जितने मरीज नहीं, उससे ज्यादा की करवा दी टेली कंसल्टेंसी | Tele-consultancy was done for more patients than the number of patient | Patrika News h3>
बिना मरीजों के ही उनका वीडियो कान्फ्रेंस से इलाज करना दिखा दिया
सतना में टेली मेडिसिन के नाम पर फर्जीवाड़ा, बनाए फर्जी बिल
सतना। प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों सहित हेल्थ एण्ड वेलनेस सेंटरों में मरीज भले चंगे हों कि नहीं, टेली मेडिसिन सेवा के कर्ताधर्ता खूब मोटे हो रहे हैं। जितनी संख्या में अस्पतालों में मरीज नहीं आ रहे हैं, उससे कहीं बहुत ज्यादा आंकड़े में टेली कंसल्टेशन दिखा कर बिल लगाए जा रहे हैं। कहीं-कहीं तो शून्य ओपीडी वाले स्वास्थ्य केंद्रों में भी बड़ी संख्या में रोगियों को टेली कंसल्टेशन दिखा दी गई है। परसमनिया, माधवगढ़, झिन्ना जैसे रिमोट एरिया के अस्पतालों में बड़ा फर्जीवाड़ा पकड़ में आया है।
इस योजना के तहत ठेका कंपनी ग्लोबल हेल्थकेयर सिस्टम कोलकाता ने चिह्नित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में अपने लैब टेक्नीशियन लगा रखे हैं। वहां के मेडिकल ऑफिसर या चिकित्सक किसी मरीज के लिए उच्च स्तरीय इलाज की जरूरत महसूस करते हैं, तो वे उसे टेली मेडिसिन के लिए परामर्श देते हैं। लैब तकनीशियन उस मरीज के अपने लूप के विशेषज्ञ से कम्प्यूटर पर वीडियो कॉल पर बात करवा देता है। विशेषज्ञ दवाइयों का पर्चा तकनीशियन के माध्यम से ही मरीज को सुलभ करवाता है। विश्वस्त सूत्रों ने बताया कि बिना चिकित्सक के परामर्श के टेक्नीशियनों ने कई-कई मरीजों की टेली कंसल्टेशन रिकॉर्ड में दिखाई है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र परसमनिया विकासखंड उचेहरा ऐसा ही केंद्र है, जहां ओपीडी के सारे मरीजों का टेली कंसल्टेशन बिना चिकित्सक के परामर्श के किया जा रहा है। परसमनिया में चिकित्सा व स्वास्थ्य विभाग की ओर से संबद्ध लैब टेक्नीशियन को इस बारे में नोटिस दिया गया तो उसने जवाब में उच्च स्तर द्वारा प्रतिदिन 20-25 टेली कंसल्टेंसी करने का दबाव डालने का कारण गिनाया।
ओपीडी से दोगुनी कंसल्टेशन, कहीं-कहीं पांच गुनी
सतना के कई केंद्रों पर जितनी ओपीडी है, उससे दोगुनी तक टेली कंसल्टेशन दिखाई गई है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र अटरा और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ककरहा जैसे कुछ स्थानों पर तो यह असल मरीजों की तुलना में पांच गुना तक दशाई गई है। विभाग को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र माधवगढ़, विकासखंड सोहावल, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र झिन्ना, विकासखंड अमरपाटन और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ताला में भी इससे जुड़ी कई अनियमितताएं मिली हैं।
तैनाती कहीं, कंसल्टेंसी कहीं ओर
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र उचेहरा और शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र नई बस्ती टेली कंसल्टेंसी में टेली कंसल्टेंसी अटरा, ककरहा और विकासखंड उचेहरा में नियुक्त लैब टेक्नीशियन करवा रहे हैं। हैरानी की बात है कि वे अपने मूल पदस्थापना स्थल पर टेली कंसल्टेंसी नहीं कर रहे। विभाग ने संबंधित ठेका कंपनी को इन टेक्नीशियनों को मूल स्थान पर भेजने को कहा, पर कंपनी ने इसकी पालना नहीं की है।
सामान्य मरीजों की कंसल्टेंसी
विभाग ने यह भी पाया है कि रिकॉर्ड में टेली कंसल्टेंसी की मूल अवधारणा को भी किनारे रख दिया गया है। प्रावधान के मुताबिक टेली कंसल्टेंसी प्रमुखत: गायनिक, पीडियाट्रिक्स और मेडिसिन विशेषज्ञों से संबंधित होनी चाहिए। लेकिन सतना में सामने आए ज्यादातर मामलों में यह सामान्य बीमारियों के मरीजों की सामान्य चिकित्सकों से जुड़ी समस्याओं में ही उपलब्ध करवाई गई है।
जिला समन्वयक ने कहा-कोई गड़बड़ नहीं
ग्लोबल हेल्थकेयर के स्थानीय समन्वयक विकास कुशवाहा ने मुख्य चिकित्सा व स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा संज्ञान में लाए गए बिंदुओं पर विभाग को जो जवाब दिया है, उसमें कहा है कि कहीं कोई गड़बड़ नहीं है। उचेहरा और नई बस्ती में नियम विरुद्ध टेली कंसल्टेंसी करवाने को भी उन्होंनेे सही करार दिया है। कहा है, पूर्ववर्ती सीएमएचओ ने इस संबंध में आदेश दिया था कि वहां भी टेली कंसल्टेंसी करनी है।
