जिले वाली सियासत से सधेंगे नाराज नेता? अशोक गहलोत का प्लान D हैरान करने वाला है
तीन और नए संभाग बनाए जाने की चल रही कवायद
बजट सत्र के दौरान नई घोषणा के अनुसार राजस्थान में 10 संभाग हो चुके हैं। नए जिले बनाने की मांग की तर्ज पर अब भीलवाड़ा, नागौर, बाड़मेर, सवाई माधोपुर और चित्तौड़गढ़ में भी संभाग मुख्यालय बनाने की मांग तेज हो गई है। इन सभी स्थानों पर कांग्रेस सरकार में कई विधायक और मंत्री हैं, जो अपना राजनीतिक भविष्य सुरक्षित करने के लिए यहां संभाग बनाने को लेकर मुद्दा उठा रहे हैं। माना जा रहा है कि इस घोषणा में तीन और नए संभाग बनाए जा सकते हैं। इससे पहले बजट सत्र में हुई घोषणा के बाद राजस्थान में संभाग की संख्या 10 हो चुकी थी। यानी तीन और संभाग बनते हैं तो राजस्थान में संभाग की संख्या 13 पहुंच जाएगी। इसके पीछे यह तर्क दिया जा रहा है कि कांग्रेस राजनीतिक तौर पर विधानसभा और लोकसभा सीटों पर अपनी बढ़त करना चाहती है।
जयपुर को 2 जिलों में बांटने पर एक बार फिर हो सकता है विचार
नई घोषणा के अनुसार, जयपुर को 2 जिलों में बांटने को लेकर जनप्रतिनिधि नाखुश हैं। इसको लेकर भाजपा भी इसे मुद्दा बनाने का प्रयास कर रही है। सिविल लाइन से पूर्व विधायक और मंत्री रह चुके अरुण चतुर्वेदी ने भी जयपुर को बांटने में अपनी आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि जयपुर एक संपूर्ण सांस्कृतिक व धार्मिक पहचान लिए हुए है। इसे 2 जिलों में बांटना गलत होगा। इसी तरह कांग्रेस सरकार के कैबिनेट मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास भी जयपुर शहर को 2 जिले में विभक्त करने को लेकर अपनी आपत्ति दर्ज करा चुके हैं। इसको लेकर खाचरियावास के बयान भी सामने आए हैं। इस विरोध को देखते हुए सरकार जयपुर को 2 जिले में विभक्त करने पर एक बार फिर विचार कर सकती है।
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इन उपखंडों से बनाए जा सकते हैं नए जिले
सूत्रों के अनुसार सीएम अशोक गहलोत की आगामी नई घोषणा में सांभर, फुलेरा, मालपुरा, सुजानगढ़, भीनमाल, रावतभाटा, खाजूवाला, सुमेरपुर, निंबाहेड़ा, जैतारण, खेतड़ी, कोटा उत्तर व दक्षिण, भिवाड़ी व सूरतगढ़ उपखंडों में से आठ से 10 नए जिलों के नाम की घोषणा हो सकती है। जबकि इससे पहले बजट सत्र में सीएम गहलोत 19 नए जिलों की घोषणा पूर्व में कर चुके हैं। जिसके बाद राजस्थान में जिलों की संख्या 50 पहुंच गई।