जयपुर के रामलीला मैदान में हल्लाबोल, गहलोत सरकार के खिलाफ गुस्सा, राजस्थान के नर्सिंग कर्मियों ने क्यों की हड़ताल h3>
जयपुर: राजस्थान में आज शुक्रवार को स्वास्थ्य सेवाएं बाधित रहेंगीं। पूरे राजस्थान का नर्सिंग कर्मी एक दिन के लिए सामूहिक अवकाश पर है। राज्य के नर्सिंग कर्मी जयपुर के रामलीला मैदान में इकट्ठा होना शुरू हो गए हैं। यहां नर्सिंग कर्मी गहलोत सरकार के खिलाफ हुंकार भरेंगे। इस हड़ताल में सरकारी उप-केंद्रों से लेकर मेडिकल कॉलेज और अस्पतालों तक की नर्सें शामिल होंगी। नर्सों के न होने से मरीजों की देखभाल के लिए अस्पताल रेजिडेंट डॉक्टरों, नर्सिंग छात्रों, सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों और अनुबंधित नर्सिंग कर्मचारियों की सेवाएं लेंगे। जिन मरीजों की हालत स्थिर है, उन्हें बीते दिन ही डिस्चार्ज कर दिया गया है, ताकि अस्पताल प्रशासन पर मरीजों की देखभाल का बोझ कम हो।
हड़ताल में शामिल होंगी राज्यभर से 50 हजार नर्सें
सरकार विशेष रूप से आईसीयू और आपातकालीन सेवाओं के लिए वैकल्पिक व्यवस्था करने के उपाय कर रही है। इस हड़ताल में लगभग 50 हजार नर्सों के शामिल होने की बात कही जा रही है। राज्य की नर्सें गहलोत सरकार के 2018 के चुनावी घोषणापत्र में किए वादे को पूरा नहीं करने से नाखुश हैं। नर्सों की लंबे समय से चली आ रही मांगें अभी भी अनसुलझी हैं।
कांग्रेस ने नर्सों के लिए किया अपना वादा पूरा नहीं किया: नरेंद्र शेखावत
विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व करने वाली नर्सों में से एक नरेंद्र शेखावत ने कहा, ‘हम 2018 के चुनावों के लिए जारी किए गए कांग्रेस पार्टी के चुनावी घोषणापत्र की प्रतियां बांटेंगे। उन्होंने अपना वादा पूरा नहीं किया है। इसके अलावा, हमारी 11 मांगें लंबित हैं।’ गुरुवार को पूरे दिन, मेडिकल कॉलेजों और संबद्ध अस्पतालों का प्रशासन, मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी, अस्पतालों के अधीक्षक, अस्पतालों के प्रधान चिकित्सा अधिकारी यह सुनिश्चित करने में लगे रहे कि हड़ताल से से चिकित्सा सेवाएं और रोगियों की देखभाल प्रभावित न हो। नर्सों की गैरमौजूदगी में रेजिडेंट डॉक्टर रोगियों की देखभाल करने में मदद करेंगे।
मरीजों की देखभाल के लिए रेजिडेंट डॉक्टर और नर्सिंग छात्र रहेंगे तैनात
एसएमएस अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ अचल शर्मा ने कहा, ‘हमने सभी विभागों के प्रमुखों से मरीजों की देखभाल के लिए रेजिडेंट डॉक्टरों को नियुक्त करने को कहा है। इसके अलावा, हमने नर्सिंग अधीक्षक को हमें नर्सिंग छात्र प्रदान करने के लिए लिखा है। उन्होंने कहा कि हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि ट्रॉमा सेंटरों में इमरजेंसी सुविधाएं और आईसीयू सुविधाएं प्रभावित न हों। हमने इसके लिए वैकल्पिक व्यवस्था की है।
चूंकि अनुबंधित (कॉन्ट्रेक्ट) नर्सिंग कर्मचारी, सरकार के कर्मचारी नहीं हैं। उन्हें निजी ठेकेदारों के जरिए अस्पताल में तैनात किया जाता है। इसलिए अस्पताल प्रशासन उन्हें सामूहिक छुट्टी लेने की अनुमति नहीं दे रहा है। जयपुर के मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. विजय सिंह ने कहा, ‘हमने एक पत्र जारी किया है कि अनुबंधित नर्सिंग कर्मचारी सामूहिक अवकाश में शामिल नहीं होंगे।’
