जिस काम से घबराते हैं आज के सुपरस्टार्स, जॉनी वॉकर ने उसी के दम पर 71 साल पहले बनाए थे 4 रिकॉर्ड

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जिस काम से घबराते हैं आज के सुपरस्टार्स, जॉनी वॉकर ने उसी के दम पर 71 साल पहले बनाए थे 4 रिकॉर्ड


जिस काम से घबराते हैं आज के सुपरस्टार्स, जॉनी वॉकर ने उसी के दम पर 71 साल पहले बनाए थे 4 रिकॉर्ड

आज जहां फिल्मों में ‘टाइपकास्ट’ किए जाने को लेकर स्टार्स का रोना निकल जाता है और वो अच्छी से अच्छी फिल्मों को छोड़ देते हैं, वहीं 50 और 60 के दशक में एक ऐसा ऐक्टर हुआ, जिसने ‘टाइपकास्ट’ (Bollywood most typecast actors) होकर ही अपनी तकदीर बदली। इस ऐक्टर का नाम था जॉनी वॉकर। वही जॉनी वॉकर (Johnny Walker), जिन्होंने असल जिंदगी में कभी शराब की एक बूंद को हाथ नहीं लगाया, लेकिन फिल्मी पर्दे पर एक शराबी की ऐसी ऐक्टिंग करते थे कि देखने वाला भी गच्चा खा जाता था।

Monday Motivation में हम आपको हिंदी सिनेमा के इसी ‘गोल्डन हीरो’ जॉनी वॉकर के बारे में बताने जा रहे हैं। जॉनी वॉकर एक मामूली बस कंडक्टर (Johnny Walker struggle) से कैसे हिंदी सिनेमा में छा गए, इसकी कहानी बेहद इंस्पायरिंग है। कोई भी काम छोटा या बड़ा नहीं होता। इस बात को जॉनी वॉकर सच साबित करके दिखाया। जॉनी वॉकर की कॉमिडी को लोग आज भले ही ‘अजीब’ कहें, लेकिन 50, 60 और 70 के दशक में उनकी इस कॉमिडी का हर कोई कद्रदान था। उनकी बहुत तगड़ी फैन फॉलोइंग थी।

जॉनी वॉकर, फोटो: Filmfare.com

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1926 में जन्म, मिल में काम करते थे जॉनी वॉकर के पिता

जॉनी वॉकर का 11 नवंबर 1926 को इंदौर के मुस्लिम परिवार में जन्म हुआ था। उनका नाम बद्रुद्दीन काजी था। परिवार के लोग एक मिल में काम करते थे। घर-परिवार के किसी भी सदस्य का फिल्मी दुनिया से दूर-दूर तक कोई नाता नहीं था। जॉनी वॉकर नके पिता एक मिल में काम करते थे। जब पिता की नौकरी चली गई तो परिवार को गुजारा करने में परेशानी होने लगी। पिता की नौकरी चली गई तो पूरा परिवार काम की तलाश में मुंबई (तब बॉम्बे) आ गया। जॉनी वॉकर परिवार में बड़े थे। इसलिए उन्होंने परिवार की जिम्मेदारी में हाथ बंटाने का फैसला किया।

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जॉनी वॉकर, फोटो: Filmfare.com

जॉनी वॉकर ने आइसक्रीम से लेकर फल-सब्जियां तक बेचीं
जॉनी वॉकर ने आइसक्रीम से लेकर स्टेशनरी का सामान, यहां तक की फल और सब्जियां तक बेचीं। जॉनी वॉकर सिर्फ छठी क्लास तक पढ़े थे। परिवार की स्थिति ऐसी नहीं थी कि वह आगे पढ़कर कुछ नौकरी कर सकें। इसीलिए जॉवनी वॉकर ने अपने और परिवार के गुजारे के लिए हर-छोटा बड़ा काम किया। उन्होंने बस कंडक्टर की नौकरी भी की।

बस कंडक्टर भी रहे जॉनी वॉकर
उस वक्त जॉनी वॉकर बस में सवारियों को बिठाने और उन्हें बुलाने के लिए जिस तरीके से बोलते थे, वह सबका ध्यान अपनी ओर खींच लेता था। बताया जाता है कि जॉनी वॉकर बस स्टॉप पर बस को रोकने और सवारियों को बिठाने के लिए बहुत ही फनी अंदाज में बोलते थे। उनकी यह ट्रिक काम कर जाती और बस सवारियों से भर जाती। जॉनी वॉकर अपनी कॉमिडी से बस में लोगों को एंटरटेन करते, लेकिन मन में फिल्मों जाने का सपना हिलौरे मारने लगता। जॉनी वॉकर, नूर मोहम्मद चार्ली को अपना आदर्श मानते थे। चार्ली नाम से मशहूर इस पाकिस्तानी ऐक्टर को देखकर जॉनी वॉकर उनके स्टंट की कॉपी करते।

