जिला में टीबी के 2133 रोगी, 74 को 16 लोगों ने लिया गोद h3>
जिला में टीबी के 2133 रोगी, 74 को 16 लोगों ने लिया गोद
हर माह दे रहे पोषक राशन रोगी का कर रहे मदद
राजगीर आयुध फैक्ट्री ने 25 को लिया है गोद
कोई भी व्यक्ति निक्षय मित्र बन टीबी रोगियों की कर सकता है मदद
2 लोग सोमवार को टीबी रोगी को लेंगे गोद
फोटो :
टीबी : सदर अस्पताल का यक्ष्मा विभाग।
बिहारशरीफ, निज संवाददाता।
जिला में यक्ष्मा (टीबी) के दो हजार 133 रोगी हैं। इनमें से 74 रोगियों को सीएस समेत 16 लोगों ने गोद लिया है। उन्हें पौष्टिक आहार के लिए हर माह वे राशन देकर उन्हें मदद कर रहे हैं। राजगीर आयुध फैक्ट्री ने अकेले 25 टीबी रागियों को गोद लिया है। कोई भी व्यक्ति निक्षय मित्र बन टीबी रोगियों की इस तरह से मदद कर सकता है।
सीएस डॉ. अविनाश कुमार सिंह, एसीएमओ डॉ. कुमकुम प्रसाद, एनसीडीओ डॉ. राम मोहन सहाय, सीडीओ डॉ. राकेश कुमार ने पांच-पांच रोगियों को गोद ले रखा है। जिला में फिलहाल 16 लोग निक्षय मित्र बने हैं। सोहसराय अस्पताल की प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. शारदा सिन्हा व राजगीर अस्पताल के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. उमेश चंद्र भी टीबी रोगियों को गोद लेने वाले हैं। वे निक्षय मित्र बन चुके हैं। सोमवार को टीबी रोगी को राशन व अन्य सामान देकर उनकी मदद करेंगे। देश में प्रधानमंत्री टीबीमुक्त भारत अभियान चलाया जा रहा है। इसके तहत वर्ष 2025 तक देश से टीबी का उन्मूलन करने का लक्ष्य है।
टीबी रोगी की सूचना देने पर डॉक्टर को मिलेगी 500 रुपए प्रोत्साहन राशि :
संचारी रोग नियंत्री पदाधिकारी डॉ. राकेश कुमार ने बताया कि अब टीबी बीमारी लाइलाज नहीं रही। ऐसे रोगियो की खोज व जांच कर उनका इलाज किया जा रहा है। निजी क्लीनिक में टीबी रोगी मिलने पर इसकी सूचना देने पर डॉक्टर को 500 रुपए प्रति रोगी प्रोत्साहन राशि दी जाती है। व्लर्ड हेल्थ पार्टनर (डब्ल्यूएचपी) एजेंसी ऐसे हर रोगी का फॉलोअप लेती है। एक रोगी के ठीक होने पर उसे दो हजार 800 रुपए प्रोत्साहन राशि मिलती है। उन्होंने बताया कि इस अभियान से टीबी रोगियों की पहचान हो रही है। उन्होंने बताया कि निक्षय मित्र बनने का लाभ दिखने लगा है। इससे रोगी भी प्रेरित हो रहे हैं। हमारा लक्ष्य इस बीमारी को खत्म करना है। इसके लिए जांच के साथ ही नियमित इलाज व पौष्टिक आहार आवश्यक है।
किसने कितने टीबी रोगी को लिया है गोद :
सीएस डॉ. अविनाश कुमार सिंह, एसीएमओ डॉ. कुमकुम प्रसाद, एनसीडीओ डॉ. राम मोहन सहाय, सीडीओ डॉ. राकेश कुमार, मुकेश कुमार वर्मा, अवधेश प्रसाद, ममता प्रसाद, अभिजीत कौर ने पांच-पांच, राजगीर आयुध फैक्ट्री ने 25, बिबेक कुमार ने तीन, साधुशरण सिंह, कुणाल साहनी, विजय नारायण राम, डॉ. राजीव रंजन, प्रमोद कुमार व सतीश कुमार सिन्हा ने एक-एक टीबी रोगी को गोद लिया है।
यह हिन्दुस्तान अखबार की ऑटेमेटेड न्यूज फीड है, इसे लाइव हिन्दुस्तान की टीम ने संपादित नहीं किया है।
