जमीन माफिया नहीं चाहते सर्वे हो, यह होकर रहेगा : जायवाल h3>
राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री डॉ. दिलीप कुमार जायसवाल ने कहा है कि कुछ जमीन माफिया नहीं चाहते हैं कि बिहार में सर्वे का काम पूरा हो। उन्होंने कहा कि जमीन पर अवैध कब्जा करने वाले लोग सर्वे को लेकर अनाप-शनाप बातें प्रचारित करने में लगे हुए हैं। तमाम अनर्गल प्रलापों के बीच स्थिति स्पष्ट करना चाहता हूं कि जमीन का सर्वे होकर रहेगा। इसमें किसी तरह का कोई बदलाव नहीं होगा। सर्वे का काम बदस्तूर अपने निर्धारित कार्यक्रम के तहत चलेगा और समय पर पूरा होगा। मंत्री ने मंगलवार को पटना में पत्रकारों के एक सवाल का जवाब दे रहे थे। उन्होंने जमीन सर्वे पर किसी तरह की रोक या इसमें बदलाव करने की खबरों को अफवाह बताते हुए सिरे से खारिज कर दिया। कहा कि गांव में इसे लेकर कोई विवाद नहीं है। गरीब और अन्य सभी लोगों की जमीन का भविष्य सर्वे से तैयार होने वाला डिजिटल रिकॉर्ड तय करेगा। उन्होंने कहा कि जमीन सर्वे में कहीं कोई विवाद नहीं है। शहर में नेताओं को क्यों बेचैनी है। बिहार में जमीन का सर्वे हो जाएगा, यह बहुत अच्छी बात है।
विभागीय मंत्री जमीन सर्वे को लेकर पहले ही कह चुके हैं कि अधिक से अधिक लोगों को इसके प्रति जागरूक करने की आवश्यकता है। कुछ दिनों पहले ही उन्होंने सर्वे में दस्तावेज समेत अन्य मसलों में आ रही उलझनों को लेकर पूरी तरह से स्थिति स्पष्ट की थी। जमीन से संबंधित खतियान, जमाबंदी पंजी, लगान रसीद जैसे अन्य जमीन से संबंधित अभिलेखों को प्राप्त करने के लिए लोग परेशान हो रहे हैं। इसके लिए वे अपने अंचल कार्यालयों में लाइन लगा रहे हैं। जबकि ये सभी दस्तावेज ऑनलाइन डिजिटल रूप में मौजूद हैं, जिन्हें प्राप्त किया जा सकता है। अंचल या राजस्व कार्यालयों का चक्कर लगाने की कोई जरूरत नहीं है।
उन्होंने फिर कहा कि जमीन से जुड़े किसी भी कागजात की मदद से स्वघोषणा के साथ निदेशालय की वेबसाइट पर इसे अपलोड कर सकते हैं। अगर किन्हीं के पास कागजात कम हैं या आधे-अधूरे भी हैं, तो भी स्वघोषणा जमा करने से नहीं चूकें। स्वघोषणा के लिए अभी कोई अंतिम तारीख निर्धारित नहीं की गई है। विभाग ने करीब 16 करोड़ राजस्व दस्तावेजों को डिजिटाइज कराकर ऑनलाइन अपलोड कर दिया है। इसमें करीब 35 हजार गांवों के खतियान भी शामिल हैं। इनकी मदद से कोई भी व्यक्ति अपने पूर्वजों की जमीन के बारे में भी जानकारी ले सकते हैं। ये सभी सेवाएं ऑनलाइन मुफ्त में उपलब्ध हैं। भूमि सर्वे के लिए लगान रसीद भी ऑनलाइन या अद्यतन आवश्यक नहीं है। पहले की हाथ से कटी रसीद भी पूरी तरह से मान्य है।
सादे कागज पर वंशावली बनाएं
वंशावली को लेकर कई प्रकार की भ्रांतियां हैं। वंशावली आपको खुद से बनानी है। इसके लिए किसी भी व्यक्ति के पास या कार्यालय में जाने की जरूरत नहीं है और न ही किसी से सत्यापित कराने की आवश्यकता है। सादे कागज पर अपनी वंशावली बनाएं और उसे स्वघोषणा के साथ संलग्न करें। यह पूरी तरह मान्य होगा।