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जॉनी वॉकर, फोटो: Twitter@Bollywoodirect

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कॉमिक अंदाज में लेते थे बस स्टॉप का नाम, बदली किस्मत
जॉनी वॉकर को फिल्मों में पहला ब्रेक जो मिला, उसकी कहानी भी बड़ी दिलचस्प है। दरअसल जॉनी वॉकर बड़े ही कॉमिक अंदाज में बस स्टॉप का नाम लेते थे। एक बार उनकी बस में ऐक्टर बलराज साहनी भी बैठे थे। वह कहीं जा रह थे। तभी उन्होंने जॉनी वॉकर और उनकी कॉमिक स्टाइल को देखा। बलराज साहनी उन पर फिदा हो गए और जॉनी वॉकर को ऐक्टर-डायरेक्टर गुरु दत्त से मिलवाया। यह भी कहा जाता है कि बलराज साहनी ने जॉनी वॉकर को 1951 में आई फिल्म ‘हलचल’ के सेट पर बिना पिए एक शराबी की ऐक्टिंग करते हुए देखा था। रोल छोटा था, लेकिन जॉनी वॉकर ने बलराज साहनी को प्रभावित कर दिया था।

शराबी की ऐक्टिंग देख गुरु दत्त भी खा गए थे गच्चा
उसी साल गुरु दत्त फिल्म ‘बाजी’ में एक कॉमिक ऐक्टर की तलाश कर रहे थे। तब बलराज साहनी ने उनसे जॉनी वॉकर को मिलवाया। लेकिन इसके लिए एक ट्रिक प्लान की गई। गुरु दत्त एक बहुत जरूरी मीटिंग में मौजूद थे। बलराज साहनी ने जॉनी वॉकर से कहा कि तुम एक शराबी की ऐक्टिंग करते हुए उनके ऑफिस में घुस जाना। जॉनी वॉकर ने ऐसा ही किया। बताया जाता है कि जॉनी वॉकर ने ऐसा किया था। गुरु दत्त को लगा कि उनके ऑफिस में ऐसे-कैसे कोई शराबी घुस आया। गुरु दत्त ने आपा खो दिया। वह जॉनी वॉकर को बाहर निकालने ही वाले थे कि तभी बलराज साहनी ने उन्हें रोका और बताया कि वह सिर्फ ऐक्टिंग थी। गुरु दत्त (Guru Dutt), जॉनी वॉकर से इम्प्रैस हो गए और उन्हें अपनी फिल्म में साइन कर लिया।

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जॉनी वॉकर की अनदेखी तस्वीर, फोटो: Etimes

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गुरु दत्त के साथ जॉनी वॉकर का गहरा रिश्ता
इसके बाद तो गुरु दत्त और जॉनी वॉकर के बीच गहरा रिश्ता बन गया। गुरु दत्त लगभग अपनी हर फिल्म में कॉमिडी रोल के लिए जॉनी वॉकर को साइन करने लगे। एक वक्त ऐसा भी आया जब गुरु दत्त अपनी फिल्मों में कॉमिडी ऐक्टर पर गाना फिल्माने लगे। गुरु दत्त ने ही फिल्मों में कॉमिक ऐक्टर पर गाना फिल्माने का ट्रेंड शुरू किया था। एक वक्त तो ऐसा भी था कि जॉनी वॉकर पर लगभग हर फिल्म में एक गाना फिल्माया जाने लगा। ऐक्टर की स्टार पावर ऐसी थी कि फिल्म डिस्ट्रिब्यूटर्स भी इस बात पर जोर देते कि फिल्म में जॉनी वॉकर का गाना जरूर हो। इसके लिए वो मेकर्स को पैसे देने के लिए भी तैयार रहते थे।

जॉनी वॉकर के नाम दर्ज हैं ये रिकॉर्ड
जॉनी वॉकर हमारे देश के एकमात्र ऐक्टर हैं, जिनके नाम से फिल्म बनाई गई। वह एकमात्र ऐक्टर हैं, जिन्होंने फिल्म इंडस्ट्री में अपने लिए सेक्रेटरी या मैनेजर रखा था। यही नहीं, बताया जाता है कि जॉनी वॉकर ने ही फिल्म इंडस्ट्री में संडे को काम न करने का ट्रेंड शुरू किया था। वही पहले ऐक्टर थे, जिन्होंने फैसला किया था कि वह हर संडे काम नहीं किया करेंगे। जॉनी वॉकर ही पहले ऐक्टर हैं जो सिनेमा में Colloquialism लेकर आए। बता दें कि Colloquialism अनौपचारिक बातचीत में इस्तेमाल होने वाला वाक्यांश है।

