जिले में स्वरोजगार योजनाओं का लक्ष्य पूरा: पीएम विश्वकर्मा योजना में 725 लाख रुपये वितरित, पीएम स्वनिधि में मार्च तक टारगेट पूरा करने के आदेश – Dhar News h3>
कलेक्टर प्रियंक मिश्रा की अध्यक्षता में जिला स्तरीय समन्वय समिति की बैठक आयोजित हुई। गुरुवार को हुई बैठक में स्वरोजगार और ऋण योजनाओं की समीक्षा की गई। पीएम रोजगार सृजन योजना, सीएम उद्यम क्रांति योजना, खादी ग्रामोद्योग विभाग की रोजगार सृजन योजना, शहरी
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प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना में 766 प्रकरण स्वीकृत कर 725 लाख रुपए का वितरण किया गया है। कलेक्टर मिश्रा ने पीएम स्वनिधि योजना का लक्ष्य मार्च अंत तक पूरा करने के निर्देश दिए। बिरसा मुंडा स्वरोजगार योजना के 13 प्रकरणों को 20 मार्च तक निपटाने का आदेश दिया। केसीसी फिशरीज योजना के 446 प्रकरणों को तीन दिन में वितरित करने को कहा गया है।
आचार्य विद्यासागर योजना के बचे छह प्रकरणों को 20 मार्च तक पूरा करना है। बकरी पालन इकाई योजना में एक सप्ताह के भीतर प्रगति लाने के निर्देश दिए गए हैं। कलेक्टर ने आजीविका मिशन के तहत व्यक्तिगत ऋण वितरण की धीमी गति पर चिंता जताई। उन्होंने बैंकरों की समस्याओं की जानकारी ली और ऋण वितरण प्रक्रिया को तेज करने के निर्देश दिए।
कलेक्टर की नाराजगी उद्यानिकी विभाग की पीएमएफएमई योजना में लंबित मामलों पर कलेक्टर मिश्रा ने नाराजगी जताई और निर्देश दिए कि मार्च माह में ही सभी लक्ष्य पूरे किए जाएं। उन्होंने कहा कि इस योजना की समीक्षा अगली टीएल बैठक में की जाएगी।
पार्क की स्किल जरूरतों की पूर्ति पर जोर कलेक्टर ने निर्देश दिए कि आरसेटी (ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान) के माध्यम से पीएम मित्र पार्क से संबंधित आवश्यकताओं को पूरा किया जाए, ताकि उद्योगों को स्किल्ड मैनपावर उपलब्ध कराया जा सके। सोलर प्लांट से जुड़े ट्रेड में स्किल डेवलपमेंट की आवश्यकता को देखते हुए आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए गए।
बैठक में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी अभिषेक चौधरी, विभिन्न विभागों के अधिकारी एवं बैंकर्स उपस्थित थे। डीएलसीसी बैठक का मुख्य उद्देश्य सरकारी योजनाओं की वित्तीय प्रगति की समीक्षा करना, बैंक ऋण वितरण की स्थिति को सुधारना, रोजगार सृजन को बढ़ावा देना और प्रशासन व बैंकर्स के बीच बेहतर समन्वय स्थापित करना है।
इससे यह सुनिश्चित किया जाता है कि जिले में आर्थिक विकास से जुड़ी योजनाएं प्रभावी रूप से लागू हों और जरूरतमंद लोगों को समय पर ऋण व अन्य वित्तीय सहायता मिल सके।