अन्य जिलों में भी अस्पतालों ने वैकल्पिक उपाय किए हैं। बीकानेर के प्रधान चिकित्सा अधिकारी डॉ. प्रवीण चतुर्वेदी ने बताया कि हम जूनियर रेजिडेंट डॉक्टरों, वरिष्ठ रेजिडेंट डॉक्टरों और अनुबंध नर्सिंग स्टाफ और नर्सिंग छात्रों से मदद लेंगे।
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हड़ताल में शामिल होंगी राज्यभर से 50 हजार नर्सें
सरकार विशेष रूप से आईसीयू और आपातकालीन सेवाओं के लिए वैकल्पिक व्यवस्था करने के उपाय कर रही है। इस हड़ताल में लगभग 50 हजार नर्सों के शामिल होने की बात कही जा रही है। राज्य की नर्सें गहलोत सरकार के 2018 के चुनावी घोषणापत्र में किए वादे को पूरा नहीं करने से नाखुश हैं। नर्सों की लंबे समय से चली आ रही मांगें अभी भी अनसुलझी हैं।
कांग्रेस ने नर्सों के लिए किया अपना वादा पूरा नहीं किया: नरेंद्र शेखावत
विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व करने वाली नर्सों में से एक नरेंद्र शेखावत ने कहा, ‘हम 2018 के चुनावों के लिए जारी किए गए कांग्रेस पार्टी के चुनावी घोषणापत्र की प्रतियां बांटेंगे। उन्होंने अपना वादा पूरा नहीं किया है। इसके अलावा, हमारी 11 मांगें लंबित हैं।’ गुरुवार को पूरे दिन, मेडिकल कॉलेजों और संबद्ध अस्पतालों का प्रशासन, मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी, अस्पतालों के अधीक्षक, अस्पतालों के प्रधान चिकित्सा अधिकारी यह सुनिश्चित करने में लगे रहे कि हड़ताल से से चिकित्सा सेवाएं और रोगियों की देखभाल प्रभावित न हो। नर्सों की गैरमौजूदगी में रेजिडेंट डॉक्टर रोगियों की देखभाल करने में मदद करेंगे।
मरीजों की देखभाल के लिए रेजिडेंट डॉक्टर और नर्सिंग छात्र रहेंगे तैनात
एसएमएस अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ अचल शर्मा ने कहा, ‘हमने सभी विभागों के प्रमुखों से मरीजों की देखभाल के लिए रेजिडेंट डॉक्टरों को नियुक्त करने को कहा है। इसके अलावा, हमने नर्सिंग अधीक्षक को हमें नर्सिंग छात्र प्रदान करने के लिए लिखा है। उन्होंने कहा कि हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि ट्रॉमा सेंटरों में इमरजेंसी सुविधाएं और आईसीयू सुविधाएं प्रभावित न हों। हमने इसके लिए वैकल्पिक व्यवस्था की है।
चूंकि अनुबंधित (कॉन्ट्रेक्ट) नर्सिंग कर्मचारी, सरकार के कर्मचारी नहीं हैं। उन्हें निजी ठेकेदारों के जरिए अस्पताल में तैनात किया जाता है। इसलिए अस्पताल प्रशासन उन्हें सामूहिक छुट्टी लेने की अनुमति नहीं दे रहा है। जयपुर के मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. विजय सिंह ने कहा, ‘हमने एक पत्र जारी किया है कि अनुबंधित नर्सिंग कर्मचारी सामूहिक अवकाश में शामिल नहीं होंगे।’
अन्य जिलों में भी अस्पतालों ने वैकल्पिक उपाय किए हैं। बीकानेर के प्रधान चिकित्सा अधिकारी डॉ. प्रवीण चतुर्वेदी ने बताया कि हम जूनियर रेजिडेंट डॉक्टरों, वरिष्ठ रेजिडेंट डॉक्टरों और अनुबंध नर्सिंग स्टाफ और नर्सिंग छात्रों से मदद लेंगे।