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राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री डॉ. दिलीप कुमार जायसवाल ने कहा है कि कुछ जमीन माफिया नहीं चाहते हैं कि बिहार में सर्वे का काम पूरा हो। उन्होंने कहा कि जमीन पर अवैध कब्जा करने वाले लोग सर्वे को लेकर अनाप-शनाप बातें प्रचारित करने में लगे हुए हैं। तमाम अनर्गल प्रलापों के बीच स्थिति स्पष्ट करना चाहता हूं कि जमीन का सर्वे होकर रहेगा। इसमें किसी तरह का कोई बदलाव नहीं होगा। सर्वे का काम बदस्तूर अपने निर्धारित कार्यक्रम के तहत चलेगा और समय पर पूरा होगा। मंत्री ने मंगलवार को पटना में पत्रकारों के एक सवाल का जवाब दे रहे थे। उन्होंने जमीन सर्वे पर किसी तरह की रोक या इसमें बदलाव करने की खबरों को अफवाह बताते हुए सिरे से खारिज कर दिया। कहा कि गांव में इसे लेकर कोई विवाद नहीं है। गरीब और अन्य सभी लोगों की जमीन का भविष्य सर्वे से तैयार होने वाला डिजिटल रिकॉर्ड तय करेगा। उन्होंने कहा कि जमीन सर्वे में कहीं कोई विवाद नहीं है। शहर में नेताओं को क्यों बेचैनी है। बिहार में जमीन का सर्वे हो जाएगा, यह बहुत अच्छी बात है।
विभागीय मंत्री जमीन सर्वे को लेकर पहले ही कह चुके हैं कि अधिक से अधिक लोगों को इसके प्रति जागरूक करने की आवश्यकता है। कुछ दिनों पहले ही उन्होंने सर्वे में दस्तावेज समेत अन्य मसलों में आ रही उलझनों को लेकर पूरी तरह से स्थिति स्पष्ट की थी। जमीन से संबंधित खतियान, जमाबंदी पंजी, लगान रसीद जैसे अन्य जमीन से संबंधित अभिलेखों को प्राप्त करने के लिए लोग परेशान हो रहे हैं। इसके लिए वे अपने अंचल कार्यालयों में लाइन लगा रहे हैं। जबकि ये सभी दस्तावेज ऑनलाइन डिजिटल रूप में मौजूद हैं, जिन्हें प्राप्त किया जा सकता है। अंचल या राजस्व कार्यालयों का चक्कर लगाने की कोई जरूरत नहीं है।
उन्होंने फिर कहा कि जमीन से जुड़े किसी भी कागजात की मदद से स्वघोषणा के साथ निदेशालय की वेबसाइट पर इसे अपलोड कर सकते हैं। अगर किन्हीं के पास कागजात कम हैं या आधे-अधूरे भी हैं, तो भी स्वघोषणा जमा करने से नहीं चूकें। स्वघोषणा के लिए अभी कोई अंतिम तारीख निर्धारित नहीं की गई है। विभाग ने करीब 16 करोड़ राजस्व दस्तावेजों को डिजिटाइज कराकर ऑनलाइन अपलोड कर दिया है। इसमें करीब 35 हजार गांवों के खतियान भी शामिल हैं। इनकी मदद से कोई भी व्यक्ति अपने पूर्वजों की जमीन के बारे में भी जानकारी ले सकते हैं। ये सभी सेवाएं ऑनलाइन मुफ्त में उपलब्ध हैं। भूमि सर्वे के लिए लगान रसीद भी ऑनलाइन या अद्यतन आवश्यक नहीं है। पहले की हाथ से कटी रसीद भी पूरी तरह से मान्य है।
सादे कागज पर वंशावली बनाएं
वंशावली को लेकर कई प्रकार की भ्रांतियां हैं। वंशावली आपको खुद से बनानी है। इसके लिए किसी भी व्यक्ति के पास या कार्यालय में जाने की जरूरत नहीं है और न ही किसी से सत्यापित कराने की आवश्यकता है। सादे कागज पर अपनी वंशावली बनाएं और उसे स्वघोषणा के साथ संलग्न करें। यह पूरी तरह मान्य होगा।