जल संकट पर पंजाब में किसान बोले-बैठकर सुलझाओ: शारदा यमुना लिंक पर काम हो; AAP बोली-बिट्टू को पानी से नहीं, कुर्सी से मतलब – Punjab News h3>
पानी के मुद्दे पर किसानों और नेता बोले नियमों के मुताबिक एक्शन हो।
एक तरफ पानी के मुद्दे पर पंजाब और हरियाणा की सरकारें आमने-सामने हैं। मामला केंद्र सरकार तक पहुंच गया है। वहीं दूसरी तरफ पंजाब के किसानों का कहना है कि पानी के मुद्दे पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। उनका कहना है कि इस मामले को मिल बैठकर सुलझाया जाना चाहिए
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नदी तट कानून के आलोक में फैसला लिया जाना चाहिए। नेता लोगों को दिखाने के लिए हंगामा कर रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ आम आदमी पार्टी ने केंद्रीय राज्य मंत्री रवनीत बिट्टू को घेरा है। पार्टी का कहना है कि बिट्टू को पानी से ज्यादा अपनी कुर्सी की चिंता है।
अब सिलसिलेवार जानिए क्या कहते हैं इस मुद्दे पर किसान और नेता
दोनों सूबों को लड़ाने की कोशिश न हो
पंजाब संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) किसान मजदूर मोर्चा के नेता सरवन सिंह पंधेर का कहना है कि इस समय पंजाब और हरियाणा के बीच चल रहे पानी के बंटवारे का मामला केंद्र सरकार के अधीन है। सरकार को रिपेरियन लॉ की रोशनी में इसका फैसला करना चाहिए। यह उचित रहेगा।
मौजूदा समय में दोनों राज्यों में पानी के मुद्दे पर राजनीति की जा रही है। दोनों सूबों के लोगों को लड़वाना चाहते हैं। एक मित्रता के तरीके से मामले का हल नहीं चाहते हैं। इसे राजनीतिक मुद्दा बनाकर रखना चाहते हैं। भले ही केंद्र हो, हरियाणा या फिर पंजाब सरकार, इनका आपस में कोई माहौल खराब नहीं है।
बस दिखाने के लिए हंगामा कर रहे हैं। इसका समाधान निकलना कोई बड़ा मसला नहीं है। हालांकि, पंजाब में पानी की पहले से ही कमी है। पंजाब सरकार पहले ही खेती को नहरी पानी देने में विफल रही है। अगर पानी नहीं है, तो नहीं दिया जाता है।
शारदा यमुना लिंक पर काम करें संयुक्त किसान मोर्चा के सीनियर नेता रमिंदर पटियाला का कहना है कि पंजाब में पहले ही पानी कम है। वहीं, सरकार के मुताबिक हरियाणा अपने हिस्से का पानी पहले ही ले चुका है, जबकि ह्यूमन ग्राउंड पर उसे पानी दिया जा रहा है। इस चीज पर भी ध्यान देना चाहिए।
पंजाब में अभी धान का सीजन शुरू होने वाला है। उनका कहना है कि अगर सच में केंद्र सरकार पानी की दिक्कत का हल चाहती है, तो शारदा यमुना लिंक पर काम किया जाना चाहिए। इससे पानी की सारी दिक्कत दूर हो जाएगी।
पंजाब ने भाखड़ा से अतिरिक्त पानी देने से मना कर दिया है।
पानी के नाम पर सूबों को नहीं बांटना चाहिए
केंद्रीय मंत्री रवनीत सिंह बिट्ट ने सीएम मान को उस बयान पर घेरा है। जिसमें उन्होंने कहा है कि पाकिस्तान को जाने वाली पानी पंजाब के डैमों में डाल दिया जाए, उसके बाद उसे सप्लाई कर देंगे।
बिट्टू ने कहा कि जिस तरीके से आज हालात बने हुए हैं, पाकिस्तान ने जिस तरह कायरता की है, उसमें कोई ऐसा राज्य नहीं है, जहां के व्यक्ति की मौत नहीं हुई। पंजाब बॉर्डर से लगता पहला सूबा है। देश के प्रधानमंत्री, फौजों के जनरलों, पाकिस्तान से कैसे हिसाब लिया जाए, सब उस तरफ लगे हैं। ऐसे में इस समय आपसे इस तरह की बयानबाजी की उम्मीद नहीं की जाती है। पंजाबियों को किसी तरह मोटिवेट करने की जिम्मेदारी है। दो-चार-दस दिन चुप रहो।
पानी की एक बूंद जाने नहीं दी जाएगी है। । जब भी मौसम बदला है, तो बीबीएमबी की मीटिंग चलती है। आपने दुश्मन के साथ खड़े होने की बात की। आप कल बात करते थे कि बम वाले बयान की बात करते थे, अब आपके बयान किस तरफ इशारा करते हैं? आपके पानी से जुड़े बयान पर सब निंदा कर रहे हैं। आपको दोनों सूबों को बांटने की कोशिश नहीं करनी चाहिए। आपको मजबूती की बात करनी चाहिए।
पानी से ज्यादा आपको कुर्सी की चिंता
आप के सांसद मालविंदर सिंह कंग ने केंद्रीय मंत्री रवनीत बिट्टू के बयान के बाद कहा कि पंजाब जितना भी पानी हरियाणा का बनता था वह दे चुका है। पंजाब में भी पानी की कमी है तो हरियाणा को कैसा दे दें? आप नसीहत केंद्र की भाजपा सरकार को दे जो बीबीएमबी से पंजाब की नुमाइंदगी खत्म करने की साजिश रच रही है।
साजिश के तहत ही हरियाणा को पानी देने की कवायद भी कर रही है। आप नसीहत हरियाणा बीजेपी के मुख्यमंत्री को दो ताकि वह पानी का सही ढंग से उपयोग करें । पंजाब के हकों से ज्यादा आपको अपनी कुर्सी की चिंता है । जब तक आम आदमी पार्टी की सरकार है तब तक पंजाब के हक कोई नहीं छीन सकता।