जयपुर को 2 दिनों से नहीं मिल रहा बीसलपुर का पानी, जानिए क्यों
सूरजपुरा प्लांट के एक्जीक्यूटिव इंजीनियरहरलाल मीणा ने बताया कि सूरजपुरा में वर्तमान में 600 MLD फिल्टर प्लांट संचालित है। आगामी गर्मी में पेयजल आपूर्ति की बढ़ती मांग को देखते हुए नया 216 एमएलडी का फिल्टर प्लांट बनाया गया है। जिसे अब संचालित करते हुए पुराने फिल्टर प्लांट से आपस में जोड़ा जाएगा। जिसके बाद पानी फिल्टर करने की क्षमता में बढ़ोतरी होगी और जयपुर समेत स्थानों को जाने वाली पेयजल आपूर्ति भी बढ़ाई जा सकेगी।
बता दें कि जयपुर संभाग के लिए बीसलपुर बांध से 860 एमएलडी पानी पेयजल के लिए आरक्षित किया गया है। जिसके मुकाबले वर्तमान में जयपुर संभाग को 540 एमएलडी ही जलापूर्ति की जा रही है।
710 एमएलडी तक पेयजल आपूर्ति होगी
एक्जीक्यूटिव इंजीनियर हरलाल मीणा ने बताया कि 600 एमएलडी के फिल्टर प्लांट से वर्तमान में जयपुर शहर को प्रतिदिन 480 एमएलडी पानी सप्लाई किया जा रहा है। लेकिन जयपुर में लगातार पानी की मांग बढ़ती जा रही है। उन्होंने बताया कि 216 एमएलडी नए फिल्टर प्लांट को जोड़ने के बाद पेयजल आपूर्ति की क्षमता बढ़ेगी। जिससे प्रतिदिन जयपुर सम्भाग को 710 एमएलडी तक पानी दिया जा सकता है।
सूरजपुरा फिल्टर प्लांट समेत ये होंगे कार्य
सूरजपुरा में निर्माणाधीन 216 एमएलडी को 600 एमएलडी जल शोधन संयंत्र से जोड़ने के लिए 2400 एमएम पाइप लाइन का मिलान का कार्य किया जाएगा। इसी तरह रेनवाल मांझी में निर्माणाधीन पंपा हाउस, जलाशय को जयपुर शहर की पेयजल पाइपलाइन 2300 एमएम व्यास से मिलान कार्य, रेनवाल मांझी में मुख्य पेयजल पाइप लाइन को काटकर वाल्व लगाने, बीसलपुर पृथ्वीराज नगर परियोजना के अंतर्गत मानसरोवर में 1000 एमएम व्यास पाइपलाइन को 11100 एमएम व्यास पाइप लाइन से जोड़ने का कार्य, बालावाला 33 केवी सब स्टेशन पर दो इंकमर व 4 असालगाने का कार्य किए जाएंगे। इसी तरह जयपुर शहर में निर्माणाधीन अन्य परियोजनाओं में पाइप लाइन के अंतर मिलान, विद्युत इकाइयों की टेस्टिंग कमिश्निंग तथा पाइपलाइन के एयर वॉल्वो का सुदृढ़ीकरण के कार्य किए जाएंगे।
20 टन का वाल्व पाइप लाइन में लगाया
हरलाल मीणा ने बताया कि इस तकनीकी कार्य में सबसे बड़ा कार्य रेनवाल में किया जा रहा है। जहां 20 टन का वाल्व को पाइप लाइन में लगाया जाएगा। इसके लिए 80 टन की क्रेन बुलाई गई है। जो इस वाल्व को उठाकर पाइपलाइन में लगाने का कार्य करेगी। इसके अलावा इस कार्य में चार हाइड्रा मशीन, पांच जेसीबी मशीन, 7 डीजी मशीन, ट्रैक्टर ट्रॉली समेत वाहन हुए हैं।