बिहार की और खबर देखने के लिए यहाँ क्लिक करे – Delhi News
जिला में टीबी के 2133 रोगी, 74 को 16 लोगों ने लिया गोद
हर माह दे रहे पोषक राशन रोगी का कर रहे मदद
राजगीर आयुध फैक्ट्री ने 25 को लिया है गोद
कोई भी व्यक्ति निक्षय मित्र बन टीबी रोगियों की कर सकता है मदद
2 लोग सोमवार को टीबी रोगी को लेंगे गोद
फोटो :
टीबी : सदर अस्पताल का यक्ष्मा विभाग।
बिहारशरीफ, निज संवाददाता।
जिला में यक्ष्मा (टीबी) के दो हजार 133 रोगी हैं। इनमें से 74 रोगियों को सीएस समेत 16 लोगों ने गोद लिया है। उन्हें पौष्टिक आहार के लिए हर माह वे राशन देकर उन्हें मदद कर रहे हैं। राजगीर आयुध फैक्ट्री ने अकेले 25 टीबी रागियों को गोद लिया है। कोई भी व्यक्ति निक्षय मित्र बन टीबी रोगियों की इस तरह से मदद कर सकता है।
सीएस डॉ. अविनाश कुमार सिंह, एसीएमओ डॉ. कुमकुम प्रसाद, एनसीडीओ डॉ. राम मोहन सहाय, सीडीओ डॉ. राकेश कुमार ने पांच-पांच रोगियों को गोद ले रखा है। जिला में फिलहाल 16 लोग निक्षय मित्र बने हैं। सोहसराय अस्पताल की प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. शारदा सिन्हा व राजगीर अस्पताल के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. उमेश चंद्र भी टीबी रोगियों को गोद लेने वाले हैं। वे निक्षय मित्र बन चुके हैं। सोमवार को टीबी रोगी को राशन व अन्य सामान देकर उनकी मदद करेंगे। देश में प्रधानमंत्री टीबीमुक्त भारत अभियान चलाया जा रहा है। इसके तहत वर्ष 2025 तक देश से टीबी का उन्मूलन करने का लक्ष्य है।
टीबी रोगी की सूचना देने पर डॉक्टर को मिलेगी 500 रुपए प्रोत्साहन राशि :
संचारी रोग नियंत्री पदाधिकारी डॉ. राकेश कुमार ने बताया कि अब टीबी बीमारी लाइलाज नहीं रही। ऐसे रोगियो की खोज व जांच कर उनका इलाज किया जा रहा है। निजी क्लीनिक में टीबी रोगी मिलने पर इसकी सूचना देने पर डॉक्टर को 500 रुपए प्रति रोगी प्रोत्साहन राशि दी जाती है। व्लर्ड हेल्थ पार्टनर (डब्ल्यूएचपी) एजेंसी ऐसे हर रोगी का फॉलोअप लेती है। एक रोगी के ठीक होने पर उसे दो हजार 800 रुपए प्रोत्साहन राशि मिलती है। उन्होंने बताया कि इस अभियान से टीबी रोगियों की पहचान हो रही है। उन्होंने बताया कि निक्षय मित्र बनने का लाभ दिखने लगा है। इससे रोगी भी प्रेरित हो रहे हैं। हमारा लक्ष्य इस बीमारी को खत्म करना है। इसके लिए जांच के साथ ही नियमित इलाज व पौष्टिक आहार आवश्यक है।
किसने कितने टीबी रोगी को लिया है गोद :
सीएस डॉ. अविनाश कुमार सिंह, एसीएमओ डॉ. कुमकुम प्रसाद, एनसीडीओ डॉ. राम मोहन सहाय, सीडीओ डॉ. राकेश कुमार, मुकेश कुमार वर्मा, अवधेश प्रसाद, ममता प्रसाद, अभिजीत कौर ने पांच-पांच, राजगीर आयुध फैक्ट्री ने 25, बिबेक कुमार ने तीन, साधुशरण सिंह, कुणाल साहनी, विजय नारायण राम, डॉ. राजीव रंजन, प्रमोद कुमार व सतीश कुमार सिन्हा ने एक-एक टीबी रोगी को गोद लिया है।
यह हिन्दुस्तान अखबार की ऑटेमेटेड न्यूज फीड है, इसे लाइव हिन्दुस्तान की टीम ने संपादित नहीं किया है।