जलजमाव से निपटने के लिए निगम की सौ टीम तैयार
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बारिश में जलनिकासी व्यवस्था को सही तरीके से संचालित करने के लिए नगर निगम ने 100 टीमें बनाई हैं। प्रत्येक टीम को अपने-अपने क्षेत्र की अभी से ही जिम्मेदारी सौंप दी गई है। सभी ड्रेनेज पंपिग स्टेशन (डीपीएस) के कर्मचारियों को भी इस बार वॉकी टॉकी दी गई है ताकि भारी बारिश होने पर वे अपने अपने क्षेत्र की स्थिति के बारे में अवगत करा सकें। निगम मुख्यालय स्तर पर भी 19 टीमें गठित की गई है, जिसे जरूरत के अनुसार जलजमाव वाले क्षेत्रों में भेजी जाएंगी। जलनिकासी के लिए नगर निगम ने लगभग डेढ़ हजार कर्मचारियों की तैनाती की है। नगर आयुक्त ने हाल ही में टीम में शामिल अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ बैठक कर जलनिकासी व्यवस्था की समीक्षा की है। टीम में शामिल कर्मचारियों की ड्यूटी तीन शिफ्ट में लगाई जाएगी जो चौबीस घंटे अपने अपने क्षेत्र में तैनात रहेंगे। मैनहोल, नाला, कैचमेंट, डीपीएस आदि की निगरानी नगर निगम के कंट्रोल रूम से की जाएगी। इधर बुडको ने भी पहले ही सभी डीपीएस पर अधिकारियों की तैनाती कर दी है। पहले कर्मचारियों के माध्यम से डीपीएस की निगरानी होती थी, लेकिन इस बार अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है। पटना शहर में कुल 84 ड्रेनेज पंपिग स्टेशन हैं। इसमें 66 स्थायी हैं और 18 अस्थायी हैं। सभी पर बुडको के अधिकारियों की तैनाती है।
प्रत्येक वार्ड में रहेगी एक टीम : नगर निगम क्षेत्र में कुल 75 वार्ड हैं। सभी वार्ड के लिए एक-एक टीम बनाई गई हैं। एक टीम में सफाई कर्मचारी, पर्यवेक्षक, इंस्पेक्टर आदि को शामिल किया गया है। इसके अलावा टीम में तकनीकी कर्मचारियों को भी शामिल किया गया है जो संबंधित ड्रेनेज पंपिग स्टेशन पर तैनात हैं। पानी निकासी के लिए शहर में जगह जगह पंपिग मशीन भी लगायी गयी है। ऐसे कर्मचारियों को भी संबंधित वार्ड के टीम के साथ जोड़ा गया है। इसके अलावा संबंधित वार्ड पार्षद को भी टीम के सदस्यों से लगातार संपर्क में रहने को कहा गया है।
कैसे होता है वॉकी टॉकी से काम : नगर आयुक्त का कहना है कि पिछले साल जलनिकासी व्यवस्था में वॉकी टॉकी काफी कारगर हुआ था। इसलिए इस बार बुडको और नगर निगम के कर्मचारियों को एक साथ वॉकी टॉकी से काम करने का प्रशिक्षण दिया गया है। कभी-कभार नेटवर्क नहीं रहने पर मोबाइल काम नहीं करता है, ऐसी स्थिति में वॉकी टॉकी काफी कारगर होता है। इससे फायदा है कि एक साथ अधिकारी और कर्मचारी वॉकी टॉकी से जुड़ जाते हैं। यदि कोई निर्देश भी देना रहता है तो वॉकी टॉकी पर ही संबंधित क्षेत्र के सफाई इंस्पेक्टर या पर्यवेक्षक दे दिया जाता है। यदि रात में शहर के किसी इलाके में जलजमाव हो गया। ड्रेनेज पंपिंग स्टेशन सही तरीके से काम नहीं कर रहा है। किसी चीज की जरूरत है तो ऐसी स्थिति में वॉकी टॉकी के माध्यम से जानकारी लेकर तत्काल व्यवस्था कर दी जाती है।
कोट
भारी बारिश की स्थिति में शहर में जलजमाव न हो इसके लिए नगर निगम पूरी तरह तैयार है। निगम के कर्मचारी जलनिकासी के उपकरणों के साथ तैनात रहेंगे, जहां से जलजमाव की सूचना मिलेगी वहां कर्मचारियों की टीम भेज कर पानी की तत्काल निकासी की जाएगी।
– अनिमेष कुमार पराशर, नगर आयुक्त, नगर निगम पटना।
यह हिन्दुस्तान अखबार की ऑटेमेटेड न्यूज फीड है, इसे लाइव हिन्दुस्तान की टीम ने संपादित नहीं किया है।
