जवान मूवी में अपनी कहानी देखकर भावुक हुए कफील खान, शाहरुख को लिखा इमोशनल लेटर | Kafeel khan emotional after watching his character in jawan movie wrot | News 4 Social h3>
Dr. Kafeel Khan: डॉक्टर कफील खान ने अपने सोशल मीडिया प्रोफाइल ‘X’ से लेटर की एक फोटो पोस्ट करते हुए जवान फिल्म के जरिए सामाजिक-राजनीतिक मुद्दों को उठाने के लिए शाहरुख खान का धन्यवाद किया है। उन्होंने पोस्ट करते हुए लिखा कि जवान फिल्म देख एकबार फिर से गोरखपुर इंसेफेलाइटिस घटना की मार्मिक यादें उनकी आंखों के सामने आ गई।
फिल्म अभिनेता और सुपर स्टार शाहरुख खान की फिल्म जवान हाल ही में रिलीज हुई है, जिसके बाद उत्तर प्रदेश के गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज के पूर्व डॉक्टर कफील खान काफी चर्चा में आ गए।
दरअसल कफील खान के अनुसार शाहरुख खान की फिल्म जवान की कहानी और उनकी रियल लाइफ की कहानी काफी हद तक एक जैसी है। फिल्म के किरदार ने जिस कहानी को परदे पर प्ले किया है वह उनकी कहानी से मैच करती है। जिसे लेकर अब कफील खान ने एक पत्र लिखकर शाहरुख खान का धन्यवाद किया है।
डॉक्टर कफील खान ने अपने सोशल मीडिया प्रोफाइल ‘X’ से लेटर की एक फोटो पोस्ट करते हुए जवान फिल्म के जरिए सामाजिक-राजनीतिक मुद्दों को उठाने के लिए शाहरुख खान का धन्यवाद किया है। उन्होंने पोस्ट करते हुए लिखा कि जवान फिल्म देख एकबार फिर से गोरखपुर इंसेफेलाइटिस घटना की मार्मिक यादें उनकी आंखों के सामने आ गई। कफील खान ने शाहरूख खान और जवान फिल्म के निर्देशक से मिलने की अपनी इच्छा जाहिर की है।
मैंने झेला ये दर्द: कफील खान
कफील खान ने अपनी पोस्ट में लिखा कि दुर्भाग्यवश मुझे आपका ईमेल नहीं मिला, इसलिए मैं आपको यह लेटर भेज रहा हूं। उन्होंने अपने लेटर में आगे लिखा कि मैंने हाल ही में आपकी फिल्म जवान को देखा। सिनेमा का उपयोग कर आपने महत्वपूर्ण सामाजिक-राजनीतिक मुद्दों को उठाया, आपकी इस असाधारण प्रतिबद्धता के लिए अपनी गहरी सराहना व्यक्त करने के लिए मुझे मजबूर होना पड़ा। उनका कहना है कि फिल्म दिखाया गया अभिनेत्री सान्या मल्होत्रा का किरदार उनकी जिंदगी से मेल खाता है. जिसका दर्द उन्होंने असल जिंदगी में झेला है।
फिल्म ने दिलाई हादसे की याद
कफील खान ने अपने पत्र में आगे लिखा कि जवान फिल्म की कहानी उन्हें उनकी रियल लाइफ के हादसों की याद दिलाती हैं। उनका कहना है कि जवान फिल्म मात्र एक कल्पना है, लेकिन वह इसे गोरखपुर की घटना से काफी समान पाते हैं। उन्होंने आगे लिखा कि फिल्म में भले ही अंत में असली अपराधी पकड़ा जाता है, लेकिन उनकी असली जिंदगी की कहानी में अपराधी अभी भी खुलेआम घूम रहे हैं। उन्होंने आगे लिखा कि ‘मैं अभी भी अपनी नौकरी वापस पाने के लिए संघर्ष कर रहा हूं, और वह 63 माता-पिता जिन्होंने अपने छोटे बच्चों को खो दिया है वह अभी भी न्याय पाने की इंतजार कर रहे हैं।’