‘जल्दी-जल्दी कानून पारित होना चिंता का विषय’ , राजस्थान में पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन में बोले लोकसभा स्पीकर ओम बिरला

3
‘जल्दी-जल्दी कानून पारित होना चिंता का विषय’ , राजस्थान में पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन में बोले लोकसभा स्पीकर ओम बिरला

‘जल्दी-जल्दी कानून पारित होना चिंता का विषय’ , राजस्थान में पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन में बोले लोकसभा स्पीकर ओम बिरला


जयपुर: राजस्थान विधानसभा में बुधवार से शुरू हुए अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारी सम्मेलन में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कानून निर्माण विषय पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि कानून निर्माण में लगने वाले समय आ रही कमी और जल्दी–जल्दी कानून पारित होना चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि आजादी के 75 साल बाद भी ‘हमें सदन में शालीनता और गरिमा को लेकर चर्चा करनी पड़ रही है , जो कि चिंतन का विषय है।’

75 वर्ष बाद भी सदन की शालनीता पर चर्चा करना चिंता का विषय

बिरला बुधवार को सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे। राजस्थान विधानसभा में आयोजित इस सम्मेलन का उद्घाटन उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने किया। उद्घाटन कार्यकम की अध्यक्षता बिरला ने की। सम्मेलन में देशभर से आए विधानमंडलों के अध्यक्षों को संबोधित करते हुए लोक सभा स्पीकर ओम बिड़ला से संसदीय कार्य से जुड़े विभिन्न विषयों पर चर्चा की। उन्होंने कहा, ‘समय की आवश्यकता है कि हमारे विधानमंडल अधिक प्रभावी, उत्तरदायी और उत्पादक हों। चिंतन का विषय है कि आजादी के 75 वर्ष बाद भी हमें सदन में शालीनता और गरिमा को लेकर चर्चा करनी पड़ रही है। कानून के निर्माण में लगने वाले समय का कम होना, जल्दी–जल्दी कानून पारित होना भी चिंता का विषय है।’

उन्होंने कहा, ‘बदलते परिप्रेक्ष्य में सदनों में चर्चा–संवाद के स्तर को और ऊंचा उठाने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करते हुए देश के सभी विधानमंडलों को एक प्लेटफार्म पर लाने के लिए काम किया जा रहा है। हमारा प्रयास रहेगा कि इस संकल्प को हम इसी वर्ष सिद्धि तक पहुंचाएं।’

Rajasthan Weather : राजस्थान में सर्दी के टेम्परेचर का मीटर डाउन, जानें फिर कब बढ़ेगी शीतलहर

हमें नए तरीके से सोचना होगा – ओम बिरला

विधायिका और न्यायपालिका में सौहार्दपूर्ण संबंधों पर इस दौरान बिरला ने जोर दिया। उन्होंने कहा, ‘संविधान की भावनाओं के अनुरूप अपेक्षित है कि विधायिका और न्यायपालिका एक दूसरे का परस्पर सम्मान करें। संविधान ने हमारी जो मर्यादाएं तय की हैं, उनका हम पालन करें।’ उन्होंने कहा, ’21वीं सदी की भारत की अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए विधायी संस्थाओं की भूमिका के बारे में हमें नए तरीके से सोचना होगा।’

सीएम गहलोत सहित कई गणमान्य हुए शामिल

उन्होंने कहा, ‘भारत लोकतंत्र की जननी है। जी 20 के अध्यक्ष के रूप में हम अपने प्राचीनतम लोकतंत्र और सांस्कृतिक विविधता को मजबूती से प्रस्तुत करें। जी20 देशों की संसदों का सम्मेलन भी हम आयोजित करेंगे, जिसमें हमें अपनी समृद्ध लोकतांत्रिक विरासत को वैश्विक मंच पर प्रदर्शित करने का अवसर मिलेगा।’ उद्घाटन कार्यक्रम में राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष डॉ सीपी जोशी सहित देश भर से आए पीठासीन अधिकारी मौजूद थे।

‘राजस्थान मांगे राजभासा’ ट्विटर पर टॉप ट्रेंडिंग होने के बाद सड़कों पर उतरे युवा, उठाई ये मांग

राजस्थान की और समाचार देखने के लिए यहाँ क्लिक करे – Rajasthan News