जिले के 560 गांवों में ड्रोन कैमरा से सर्वे, मालिकाना हक के ई-संपत्ति कार्ड मिलेंगे h3>
इंदौर. ग्रामीण क्षेत्र के लिए पीएम स्वामित्व योजना में उन लोगों को अपने जमीन का मालिकाना हक दिया जा रहा है, जिनकी जमीन किसी भी सरकारी आंकड़े में दर्ज नहीं है। इसके तहत जिले के ग्रामीण क्षेत्र की आबादी को भी शहरी क्षेत्र जैसी सुविधाएं मिलेगी। इसके लिए जिले के 560 गांवों में ड्रोन केमरा उड़ाया गया है। ड्रोन केमरे से सभी गांवों के आदाबी क्षेत्र की डिजिटल मेपिंग की गई है। गांव में पीडिय़ों से बसी आबादी को अब मालिकाना हक मिलेगा। आजादी के बाद से अब ग्रामीणों को उनके पुस्तेनी मकानों व घर की जगह का भू-अधिकार पत्र(पट्टे) मिलेगा। यह एक तरह की रजिस्ट्री रहेगी। जिससे ग्रामीणों को कई कामों में लाभ मिलेगा।
करीब 80 हजार अधिकार अभिलेख तैयार होंगे
अभी ड्रोन सर्वे के आधार पर 79 गांवों के भू-अभिलेख अधिकार पत्र तैयार हुए है। इन गांवों के 9 हजार से अधिक डिजिटल पट्टे भी बन गए है। सभी गांवों के सर्वे के आधार पर करीब 80 से 90 हजार मकानों के ई-पट्टे जारी होंगे। इसे लेकर प्रक्रिया जारी हैं। ड्रोन सर्वे के बाद इनका नया नक्शा बनेगा। सर्वे के बाद एक बार टीम मौके पर जाकर फिर उसका सत्यापन कर रही हैं। संशोधन का मौका भी ग्रामीणों को मिल रहा है। जबलपुर से संशोधित नक्शों के ऑनलाइन अधिकार अभिलेख (रिकार्ड ऑफ राइट) विभाग की साइड पर अपलोड होंगे। पहले इसमें तीन सर्वे टीम काम कर रही थी। सर्वे काम पूरा होने से संशोधन के लिए एक टीम ग्रामीण क्षेत्रों के दौरे पर है। अभी भांगिया, जाखिया, मगरखेड़ी, बारोली, लिंबोदागादी, पालाखेड़ी, सिंहासा गांव में ड्रोन से अंतिम सर्वे काम के साथ संशोधन का काम हो रहा हैं।
इससे यह फायदे होंगे
शहरी प्रापर्टी की तरह अब ग्रामीण आबादी क्षेत्रों के मकानों के भूखंड भी राजस्व रिकार्ड में दर्ज होंगे। शहरी क्षेत्र की तरह ही अब ग्रामीण भी अपनी पट्टे की जमीन की खरीद-बिक्री कर सकेंगे। इसका स्वामित्व अधिकार मिलेगा। पट्टा मिलने से शहरी रजिस्ट्री की तरह उस पर बैंक से लोन के लिए पात्र होगा। जमानत में भी पट्टा मान्य होगा।
कब्जे का डर नहीं होगा
जिला भू-अभिलेख अधिकारी बजरंग बहादूर ने बताया कि ऐसे कई लोग है जिनकी जमीन किसी भी सरकारी आंकड़ों में दर्ज नहीं है। जिससे उनकी जमीन पर कब्जा होने का खतरा रहता है। इसी को देखते हुए केंद्र सरकार ने 2020 में प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना को शुरु किया। इसी कड़ी में जिले के 560 गांवों का सर्वे हो गया है। 9 हजार से अधिक पट्टे ऑनलाइन रिकार्ड में बनकर दर्ज हो गए है। बाकि की प्रक्रिया जारी है। पट्टे का अधिकार मिलने से कई योजना में लाभ मिल सकेगा।