जीएमसी टॉक्सिसिटी हब,दो माह में हालात न सुधरे तो सामूहिक आत्महत्या

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जीएमसी टॉक्सिसिटी हब,दो माह में हालात न सुधरे तो सामूहिक आत्महत्या

जीएमसी टॉक्सिसिटी हब,दो माह में हालात न सुधरे तो सामूहिक आत्महत्या


भोपाल. करीब नौ महीने पहले गांधी मेडिकल कालेज (जीएमसी) संस्थान के टॉक्सिस माहौल को लेकर सुर्खियों में था। तब यहां की एक जूनियर डॉक्टर बाला सरस्वती ने खुदकुशी कर ली थी। और अब। एक बार फिर कालेज के माहौल को लेकर एक चिट्ठी वायरल हो रही है। जिसमें जीएमसी के माहौल को टॉक्सिस बताते हुए ३१ मई २०२४ को ग्रुप सुसाइट की बात कही गयी है। हालांकि, पत्र मे किसी का नाम नहीं है। लेकिन, पत्र के वायरल होते ही मेडिकल कालेज में हड़कंप मच गया है। जीएमसी के डीन डॉ. सलिल भार्गव ने जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन की मीटिंग बुला ली है। फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन (फाइमा) ने सात सदस्यीय कमेटी गठित कर दी है। उधर, जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन (जेडीए) भोपाल के प्रवक्ता कुलदीप गुप्ता ने आरोप लगाया है कि जूनियर डॉक्टर्स के साथ अस्पताल में अच्छा सुलूक नहीं किया जाता। उन्हें कामचोर कहा जाता है। धमकाया भी जाता है।
क्या लिखा है चिट्ठी में…
हर पल ले रहे जहरीली सांस
जीएमसी में हम दिन,रात, हर पल जहरीली सांस ले रहे हैं। लंबे समय से हम इस जहरीली संस्कृति का हिस्सा हैं। सोचा था कुछ डॉक्टरों की शहादत से कुछ बदल जाएगा लेकिन चीजें वैसी ही हैं…। जो इंसान न खुद पूरी नींद ले सकता है, ना आराम कर सकता है, ना खाना खा सकता है, वह दूसरों की जान बचा रहा है, लेकिन खुद की जान पर खेलकर। उसके स्वास्थ्य का क्या, उसकी जान का क्या।
सीएम को लिखा-माननीय आप तो समझें परेशानी
मुख्यमंत्री को संबोधित करते हुए लिखा गया है कि माननीय आप तो समझें हमारी परेशानी। आपकी बेटी ने भी डॉक्टर की पढ़ाई की है। हम भी आपके बच्चे जैसे हैं। इसे व्यर्थ की कम्पलेन ना समझें क्योंकि हम भी चाहते हैं कि अच्छा काम सीखें, डिग्री लें और मेडिकल सेवाएं दें।
जीएमसी का माहौल आत्महत्या को कर रहा मजबूर
पत्र मे लिखा है कि जीएमसी का माहौल आत्महत्या के लिए मजबूर कर रहा है। बिना सोए 24 घंटे से ज्यादा समय तक लगातार काम करना पड़ता है। गलतियां न होने पर भी सीनियर्स और एडवाइजर्स मौखिक दुव्र्यवहार करते हैं। धमकाते हैं। कहते हैं- “चुप रहो, नहीं तो परीक्षा में पास नहीं होंगे” और “डिग्री डिप्लोमा नहीं मिलेगा।
किसे लिखा है पत्र
जीएमसी के मेडिकल स्टूडेंट्स द्वारा फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन (फाइमा) के चेयरमेन को।
क्या दी है धमकी
पांच स्टूडेंट 31 मई २०२४ को मॉस सुसाइड करेंगे।
इच्छा मृत्यु के बताए ये कारण
– निरंतर 24 से 36 घंटे तक काम
– छुट्टी ना मिलना
– सीनियर का दुव्र्यवहार
– मानसिक तनाव में भी शिकायत न कर पाना
– माहौल का टॉक्सिक होना
– आराम व निजी कामों के लिए 15 मिनट का वक्त
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जीएमसी का लेटर मेरी जानकारी में आया है। विभागाध्यक्षों से चर्चा की है। जूनियर डॉक्टरों से भी बात की है। इस मामले को गंभीरता से लिया जा रहा है। यदि एक भी बच्चा परेशान है तो जल्द से जल्द उसके लिए जो जरूरी होगा वो करेंगे। यदि कोई मेरे पास आएगा तो उसकी पहचान को छुपाते हुए मदद करेंगे।
डॉ. सलिल भार्गव, डीन जीएमसी
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यह गंभीर मामला है। फाइमा ने इसके लिए स्टेट कमेटी बनाई है। जिसे जो भी समस्या है वो हमसे बात कर सकता है। पहचान को गुप्त रख कर मदद की जाएगी।
डॉ. आकाश सोनी, स्टेट चेयरमैन एमपी फाइमा

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