इस योजना के तहत ठेका कंपनी ग्लोबल हेल्थकेयर सिस्टम कोलकाता ने चिह्नित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में अपने लैब टेक्नीशियन लगा रखे हैं। वहां के मेडिकल ऑफिसर या चिकित्सक किसी मरीज के लिए उच्च स्तरीय इलाज की जरूरत महसूस करते हैं, तो वे उसे टेली मेडिसिन के लिए परामर्श देते हैं। लैब तकनीशियन उस मरीज के अपने लूप के विशेषज्ञ से कम्प्यूटर पर वीडियो कॉल पर बात करवा देता है। विशेषज्ञ दवाइयों का पर्चा तकनीशियन के माध्यम से ही मरीज को सुलभ करवाता है। विश्वस्त सूत्रों ने बताया कि बिना चिकित्सक के परामर्श के टेक्नीशियनों ने कई-कई मरीजों की टेली कंसल्टेशन रिकॉर्ड में दिखाई है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र परसमनिया विकासखंड उचेहरा ऐसा ही केंद्र है, जहां ओपीडी के सारे मरीजों का टेली कंसल्टेशन बिना चिकित्सक के परामर्श के किया जा रहा है। परसमनिया में चिकित्सा व स्वास्थ्य विभाग की ओर से संबद्ध लैब टेक्नीशियन को इस बारे में नोटिस दिया गया तो उसने जवाब में उच्च स्तर द्वारा प्रतिदिन 20-25 टेली कंसल्टेंसी करने का दबाव डालने का कारण गिनाया।
ओपीडी से दोगुनी कंसल्टेशन, कहीं-कहीं पांच गुनी
सतना के कई केंद्रों पर जितनी ओपीडी है, उससे दोगुनी तक टेली कंसल्टेशन दिखाई गई है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र अटरा और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ककरहा जैसे कुछ स्थानों पर तो यह असल मरीजों की तुलना में पांच गुना तक दशाई गई है। विभाग को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र माधवगढ़, विकासखंड सोहावल, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र झिन्ना, विकासखंड अमरपाटन और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ताला में भी इससे जुड़ी कई अनियमितताएं मिली हैं।
तैनाती कहीं, कंसल्टेंसी कहीं ओर
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र उचेहरा और शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र नई बस्ती टेली कंसल्टेंसी में टेली कंसल्टेंसी अटरा, ककरहा और विकासखंड उचेहरा में नियुक्त लैब टेक्नीशियन करवा रहे हैं। हैरानी की बात है कि वे अपने मूल पदस्थापना स्थल पर टेली कंसल्टेंसी नहीं कर रहे। विभाग ने संबंधित ठेका कंपनी को इन टेक्नीशियनों को मूल स्थान पर भेजने को कहा, पर कंपनी ने इसकी पालना नहीं की है।
सामान्य मरीजों की कंसल्टेंसी
विभाग ने यह भी पाया है कि रिकॉर्ड में टेली कंसल्टेंसी की मूल अवधारणा को भी किनारे रख दिया गया है। प्रावधान के मुताबिक टेली कंसल्टेंसी प्रमुखत: गायनिक, पीडियाट्रिक्स और मेडिसिन विशेषज्ञों से संबंधित होनी चाहिए। लेकिन सतना में सामने आए ज्यादातर मामलों में यह सामान्य बीमारियों के मरीजों की सामान्य चिकित्सकों से जुड़ी समस्याओं में ही उपलब्ध करवाई गई है।
जिला समन्वयक ने कहा-कोई गड़बड़ नहीं
ग्लोबल हेल्थकेयर के स्थानीय समन्वयक विकास कुशवाहा ने मुख्य चिकित्सा व स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा संज्ञान में लाए गए बिंदुओं पर विभाग को जो जवाब दिया है, उसमें कहा है कि कहीं कोई गड़बड़ नहीं है। उचेहरा और नई बस्ती में नियम विरुद्ध टेली कंसल्टेंसी करवाने को भी उन्होंनेे सही करार दिया है। कहा है, पूर्ववर्ती सीएमएचओ ने इस संबंध में आदेश दिया था कि वहां भी टेली कंसल्टेंसी करनी है।
” विभिन्न प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के औचक निरीक्षण के दौरान यह गड़बड़ी पाई गई थी। संबंधित संस्था के जिला समन्वयक को नोटिस भी दिया गया था, लेकिन कोई सुधार नहीं होने के कारण अब राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के मिशन संचालक को कार्रवाई का प्रस्ताव भेजा गया है। चूंकि इस संस्था का भुगतान आदि सभी राज्य स्तर से होता है, लिहाजा कार्रवाई का अधिकार भी वहीं है ” – डॉ एलके तिवारी, सीएमएचओ, सतना