जिस स्कूल में बच्ची से रेप, उसकी मान्यता निरस्त: भोपाल में पहली बार ऐसी कार्रवाई; दूसरे स्कूलों में एडमिशन ले सकेंगे यहां के बच्चे – Bhopal News h3>
भोपाल में जिस स्कूल में 3 साल की बच्ची से रेप हुआ था, इस सत्र के लिए उस स्कूल की मान्यता रिन्यू नहीं की गई है।
भोपाल के जिस प्राइवेट स्कूल में 6 महीने पहले 3 साल की बच्ची से रेप हुआ था, उस स्कूल की सत्र 2025-26 के लिए मान्यता रिन्यू नहीं होगी। जिला शिक्षा केंद्र ने मान्यता रिन्यू के आवेदन को नामंजूर कर दिया है। इसके बाद गुरुवार रात में कलेक्टर कौशलेंद्र विक्र
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आदेश में कहा गया है कि स्कूल सत्र 2025-26 से शाला का संचालन नहीं कर सकेगा। ऐसे में यहां पहले से पढ़ने वाले बच्चे सरकारी या अन्य प्राइवेट स्कूल में एडमिशन ले सकते हैं। आरटीई के तहत प्रवेश लेने वाले बच्चों को अन्य सरकारी स्कूल में प्रवेश दिलाया जा सकेगा, जबकि अन्य छात्र-छात्राएं स्वयं के व्यय पर दूसरे स्कूल में प्रवेश ले सकते हैं।
इस मामले में डीपीसी ओपी शर्मा ने बताया कि
जब यह मामला सामने आया था, तब बनी कमेटी ने स्कूल की मान्यता रिन्यू नहीं करने की बात कही थी। इसके बाद कलेक्टर के माध्यम से राज्य सरकार को रिपोर्ट गई थी। सरकार ने भी मान्यता रिन्यू नहीं करने के आदेश दिए थे। इसके बाद कलेक्टर ने आदेश जारी कर दिए। स्कूल को अब तक शासकीय हाई स्कूल के प्राचार्य प्रशासक के तौर पर संभाल रहे थे। स्कूल कक्षा 1 से 8 तक संचालित रहा है।
कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने स्कूल का संचालन बंद करने के आदेश दिए हैं।
324 बच्चों का भविष्य दूसरे स्कूलों में संवरेगा बता दें कि इस स्कूल में कुल 324 बच्चे पढ़ते हैं। पिछले साल सितंबर में स्कूल के टीचर ने ही 3 साल की बच्ची से रेप किया था। इस मामले में हंगामे के बाद स्कूल को सील कर दिया गया था। 6 सदस्यीय जांच कमेटी की रिपोर्ट मिलने के बाद कलेक्टर सिंह ने सरकार को प्रस्ताव भेजा था कि स्कूल का संचालन डीईओ करें।
जांच के लिए दो टीमें बनाई गई थीं। पहली जांच रिपोर्ट में बच्चियों की सुरक्षा को लेकर स्कूल प्रबंधन की बड़ी लापरवाही सामने आई थी। वहीं, दूसरी 7 सदस्यीय कमेटी ने स्कूल के संचालन को लेकर अपनी रिपोर्ट कलेक्टर को दी थी।
इसके बाद भोपाल में पहली बार किसी प्राइवेट स्कूल की कमान सरकारी हाथ में ली गई थी। संकुल प्राचार्य को संचालन की व्यवस्था सौंपी गई थी। इसके बाद स्कूल खोल दिया गया था, लेकिन अब संचालन नहीं होगा। स्कूल को कक्षा पहली से 8वीं की मान्यता नहीं दी गई है।
आरोपी टीचर कासिम रेहान की तस्वीर।
79 बच्चों का दाखिला आरटीई से स्कूल में कुल 324 बच्चे पढ़ते हैं। इनमें से 79 ऐसे हैं, जिनका आरटीई (राइट टू एजुकेशन) के जरिए एडमिशन हुआ है। बीच सत्र में स्कूल बंद होने से सभी बच्चों को परेशानी हो सकती थी। उनका एक साल बिगड़ जाता। दूसरी ओर, जब बच्ची के साथ गलत हरकत हुई, तब स्कूल खुले पांच महीने हो चुके थे। यानी, आधा शिक्षा सत्र। ऐसे में बच्चों का कहीं एडमिशन भी नहीं हो सकता था। प्रशासन यदि स्कूल को बंद रखता तो बच्चों का एक साल खराब हो जाता। इसलिए स्कूल का संचालन सरकार ने खुद ही किया।
मामला साल 2024 का है।
हिंदू संगठनों ने किया था प्रदर्शन 18 सितंबर 2024 को मामला सामने आने के दूसरे दिन 19 सितंबर को हिंदू संगठनों ने प्रदर्शन किया था। इस बीच स्कूल को सील कर दिया गया था। प्रदर्शन करने वालों में एबीवीपी, करणी सेना, संस्कृति बचाओ मंच के कार्यकर्ता, नूतन कॉलेज समेत कुछ प्राइवेट कॉलेज के स्टूडेंट्स शामिल हुए थे। उनकी मांग थी कि स्कूल की मान्यता रद्द हो। आरोपी टीचर कासिम रेहान (33) को फांसी की सजा दी जाए। इस घटना के बाद आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था।
करणी सेना के कार्यकर्ता रेप की घटना के खिलाफ स्कूल के बाहर प्रदर्शन करने पहुंचे थे।
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अगले सत्र में रिन्यू नहीं होगी मान्यता
घटना के बाद 19 सितंबर को हिंदूवादी संगठनों ने स्कूल के बाहर प्रदर्शन किया था।
भोपाल के जिस प्राइवेट स्कूल में 3 साल की बच्ची से रेप हुआ था, उसे सील कर दिया गया था। बाद में इसका संचालन जिला शिक्षा अधिकारी ने किया था। । स्कूल में 324 बच्चे पढ़ते हैं। स्कूल की मान्यता अगले सत्र से रिन्यू नहीं की जाएगी, ये पहले ही तय हो गया था। पढ़े पूरी खबर
7 सदस्यीय टीम मंथन में जुटी; मान्यता रद्द नहीं तो क्या करेगा प्रशासन
टीटी नगर एसडीएम डॉ. अर्चना रावत शर्मा ने दोनों जांच की। इसके बाद कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी।
भोपाल के प्राइवेट स्कूल में पढ़ने वाली 3 साल की बच्ची से रेप का मामला सामने आया है। आरोपी उसी स्कूल का टीचर। 6 दिन में 2 प्रदर्शन हुए। दो जांचें भी हुईं। इनमें से एक में स्कूल प्रबंधन की बड़ी लापरवाही सामने आई। दूसरी जांच में स्कूल में पढ़ने वाले 324 बच्चों के भविष्य की चिंता और मान्यता को लेकर मंथन चल रहा है। फिलहाल स्कूल सील है। 7 सदस्यीय टीम यह तय करने में जुटी है कि इन 324 बच्चों के भविष्य का क्या होगा? पढ़े पूरी खबर