जाति-धर्म या लालू-भाजपा से खौफ; प्रशात किशोर ने बताया, बिहार में किस लाइन पर लोग देते हैं वोट

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जाति-धर्म या लालू-भाजपा से खौफ; प्रशात किशोर ने बताया, बिहार में किस लाइन पर लोग देते हैं वोट

जाति-धर्म या लालू-भाजपा से खौफ; प्रशात किशोर ने बताया, बिहार में किस लाइन पर लोग देते हैं वोट

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लोकसभा चुनाव 2024 और बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तारीखें जैसे जैसे करीब आ रही हैं, बिहार का सियासी पारा हाई होता जा रहा है। सभी दलों के नेता अपना प्रचार और विरोधियों का दुष्प्रचार करने में लगे हैं। राजनैतिक बयानबाजी का दौर तेज हो गया है। इस बीच जन सुराज पदयात्रा के सूत्रधार और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने बिहार के वोटिंग ट्रेंड पर बड़ी बात कही है। पीके ने लालू, भाजपा समेत सभी दलों पर निशाना साधते हुए बिहार की जनता को नसीहत दी है।

पीके ने कहा है कि बिहार में लोग चार बातों को आधार बनाकर चुनाव में अपने चहेते प्रत्याशी का चयन करते हैं और उनके पक्ष में वोटिंग करते हैं। ये चार मुद्दे हैं जाति, धर्म, लालू यादव से डर और बीजेपी से डर।यह भी कहा है कि इन्हीं कारणों से राज्य की स्थिति खराब है। प्रशांत किशोर की पदयात्रा इन दिनों मधुबनी में चल रही है।

एक सभा को संबोधित करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार की जनता को वोट के दिन सिर्फ चार बातें समझ में आती हैं। जिसमें सबसे पहले है जाति। वोट गिराने से पहले वोटर यह पता करते  हैं कि उनकी जाति का कौन नेता चुनाव मैदान में अपनी किस्मत आजमा रहा है। लोग यह नहीं सोचते कि वह आदमी अपराधी है या अच्छा है, वह चोर है या बदमाश है। सिर्फ यह देखते हैं कि वह अपनी जात का है।  इसलिए इस नेता को वोट दे देना है।  लेकिन,  बिहार के लोगों में यह भ्रम है कि यहां हर आदमी जात के आधार पर ही वोटिंग कर रहा है। उन्हें समझना चाहिए कि नरेंद्र मोदी की जाति का कोई भी नहीं है लेकिन, उनके नाम पर जमकर वोटिंग होती है। अगर हर आदमी जाति पर ही वोटिंग करता तो नरेंद्र मोदी को बिहार में एक भी  वोट नहीं मिलता।

पीके ने कहा कि जो लोग जाति से उबर जाते हैं वे धर्म के जाल में फंस जाते हैं। फिर हिंदू-मुसलमान को आधार बनाकर मतदान किया जाता है। कभी पुलवामा मुद्दा बनता है तो कभी पाकिस्तान पर बम गिराने की बात करके वोट बटोर लिया जाता है। नेता जनता को भड़काते हैं  कि मुसलमान नहीं जीतना चाहिए। इसलिए हिंदू बनकर बीजेपी को वोट दे देते हैं।

राज्य में ऐसे बहुत सारे लोग हैं जो जाति और धर्म की सीमा से तो बाहर निकल जाते हैं लेकिन कभी लालू यादव से तो कभी बीजेपी से खौफ के तिलिस्म में फंस जाते हैं। बिहार में एक ऐसा वर्ग है जो यह सोचता है कि लालू यादव की पार्टी सत्ता में आई तो उनका नुकसान होगा।  इस समाज ने लालू यादव के जंगल राज को  देखा है और काफी हद तक उससे प्रभावित भी हुआ।  यह वर्ग चुनाव से 1 दिन पहले तक बीजेपी के सांसद और विधायकों को गाली देता है लेकिन, अपना मत भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में ही डालता है।

प्रशांत किशोर ने कहा कि देश में मुस्लिम समाज को भाजपा से डराया जा रहा है और यह भी वोटिंग का बड़ा मुद्दा है। यह बात फैलाई गई है कि भाजपा मुसलमान विरोधी पार्टी है। इसलिए जिंदा रहें या मर जाएं, लेकिन भाजपा को वोट नहीं देंगे। उसके विरोध में लालू यादव की पार्टी आरजेडी या उसके सहयोगी दल को अपना मत दे देते हैं।

प्रशांत किशोर ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि बिहार में दो पार्टियां ही मजबूती के साथ अस्तित्व में हैं। एक है बीजेपी और दूसरी है लालू यादव की पार्टी आरजेडी। नीतीश कुमार इन दोनों के बीच झूलते रहते हैं। कभी लालटेन पकड़कर लटक जाते हैं तो कभी उछल कर कमल पर बैठ जाते हैं। लोगों को यह भी पता नहीं है कि नीतीश कुमार कब लालू के साथ रहेंगे और कब भाजपा के  खेमे में चले जाएंगे।


 

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