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जॉनी वॉकर की अनदेखी तस्वीर, फोटो: Etimes


पूरी फिल्म में बने शराबी, मिला था अवॉर्ड

जॉनी वॉकर बिना शराब पिए एक शराबी की इस तरह ऐक्टिंग करते थे कि हर कोई हैरान रह जाता था। फिल्म ‘मधुमति’ में जॉनी वॉकर ने चरणदास नाम का एक ऐसा किरदार निभाया था, जो पूरी फिल्म के दौरान नशे में ही रहता है। जरा सोचिए, जॉनी वॉकर ने वह पूरी फिल्म एक शराबी के अंदाज में शूट की थी। इस फिल्म के लिए उन्हें फिल्मफेयर का बेस्ट सपोर्टिंग ऐक्टर का अवॉर्ड भी मिला था।

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जॉनी वॉकर की अनदेखी तस्वीर, फोटो: Etimes

‘शराबी बन’ जीते अवॉर्ड, बदली कॉमिडी के साथ बदला अंदाज
50 के दशक तक जॉनी वॉकर का खूब जलवा रहा। लेकिन 60s तक आते-आते कॉमिडी का अंदाज बदलने लगा। इसका असर जॉनी वॉकर के कॉमिक किरदारों पर भी पड़ने लगा। बताया जाता है कि हर फिल्म में जॉनी वॉकर के लगभग एक जैसे ही किरदार लिखे जाने लगे। जैसे-तैसे जॉनी वॉकर कॉमिडी के बदलते दौर में टिके रहने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन गुरु दत्त की अचानक मौत ने उन्हें गहरा सदमा दे दिया। लेकिन जैसे-तैसे जॉनी वॉकर ने खुद को इंडस्ट्री में खड़े रखा। मौके के हिसाब से उन्होंने तरह-तरह के किरदार निभाने शुरू कर दिए। फिल्म ‘गोपी’ से लेकर ‘आनंद’ तक में जॉनी वॉकर के किरदारों को काफी पसंद किया गया। इसके बाद जॉनी वॉकर ने फिल्मों में काम करना कम कर दिया। उनकी आखिरी फिल्म कमल हासन स्टारर ‘चाची 420’ थी। इस फिल्म में जॉनी वॉकर उस मेकअप आर्टिस्ट के किरदार में थे, जो कमल हासन को चाची 420 बनाता है।

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फिल्म ‘चाची 420’ में कमल हासन के साथ जॉनी वॉकर, फोटो: Etimes

2003 में जॉनी वॉकर का हो गया था निधन
29 जुलाई 2003 को जॉनी वॉकर का लंबी बीमारी के कारण निधन हो गया। उनके परिवार में 3 बेटे और 3 बेटियां हैं। ‘फिल्मफेयर’ को दिए एक इंटरव्यू में बेटी तसनीम खान ने बताया था कि अब्बा को जिंदगी में कोई पछतावा नहीं था। वह हमेशा यही कहते कि घर है, कार है, टेलीफोन है, और क्या चाहिए। तसनीम ने यह भी बताया था कि उन्होंने फिल्में क्यों छोड़ीं।

बेटी ने बताया था जॉनी वॉकर ने क्यों छोड़ दी थीं फिल्में
2017 में दिए इंटरव्यू में तसनीम खान ने कहा था, ‘अब्बा ने उस वक्त फिल्में छोड़ दीं जब कॉमिडी में अश्लीलता और डबल मीनिंग आ गए। अब्बा कहते थे कि माउंट एवरेस्ट चढ़ चुका। उतरना भी है ना।’ जॉनी वॉकर को डायबीटीज था, जिसके कारण उनकी किडनी बुरी तरह प्रभावित हुई थी। उस वक्त उन्हें कई दिनों तक हॉस्पिटल में रहना पड़ा। जॉनी वॉकर को यह पसंद नहीं था और वह कहते रहते कि मुझे मशीन में मत टांगो ताकि मैं 10 साल तक टिका रहूं। अगर मैं एक साल घर भी जिंदा रहा, तब भी मैं बहुत खुश होऊंगा।’



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