जातीय आधारित गणना से शिक्षकों को मुक्त रखे सरकार

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जातीय आधारित गणना से शिक्षकों को मुक्त रखे सरकार

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बेगूसराय, हमारे प्रतिनिधि। जातीय आधारित गणना में शिक्षकों को लगाये जाने पर शिक्षक संगठनों ने नाराजगी जताई है। बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के उपाध्यक्ष डॉ. सुरेश प्रसाद राय ने कहा कि गैर शैक्षणिक कार्यों में शिक्षकों के प्रतिनियोजन रद्द करने से संबंधित पूर्व आदेश की स्याही सूखी भी नहीं थी कि फिर तुरंत आदेश को पलट दिया गया। विद्यालय में पढ़ाई लिखाई के बन रहे माहौल को प्रभावित कर दिया गया। लोकसभा चुनाव की तैयारी शुरू हो चुकी है। फिर विधान सभा चुनाव भी दस्तक दे रहा है। यानि 2025 तक शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्यों में लगाकर रखा जाएगा। शिक्षा अधिकार अधिनियम व राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भी शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्य कराने की सख्त मनाही है। कहा कि संगठन सरकार से शिक्षकों के साथ वार्ता कर शिक्षकों व पुस्तकालयाध्यक्षों को सरकारी कर्मी का दर्जा दे। उनकी लंबित प्रोन्नति प्रदान करने का निर्णय ले।

शैक्षणिक माहौल होगा ध्वस्त

बेगूसराय। विगत दिनों अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्य मे प्रतिनियुक्त नहीं करने संबंधी आदेश निकाला था। वहीं बुधवार को अपर मुख्य सचिव ने शिक्षकों से जाति आधारित गणना कार्य लेने का आदेश निकाला है। यह दोनों आदेश एक दूसरे के विरोधाभाषी हैं। टीईटी प्रारंभिक शिक्षक संघ के प्रदेश संयोजक राजू सिंह ,बेगूसराय जिला अध्यक्ष मिलन मिश्रा और सचिव कन्हैया भारद्वाज ने अपर मुख्य सचिव द्वारा जाति गणना में शिक्षको की ड्यूटी लगाने का आदेश निर्गत करने लिए निंदा की है।

उन्होंने कहा कि अपर मुख्य सचिव ने जब शिक्षकों से गैर शैक्षणिक कार्य नहीं लेने संबंधी आदेश निकाला था तब हमें लगा कि बिहार में शिक्षा सुधार अभियान में यह मील का पत्थर साबित होगा। संघ के नेताओं ने कहा कि जाति आधारित गणना में सरकारी विद्यालय के 90 प्रतिशत शिक्षकों की ड्यूटी लगने से शैक्षणिक माहौल ध्वस्त होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है। बिहार सरकार और शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव द्वारा जाति आधारित जनगणना में शिक्षकों की ड्यूटी लगाना शिक्षा अधिकार कानून का उल्लंघन और सरकारी विद्यालयों में पढ़ने वाले 2 करोड़ 63 लाख बच्चों के साथ अन्याय है। पहले गैर शैक्षणिक कार्य मे प्रतिनियुक्ति पर रोक फिर गैर शैक्षणिक कार्य करने का आदेश देना अपर मुख्य सचिव की दोहरी नीति का परिचायक भी है। टीईटी प्रारंभिक शिक्षक संघ ने गौर शैक्षणिक कार्य जाति जनगणना से शिक्षकों को मुक्त करने की मांग की।

गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को सफलीभूत करने का सपना तार-तार

बेगूसराय। बिहार राज्य प्रारंभिक शिक्षक संघ बेगूसराय के जिलाध्यक्ष साकेत सुमन एवं प्रधान सचिव राम कल्याण पासवान ने संयुक्त बयान जारी कर कहा कि अपर मुख्य सचिव ने पत्र जारी कर जाति आधारित गणना कार्य मे प्रतिनियुक्त शिक्षकों से जाति गणना करवाने का आदेश जारी किया गया। यह उनके ही गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को सफलीभूत करने का सपना को तार-तार करता है। अपर मुख्य सचिव के आदेश मे इस बात का उल्लेख किया गया है कि कोई विद्यालय पूरी तरह शिक्षक विहीन नहीं हो जाए। वहीं बेगूसराय जिले में लगभग 70 से 75 प्रतिशत शिक्षक-शिक्षिका जाति आधारित गणना कार्य मे प्रतिनियुक्त हैं। जिले मे ऐसे अनेक विद्यालय है जहां सभी के सभी शिक्षक प्रतिनियुक्त हैं। अनेक विद्यालय में एक या दो शिक्षक को छोड़कर सभी जाति आधारित गणना कार्य में प्रतिनियुक्त हैं।

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