जयपुर में विराजित है रामलला, माता कौशल्या को दिए थे इस रूप में दर्शन | JAIPUR GALTA TIRTH SHRI RAM NAVAMI FESTIVAL | Patrika News h3>
shri ram navami festival जयपुर। गलता तीर्थ में महंत स्वामी अवधेशाचार्य के सान्निध्य में श्रीराम का जन्म महोत्सव मनाया गया। सुबह मंगला आरती के बाद मंदिर में विशेष आयोजन शुरू हुए। श्रीरामजी के तिरूमंजन (अभिषेक) व महाआरती की गई। यहां 500 साल से भी अधिक प्राचीन रामलला के चतुर्भुज विग्रह की शोभायात्रा निकाली गई। श्रीरामलला केा वन भ्रमण कराया गया।
जयपुर
Updated: April 10, 2022 03:36:55 pm
shri ram navami festival जयपुर। गलता तीर्थ में महंत स्वामी अवधेशाचार्य के सान्निध्य में श्रीराम का जन्म महोत्सव मनाया गया। सुबह मंगला आरती के बाद मंदिर में विशेष आयोजन शुरू हुए। श्रीरामजी के तिरूमंजन (अभिषेक) व महाआरती की गई। यहां 500 साल से भी अधिक प्राचीन रामलला के चतुर्भुज विग्रह की शोभायात्रा निकाली गई। श्रीरामलला केा वन भ्रमण कराया गया। इसके बाद दोपहर में भगवान राम का जन्मोत्सव मनाया गया। भगवान का पंचामृत, सर्वऔषधि, पंचमेवा, समस्त द्रव्यों, फल, फलों के रस से अभिषेक किया गया।
महंत स्वामी अवधेशाचार्य ने बताया कि गलताजी मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम का उत्तर भारत का प्रथम भक्ति केंद्र है। यहां भगवान राम के तीन अलग- अलग समय का दर्शन कराते अति प्राचीन तीन दिव्य विग्रह हैं। भगवान सीताराम भगवान के राज्याभिषेक के समय का दर्शन। भगवान रघुनाथजी यानी भगवान के वनवास के समय का दर्शन। विशिष्टाद्वैत सिद्धांत को चित्रार्थ करते इस दिव्य दर्शन में भगवान ब्रह्म, सीताजी माया एवं जीवों के आचार्य लक्ष्मण जी जीव को दर्शाते हैं एवं इनके विग्रह पाषाण (पत्थर), धातु एवं काष्ठ (लकड़ी) से निर्मित हैं। लक्ष्मी, विद्या व आध्यात्म के लिए इनकी अर्चना की जाती है। भगवान रामकुमार – भगवान के विवाह के समय का दर्शन के अलावा भगवान द्वारा माता कौशल्या को अपनी बालावस्था में चतुर्भुज रूप में दिए गए दर्शन का स्वरूप भी यहां विराजमान है।
शहर के श्रीराम मंदिरों में विशेष आयोजन
जयपुर। सर्वार्थसिद्धि, रविपुष्य के संयोगों बीच अलसुबह से ही मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के जन्मोत्सव का उल्लास छाया हुआ है। राजधानी में श्रीराम नवमी पर्व मनाया जा रहा है। शहर के श्रीराम मंदिरों में अलसुबह से ही विशेष आयोजन हो रहे है। दोपहर में हवाई गर्जनाओं और जयकारों के बीच श्रीराम का जन्माभिषेक किया गया। इसके बाद ठाकुरजी का विशेष शृंगार कर उन्हें रत्न जड़ित पोशाक धारण करवाई गई। इस बीच पदगायन के साथ श्रीराम के जन्म की खुशियां मनाई जा रही है।
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shri ram navami festival जयपुर। गलता तीर्थ में महंत स्वामी अवधेशाचार्य के सान्निध्य में श्रीराम का जन्म महोत्सव मनाया गया। सुबह मंगला आरती के बाद मंदिर में विशेष आयोजन शुरू हुए। श्रीरामजी के तिरूमंजन (अभिषेक) व महाआरती की गई। यहां 500 साल से भी अधिक प्राचीन रामलला के चतुर्भुज विग्रह की शोभायात्रा निकाली गई। श्रीरामलला केा वन भ्रमण कराया गया।
जयपुर
Updated: April 10, 2022 03:36:55 pm
shri ram navami festival जयपुर। गलता तीर्थ में महंत स्वामी अवधेशाचार्य के सान्निध्य में श्रीराम का जन्म महोत्सव मनाया गया। सुबह मंगला आरती के बाद मंदिर में विशेष आयोजन शुरू हुए। श्रीरामजी के तिरूमंजन (अभिषेक) व महाआरती की गई। यहां 500 साल से भी अधिक प्राचीन रामलला के चतुर्भुज विग्रह की शोभायात्रा निकाली गई। श्रीरामलला केा वन भ्रमण कराया गया। इसके बाद दोपहर में भगवान राम का जन्मोत्सव मनाया गया। भगवान का पंचामृत, सर्वऔषधि, पंचमेवा, समस्त द्रव्यों, फल, फलों के रस से अभिषेक किया गया।
महंत स्वामी अवधेशाचार्य ने बताया कि गलताजी मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम का उत्तर भारत का प्रथम भक्ति केंद्र है। यहां भगवान राम के तीन अलग- अलग समय का दर्शन कराते अति प्राचीन तीन दिव्य विग्रह हैं। भगवान सीताराम भगवान के राज्याभिषेक के समय का दर्शन। भगवान रघुनाथजी यानी भगवान के वनवास के समय का दर्शन। विशिष्टाद्वैत सिद्धांत को चित्रार्थ करते इस दिव्य दर्शन में भगवान ब्रह्म, सीताजी माया एवं जीवों के आचार्य लक्ष्मण जी जीव को दर्शाते हैं एवं इनके विग्रह पाषाण (पत्थर), धातु एवं काष्ठ (लकड़ी) से निर्मित हैं। लक्ष्मी, विद्या व आध्यात्म के लिए इनकी अर्चना की जाती है। भगवान रामकुमार – भगवान के विवाह के समय का दर्शन के अलावा भगवान द्वारा माता कौशल्या को अपनी बालावस्था में चतुर्भुज रूप में दिए गए दर्शन का स्वरूप भी यहां विराजमान है।
शहर के श्रीराम मंदिरों में विशेष आयोजन
जयपुर। सर्वार्थसिद्धि, रविपुष्य के संयोगों बीच अलसुबह से ही मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के जन्मोत्सव का उल्लास छाया हुआ है। राजधानी में श्रीराम नवमी पर्व मनाया जा रहा है। शहर के श्रीराम मंदिरों में अलसुबह से ही विशेष आयोजन हो रहे है। दोपहर में हवाई गर्जनाओं और जयकारों के बीच श्रीराम का जन्माभिषेक किया गया। इसके बाद ठाकुरजी का विशेष शृंगार कर उन्हें रत्न जड़ित पोशाक धारण करवाई गई। इस बीच पदगायन के साथ श्रीराम के जन्म की खुशियां मनाई जा रही है।
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