जाले: मुंह चिढ़ा रही राजकीय नलकूप संचालन की व्यवस्था

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जाले: मुंह चिढ़ा रही राजकीय नलकूप संचालन की व्यवस्था

जाले: मुंह चिढ़ा रही राजकीय नलकूप संचालन की व्यवस्था


जाले। प्रखंड क्षेत्र की इक्कीस पंचायत, एक नगर पंचायत और एक नगर परिषद क्षेत्र…

Newswrapहिन्दुस्तान टीम,दरभंगाMon, 09 Jan 2023 01:20 AM

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जाले। प्रखंड क्षेत्र की इक्कीस पंचायत, एक नगर पंचायत और एक नगर परिषद क्षेत्र के किसानों के खेतों में लगी फसलों की सिंचाई के लिए सरकारी स्तर पर 56 राजकीय नलकूप की व्यवस्था रखी गई है। विभागीय सूत्रों के अनुसार इनमें से 48 राजकीय नलकूप चालू अवस्था में है। इन राजकीय नलकूपों से लगभग दस हजार हेक्टेयर में लगी रबी फसल की सिंचाई होनी है। लेकिन सच्चाई यह है कि कुछ ही पंचायतों में राजकीय नलकूप से किसानों के खेतों को पानी मिल रहा है। शेष किसानों को निजी नलकूपों के सहारे रबी फसलों की सिंचाई करनी पर रही है। रतनपुर के युवा किसान मुकेश ठाकुर कहते हैं कि रतनपुर में मोक्कर्री के रजखानी और कलवाड़ा में दो स्टेट बोरिंग का संचालन ग्राम पंचायत के माध्यम से किया जा रहा है। सुखरामपुर का राजकीय नलकूप चालू अवस्था में नहीं है। अगर इसे चालू भी करवा दिया जाए तो इस पंचायत का फसल क्षेत्र इतना बड़ा है कि इससे रबी फसलों की सिंचाई की सुविधा ऊंट के मुंह में जीरा का फोरन जैसी साबित होगी। वहीं दूसरी ओर राजकीय नलकूपों से खेतों में पानी ले जाने के लिए नाला की व्यवस्था नहीं है। कुछ नजदीक के किसान प्लास्टिक पाइप के सहारे खेतों में पानी ले जा पा रहे हैं। अन्य किसानों को अधिक दूरी तक पाइप ले जाने में काफी दिक्कतें आ रही हैं। ऐसे हालात में राजकीय नलकूपों से नाला की व्यवस्था नहीं रहने से राजकीय नलकूपों का संचालन बेमानी जैसा दिख रहा है। यही वजह है कि अधिकांश किसानों को निजी नलकूपों के सहारे फसलों की सिंचाई करनी पड़ती है। कछुआ के किसान सुधीर राय, मुनींद्र मिश्र आदि कहते हैं कि डीजल पंप से चलने वाले निजी नलकूप संचालक किसानों से दो सौ रुपए प्रति घंटा और बिजली से चलने वाले निजी नलकूपों से किसानों को अमूमन 40 रुपए प्रति कट्ठा की दर से सिंचाई पर खर्च करना पड़ता है। योगियारा पंचायत के किसान भोला प्रसाद सिंह कहते हैं कि राजकीय नलकूपों की व्यवस्था इतनी दयनीय है कि किसानों को उससे उनकी फसलों की सिंचाई संभव नहीं है। रतनपुर के युवा किसान रंजीत ठाकुर, गोविंद ठाकुर, मुनींद्र ठाकुर आदि कहते हैं के प्रति पंचायत लगभग आधे दर्जन से अधिक राजकीय नलकूप की नाला सहित व्यवस्था कर दिए जाने पर हीं किसानों को सिंचाई करने में सहूलियतें होंगी। दूसरी ओर केंद्र सरकार ने हर खेत तक पानी पहुंचाने के लिए पंडित दीनदयाल उपाध्याय किसान विद्युतीकरण योजना चलाई थी, लेकिन इस योजना के तहत तार टूट जाने, ट्रांसफार्मर जल जाने, कहीं-कहीं लो वोल्टेज आदि समस्याओं के समाधान में लंबा समय लगने से किसान नाराज हैं। रतनपुर के डीह बाध में लगा ट्रांसफार्मर एक माह से ऊपर से जला हुआ है। इससे आधे दर्जन से अधिक निजी नलकूप जुड़ा हुआ है। इस वजह से डीह बाध फसल क्षेत्र में लोगों के फसलों की सिंचाई नहीं हो पा रही है और किसान परेशान है।

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