जाली रजिस्ट्री पर पर कसेगा नकेल, भूमि सुधार मंत्री दिलीप जायसवाल ने बदला दाखिल-खारिज का नियम h3>
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बिहार में 20 वर्षों से अधिक पुरानी रजिस्ट्री हुई जमीन का दाखिल-खारिज अथवा जमाबंदी बिना एडीएम की जांच के नहीं होगी। फर्जी रजिस्ट्री पर रोक लगाने भूमि से जुड़ी विवादों पर अंकुश लगाने को लेकर राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने यह निर्णय लिया है। नीतीश सरकार के भूमि सुधार एवं राजस्व मंत्री मंत्री दिलीप जायसवाल ने यह जानकारी दी। राज्य में जाली दस्तावेज से फर्जी रजिस्ट्री के खेल पर नकेल कसने के लिए नियमों में बदलाव किया गया है।
मंत्री दिलीप जायसवाल ने कहा कि नकली केवाला का राज्य में बड़ा रैकेट चल रहा है। नकली आधार कार्ड के सहारे गलत आदमी को खड़ा करके किसी की भी जमीन की निबंधन कार्यालय की साठगांठ से बिक्री तक करा दी जाती है। उन्होंने यह भी बताया कि जल्द ही राज्य के सभी 38 जिलों में भूमि सर्वेक्षण का काम शुरू होगा। यह सरकार की प्राथमिकता में है। भूमि सर्वेक्षण से ही भूमि संबंधी सारे दस्तावेज अद्यतन होंगे और जमीन को लेकर हो रही लड़ाई-झगड़े पर रोक लगेगी। उन्होंने कहा कि जमाबंदी डिजिटाइजेशन के दौरान कई त्रुटियां रह गयी थीं। हमने नाम, पिता का नाम, पता, खाता-खेसरा-रकवा और लगान की गलतियों को दुरुस्त करने के लिए परिमार्जन प्लस पोर्टल शुरू किया है। इससे घर बैठे जमाबंदी में प्रविष्टि भी करायी जा सकती है, जो फिजिकल (पुरानी) जमाबंदी में छूट गयी थी। सरकारी जमीन की सुरक्षा सुनिश्चत करने के लिए एक पोर्टल विकसित किया गया है। उन्होंने कहा कि शहर में दो साल और ग्रामीण क्षेत्रों में पांच साल से कार्यरत राजस्व पदाधिकारियों का तबादला किया जा रहा है।
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भ्रष्टाचार की वजह से भी रद्द होते हैं दाखिल खारिज के आवेदन
मंत्री ने साफ कहा कि दाखिल-खारिज के आवेदनों को अंचल अधिकारी/राजस्व अधिकारी के द्वारा बड़ी संख्या में अस्वीकृत किया जाता है। आवेदकों का पक्ष नहीं सुना जाता है। उन्होंने माना कि इसका भ्रष्टाचार भी एक बड़ा कारण है। जानबूझ कर आवेदन अस्वीकृत किया जाता है ताकि पक्षकार से अवैध उगाही की जा सके। इसको लेकर हमने निर्देश दिया है कि किसी भी आधार पर अस्वीकृति की स्थिति बनती है तो आवेदक को नोटिस देकर उनका पक्ष सुना जाए।
दस हजार कर्मियों की नियुक्ति जल्द, सीएम देंगे पत्र
मंत्री ने बताया कि दस हजार कर्मियों को इसी माह पटना के ज्ञान भवन में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नियुक्ति-पत्र देंगे। चयनित कर्मियों में विशेष सर्वेक्षण अमीन 8035, विशेष सर्वेक्षण कानूनगो 458, विशेष सर्वेक्षण सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी 353 और विशेष सर्वेक्षण लिपिक 742 हैं। इनके आ जाने से विभाग के कार्यों में तेजी आ जाएगी।
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बिहार में 20 वर्षों से अधिक पुरानी रजिस्ट्री हुई जमीन का दाखिल-खारिज अथवा जमाबंदी बिना एडीएम की जांच के नहीं होगी। फर्जी रजिस्ट्री पर रोक लगाने भूमि से जुड़ी विवादों पर अंकुश लगाने को लेकर राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने यह निर्णय लिया है। नीतीश सरकार के भूमि सुधार एवं राजस्व मंत्री मंत्री दिलीप जायसवाल ने यह जानकारी दी। राज्य में जाली दस्तावेज से फर्जी रजिस्ट्री के खेल पर नकेल कसने के लिए नियमों में बदलाव किया गया है।
मंत्री दिलीप जायसवाल ने कहा कि नकली केवाला का राज्य में बड़ा रैकेट चल रहा है। नकली आधार कार्ड के सहारे गलत आदमी को खड़ा करके किसी की भी जमीन की निबंधन कार्यालय की साठगांठ से बिक्री तक करा दी जाती है। उन्होंने यह भी बताया कि जल्द ही राज्य के सभी 38 जिलों में भूमि सर्वेक्षण का काम शुरू होगा। यह सरकार की प्राथमिकता में है। भूमि सर्वेक्षण से ही भूमि संबंधी सारे दस्तावेज अद्यतन होंगे और जमीन को लेकर हो रही लड़ाई-झगड़े पर रोक लगेगी। उन्होंने कहा कि जमाबंदी डिजिटाइजेशन के दौरान कई त्रुटियां रह गयी थीं। हमने नाम, पिता का नाम, पता, खाता-खेसरा-रकवा और लगान की गलतियों को दुरुस्त करने के लिए परिमार्जन प्लस पोर्टल शुरू किया है। इससे घर बैठे जमाबंदी में प्रविष्टि भी करायी जा सकती है, जो फिजिकल (पुरानी) जमाबंदी में छूट गयी थी। सरकारी जमीन की सुरक्षा सुनिश्चत करने के लिए एक पोर्टल विकसित किया गया है। उन्होंने कहा कि शहर में दो साल और ग्रामीण क्षेत्रों में पांच साल से कार्यरत राजस्व पदाधिकारियों का तबादला किया जा रहा है।
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भ्रष्टाचार की वजह से भी रद्द होते हैं दाखिल खारिज के आवेदन
मंत्री ने साफ कहा कि दाखिल-खारिज के आवेदनों को अंचल अधिकारी/राजस्व अधिकारी के द्वारा बड़ी संख्या में अस्वीकृत किया जाता है। आवेदकों का पक्ष नहीं सुना जाता है। उन्होंने माना कि इसका भ्रष्टाचार भी एक बड़ा कारण है। जानबूझ कर आवेदन अस्वीकृत किया जाता है ताकि पक्षकार से अवैध उगाही की जा सके। इसको लेकर हमने निर्देश दिया है कि किसी भी आधार पर अस्वीकृति की स्थिति बनती है तो आवेदक को नोटिस देकर उनका पक्ष सुना जाए।
दस हजार कर्मियों की नियुक्ति जल्द, सीएम देंगे पत्र
मंत्री ने बताया कि दस हजार कर्मियों को इसी माह पटना के ज्ञान भवन में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नियुक्ति-पत्र देंगे। चयनित कर्मियों में विशेष सर्वेक्षण अमीन 8035, विशेष सर्वेक्षण कानूनगो 458, विशेष सर्वेक्षण सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी 353 और विशेष सर्वेक्षण लिपिक 742 हैं। इनके आ जाने से विभाग के कार्यों में तेजी आ जाएगी।