जिंदगी और मौत के बीच बॉलीवुड की ताकत का हुआ एहसास, कबीर खान ने बताया अनसुना किस्सा h3>
The Filmy Hustle Exclusive: ‘एक था टाइगर’, ‘बजरंगी भाईजान’, ‘चंदू चैंपियन’ और ’83’ जैसी फिल्मों के लिए मशहूर बॉलीवुड डायरेक्टर कबीर खान फिल्म इंडस्ट्री में अपनी दमदार फिल्मों की कहानियों के लिए जाने जाते हैं। वह अपने 9 साल के फिल्मी करियर में कई हिट फिल्में दे चुके हैं। डायरेक्टर ने अब इंडिया टीवी के ‘द फिल्मी हसल’ पॉडकास्ट में बातचीत के दौरान खुलासा किया कि एक वक्त जब उन्हें जिंदगी और मौत का सामना करना पड़ा था। जब वह अपनी फिल्म ‘काबुल एक्सप्रेस’ की शूटिंग के लिए अफगानिस्तान गए थे। उस वक्त उन्होंने हिंदी सिनेमा के लिए काम करने की कसम खाई थी।
कबीर खान का मौत से हुआ सामना
2006 में एडवेंचर थ्रिलर ‘काबुल एक्सप्रेस’ से फीचर फिल्म निर्देशन की शुरुआत करने वाले कबीर खान ने बताया कि जब वो अपनी पहली फिल्म की शूटिंग के लिए अफगानिस्तान गए थे तो वहां उन्होंने किस डर का सामना किया था। इंडिया टीवी से बात करते हुए कबीर ने बताया, ‘सच कहूं तो वो मेरे लिए बहुत डरावना वक्त था जो कुछ भी वहां हुआ वो एक तरह से हमारी मौत का संकेत था।’ फिल्म निर्देशक ने खुलासा किया, ‘असल में हुआ ये कि हमने फिल्म की शूटिंग शुरू कर दी। हम पूरी दुनिया में पहली ऐसी टीम थे जो तालिबान के बाद अफगानिस्तान में फिल्म की शूटिंग कर रहे थे। उस वक्त हमारी हालत ऐसी हो गई थी कि मुझे एहसास हो गया कि अब बॉलीवुड में काम करना है। 2001 में हमें शूटिंग के लिए अफगानिस्तान जाना था, लेकिन हम हिंदुस्तानी थे तो कोई आसान जारिए नहीं था हमारे पास वहां जाने का। इसलिए हमें ताजिकिस्तान से होते हुए जाना पड़ा। वहां लैंडस्लाइड हो गया और हमने सोच हम एक हेलीकॉप्टर लेंगे, लेकिन वो एक दिन पहले क्रैश हो गया।
कबीर खान 14 दिन बाद हुए डर से आजाद
बॉलीवुड डायरेक्टर ने कहा, ’14 दिन हो गए और हमने सोचा अब यहां से निकल जाते हैं, लेकिन फिर सोचा एक बार और कोशिश करते हैं। वहां हमें एक रशियन हेलीकॉप्टर दिखी जो हेल्थ इक्विपमेंट के साथ दिखाई दिए और हमने भारतीय जुगाड़ लगाया उसे 2000 डॉलर दिए जो भारतीय रुपये के अनुसार 1,68,421.50 थे। उसने हमें पहाड़ों के बीच कूदने को कहा और हमें अपनी जान बचाने के लिए उस उंचाई से कूदना पड़ा। वहां एक आदमी हमें देख गुस्सा हो रहा था कि हम कौन है जो ऐसे आए हैं। उस वक्त वो अनजान इंसान हमारे पास से निकाला और हंसाते हुए गाना गाने लगा मेरे सपनों की रानी कब आएगी। ये सुनते ही मैंने तय कर लिया कि अब हिंदी सिनेमा के लिए काम करना है। वहीं से मेरी फिल्म बनाने की जर्नी शुरू हो गई।’
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The Filmy Hustle Exclusive: ‘एक था टाइगर’, ‘बजरंगी भाईजान’, ‘चंदू चैंपियन’ और ’83’ जैसी फिल्मों के लिए मशहूर बॉलीवुड डायरेक्टर कबीर खान फिल्म इंडस्ट्री में अपनी दमदार फिल्मों की कहानियों के लिए जाने जाते हैं। वह अपने 9 साल के फिल्मी करियर में कई हिट फिल्में दे चुके हैं। डायरेक्टर ने अब इंडिया टीवी के ‘द फिल्मी हसल’ पॉडकास्ट में बातचीत के दौरान खुलासा किया कि एक वक्त जब उन्हें जिंदगी और मौत का सामना करना पड़ा था। जब वह अपनी फिल्म ‘काबुल एक्सप्रेस’ की शूटिंग के लिए अफगानिस्तान गए थे। उस वक्त उन्होंने हिंदी सिनेमा के लिए काम करने की कसम खाई थी।
कबीर खान का मौत से हुआ सामना
2006 में एडवेंचर थ्रिलर ‘काबुल एक्सप्रेस’ से फीचर फिल्म निर्देशन की शुरुआत करने वाले कबीर खान ने बताया कि जब वो अपनी पहली फिल्म की शूटिंग के लिए अफगानिस्तान गए थे तो वहां उन्होंने किस डर का सामना किया था। इंडिया टीवी से बात करते हुए कबीर ने बताया, ‘सच कहूं तो वो मेरे लिए बहुत डरावना वक्त था जो कुछ भी वहां हुआ वो एक तरह से हमारी मौत का संकेत था।’ फिल्म निर्देशक ने खुलासा किया, ‘असल में हुआ ये कि हमने फिल्म की शूटिंग शुरू कर दी। हम पूरी दुनिया में पहली ऐसी टीम थे जो तालिबान के बाद अफगानिस्तान में फिल्म की शूटिंग कर रहे थे। उस वक्त हमारी हालत ऐसी हो गई थी कि मुझे एहसास हो गया कि अब बॉलीवुड में काम करना है। 2001 में हमें शूटिंग के लिए अफगानिस्तान जाना था, लेकिन हम हिंदुस्तानी थे तो कोई आसान जारिए नहीं था हमारे पास वहां जाने का। इसलिए हमें ताजिकिस्तान से होते हुए जाना पड़ा। वहां लैंडस्लाइड हो गया और हमने सोच हम एक हेलीकॉप्टर लेंगे, लेकिन वो एक दिन पहले क्रैश हो गया।
कबीर खान 14 दिन बाद हुए डर से आजाद
बॉलीवुड डायरेक्टर ने कहा, ’14 दिन हो गए और हमने सोचा अब यहां से निकल जाते हैं, लेकिन फिर सोचा एक बार और कोशिश करते हैं। वहां हमें एक रशियन हेलीकॉप्टर दिखी जो हेल्थ इक्विपमेंट के साथ दिखाई दिए और हमने भारतीय जुगाड़ लगाया उसे 2000 डॉलर दिए जो भारतीय रुपये के अनुसार 1,68,421.50 थे। उसने हमें पहाड़ों के बीच कूदने को कहा और हमें अपनी जान बचाने के लिए उस उंचाई से कूदना पड़ा। वहां एक आदमी हमें देख गुस्सा हो रहा था कि हम कौन है जो ऐसे आए हैं। उस वक्त वो अनजान इंसान हमारे पास से निकाला और हंसाते हुए गाना गाने लगा मेरे सपनों की रानी कब आएगी। ये सुनते ही मैंने तय कर लिया कि अब हिंदी सिनेमा के लिए काम करना है। वहीं से मेरी फिल्म बनाने की जर्नी शुरू हो गई।’
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