जयपुर क्लब में ‘समर एडिट 2025’ एग्जीबिशन की शुरुआत: शिल्प, संघर्ष और प्रेरणा की जीवंत झलक, हस्तशिल्प और सस्टेनेबिलिटी को समर्पित नजर आए प्रोडक्ट – Jaipur News h3>
भारतीय हैंडलूम और सस्टेनेबल क्राफ्ट्स को समर्पित मंच ‘शिल्पकारी’ द्वारा आयोजित तीन दिवसीय एग्जीबिशन ‘समर एडिट 2025’ का शुभारंभ शुक्रवार को जयपुर क्लब के बैंक्वेट हॉल में हुआ।
भारतीय हैंडलूम और सस्टेनेबल क्राफ्ट्स को समर्पित मंच ‘शिल्पकारी’ द्वारा आयोजित तीन दिवसीय एग्जीबिशन ‘समर एडिट 2025’ का शुभारंभ शुक्रवार को जयपुर क्लब के बैंक्वेट हॉल में हुआ। यह एग्जीबिशन 13 अप्रैल तक रोजाना सुबह 11 बजे से रात 8 बजे तक चलेगा, जिसमें
.
एग्जीबिशन का उद्घाटन डिजाइन और कला जगत की नामचीन हस्तियों की उपस्थिति में मंत्रोच्चार के साथ किया गया। इस अवसर पर आर्च कॉलेज की निदेशक अर्चना सुराणा, AKFD की निदेशक ज्योति कासलीवाल, नीरजा पॉटरीज की संस्थापक लीला बोर्डिया, कमला पोद्दार ग्रुप की चेयरपर्सन कमला पोद्दार, और प्रख्यात कला संरक्षक सुधीर माथुर प्रमुख अतिथि रहे। मेडिटेशन एक्सपर्ट निर्मला सेवानी द्वारा आध्यात्मिक वातावरण में दीप प्रज्वलन और उद्घाटन मंत्रोच्चार से कार्यक्रम की शुरुआत हुई।
मेडिटेशन एक्सपर्ट निर्मला सेवानी द्वारा आध्यात्मिक वातावरण में दीप प्रज्वलन और उद्घाटन मंत्रोच्चार से कार्यक्रम की शुरुआत हुई।
कला, परंपरा और नवाचार का संगम
शिल्पकारी की संस्थापक शिल्पी भार्गव ने जानकारी दी कि एग्जीबिशन में खादी, लिनन, काला कॉटन, चंदेरी, इकत और जामदानी जैसे प्राकृतिक फाइबर्स पर आधारित वस्त्रों का संग्रह प्रस्तुत किया जा रहा है, जो गर्मियों के लिहाज से आदर्श हैं। इसके अतिरिक्त क्रॉशिया, फुलकारी, इको प्रिंट, शिबोरी, बाटिक और कलमकारी जैसी पारंपरिक तकनीकों के समकालीन रूपांतर भी प्रदर्शित किए जा रहे हैं।
इस बार खास आकर्षण में ‘सबाई ग्रास’ से बने इको-फ्रेंडली उत्पाद और रीसाइकिल्ड प्लास्टिक से तैयार बैग्स शामिल हैं, जो सस्टेनेबिलिटी को बढ़ावा देने के साथ उपभोक्ताओं को जागरूक भी करते हैं।
इस बार खास आकर्षण में ‘सबाई ग्रास’ से बने इको-फ्रेंडली उत्पाद और रीसाइकिल्ड प्लास्टिक से तैयार बैग्स शामिल हैं।
एक्सक्लूसिव ‘आर्टिजन आर्टिकल’ और लाइव डेमो का अनुभव
इस संस्करण में एक विशेष ‘आर्टिजन आर्टिकल’ प्रस्तुत किया जा रहा है, जो एक कारीगर की भावनात्मक कहानी को दर्शाता है। यहां उनके शिल्प, संघर्ष और प्रेरणा की जीवंत झलक देखने को मिल रही है। साथ ही लाइव डेमो के जरिए दर्शक शिल्प की वास्तविक प्रक्रिया से भी रूबरू हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि शिल्पकारी केवल एक एग्जीबिशन नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक आंदोलन है, जो भारत की प्राचीन कलात्मक परंपराओं को आधुनिक जीवनशैली में स्थान दिलाने का कार्य कर रहा है। इसका उद्देश्य ग्रामीण कारीगरों और शहरी उपभोक्ताओं के बीच की दूरी को पाटते हुए सस्टेनेबल फैशन और एथिकल प्रोडक्शन को बढ़ावा देना है।