किया गया।
बुधवार को जब डॉ. राजकुमार आचार्य पदभार ग्रहण करने पहुंचे, तो NSUI प्रदेश महासचिव कृष्णा भारद्वाज के नेतृत्व में एक दर्जन से अधिक कार्यकर्ता भी वहां आ गए। जैसे ही NSUI महासचिव ने कुलगुरु की कुर्सी पर गंगाजल छिड़ककर धाेया, माहौल गर्मा गया। इस पर नवागत कुलगुरु डॉ. आचार्य ने NSUI कार्यकर्ताओं के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की चेतावनी दी।
वहीं, मौके पर मौजूद सुरक्षा गार्डों ने NSUI महासचिव से गंगाजल का लोटा छीना, जिससे छात्र नेताओं का गुस्सा फूट पड़ा। हालांकि, वहां उपस्थित असिस्टेंट रजिस्ट्रार और अन्य प्रोफेसर्स ने समझाइश देकर माहौल शांत कराया।
बाद में NSUI प्रदेश महासचिव कृष्णा भारद्वाज ने नवागत कुलगुरु को मिठाई खिलाई और कुलगुरु ने भी आश्वासन दिया कि विश्वविद्यालय छात्रों के हित में कार्य करेगा।
NSUI छात्र बोले- आधी रात को भी कुलगुरु को जरूरत होगी, तो हम तैयार रहेंगे
NSUI के प्रदेश महासचिव कृष्णा भारद्वाज ने कहा, “हमने आज जीवाजी विश्वविद्यालय के कुलगुरु की कुर्सी को गंगाजल से शुद्ध किया है। कुलगुरु ने हमें भरोसा दिलाया है कि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी और छात्रों के हितों की रक्षा की जाएगी।
हमने कुलगुरु से निवेदन किया है कि जब भी उन्हें हमारी जरूरत पड़ेगी, हमारी पूरी मध्य प्रदेश की NSUI हर समय, यहां तक कि आधी रात को भी सेवा के लिए तैयार रहेगी।”
कुलगुरु बोले – दोषियों पर होगी कड़ी कार्रवाई
नवागत कुलगुरु डॉ. राजकुमार आचार्य ने कहा, “फर्जी कॉलेजों की जांच सख्ती से की जाएगी। कॉलेजों को दी जाने वाली संबद्धता प्रक्रिया में नियमों का उल्लंघन करने वालों पर सख्त कार्रवाई होगी। सम्बद्धता घोटाले में EOW द्वारा आरोपी बनाए गए पूर्व कुलगुरु अविनाश तिवारी सहित 17 प्रोफेसर्स के खिलाफ भी जांच जारी है। जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कठोर कदम उठाए जाएंगे।”