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बारिश में जलनिकासी व्यवस्था को सही तरीके से संचालित करने के लिए नगर निगम ने 100 टीमें बनाई हैं। प्रत्येक टीम को अपने-अपने क्षेत्र की अभी से ही जिम्मेदारी सौंप दी गई है। सभी ड्रेनेज पंपिग स्टेशन (डीपीएस) के कर्मचारियों को भी इस बार वॉकी टॉकी दी गई है ताकि भारी बारिश होने पर वे अपने अपने क्षेत्र की स्थिति के बारे में अवगत करा सकें। निगम मुख्यालय स्तर पर भी 19 टीमें गठित की गई है, जिसे जरूरत के अनुसार जलजमाव वाले क्षेत्रों में भेजी जाएंगी। जलनिकासी के लिए नगर निगम ने लगभग डेढ़ हजार कर्मचारियों की तैनाती की है। नगर आयुक्त ने हाल ही में टीम में शामिल अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ बैठक कर जलनिकासी व्यवस्था की समीक्षा की है। टीम में शामिल कर्मचारियों की ड्यूटी तीन शिफ्ट में लगाई जाएगी जो चौबीस घंटे अपने अपने क्षेत्र में तैनात रहेंगे। मैनहोल, नाला, कैचमेंट, डीपीएस आदि की निगरानी नगर निगम के कंट्रोल रूम से की जाएगी। इधर बुडको ने भी पहले ही सभी डीपीएस पर अधिकारियों की तैनाती कर दी है। पहले कर्मचारियों के माध्यम से डीपीएस की निगरानी होती थी, लेकिन इस बार अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है। पटना शहर में कुल 84 ड्रेनेज पंपिग स्टेशन हैं। इसमें 66 स्थायी हैं और 18 अस्थायी हैं। सभी पर बुडको के अधिकारियों की तैनाती है।
प्रत्येक वार्ड में रहेगी एक टीम : नगर निगम क्षेत्र में कुल 75 वार्ड हैं। सभी वार्ड के लिए एक-एक टीम बनाई गई हैं। एक टीम में सफाई कर्मचारी, पर्यवेक्षक, इंस्पेक्टर आदि को शामिल किया गया है। इसके अलावा टीम में तकनीकी कर्मचारियों को भी शामिल किया गया है जो संबंधित ड्रेनेज पंपिग स्टेशन पर तैनात हैं। पानी निकासी के लिए शहर में जगह जगह पंपिग मशीन भी लगायी गयी है। ऐसे कर्मचारियों को भी संबंधित वार्ड के टीम के साथ जोड़ा गया है। इसके अलावा संबंधित वार्ड पार्षद को भी टीम के सदस्यों से लगातार संपर्क में रहने को कहा गया है।
कैसे होता है वॉकी टॉकी से काम : नगर आयुक्त का कहना है कि पिछले साल जलनिकासी व्यवस्था में वॉकी टॉकी काफी कारगर हुआ था। इसलिए इस बार बुडको और नगर निगम के कर्मचारियों को एक साथ वॉकी टॉकी से काम करने का प्रशिक्षण दिया गया है। कभी-कभार नेटवर्क नहीं रहने पर मोबाइल काम नहीं करता है, ऐसी स्थिति में वॉकी टॉकी काफी कारगर होता है। इससे फायदा है कि एक साथ अधिकारी और कर्मचारी वॉकी टॉकी से जुड़ जाते हैं। यदि कोई निर्देश भी देना रहता है तो वॉकी टॉकी पर ही संबंधित क्षेत्र के सफाई इंस्पेक्टर या पर्यवेक्षक दे दिया जाता है। यदि रात में शहर के किसी इलाके में जलजमाव हो गया। ड्रेनेज पंपिंग स्टेशन सही तरीके से काम नहीं कर रहा है। किसी चीज की जरूरत है तो ऐसी स्थिति में वॉकी टॉकी के माध्यम से जानकारी लेकर तत्काल व्यवस्था कर दी जाती है।
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भारी बारिश की स्थिति में शहर में जलजमाव न हो इसके लिए नगर निगम पूरी तरह तैयार है। निगम के कर्मचारी जलनिकासी के उपकरणों के साथ तैनात रहेंगे, जहां से जलजमाव की सूचना मिलेगी वहां कर्मचारियों की टीम भेज कर पानी की तत्काल निकासी की जाएगी।
– अनिमेष कुमार पराशर, नगर आयुक्त, नगर निगम पटना।
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