जमीन को खुर्दबुर्द करने का मामला: निगम रिकॉर्ड से फाइल गायब वाले दूसरे नामचीन स्कूल पर कार्रवाई; बहाने बनाते रहे कथि​त मालिक, निगम ने बिल्डिंग कराई जमींदोज – Bharatpur News

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जमीन को खुर्दबुर्द करने का मामला:  निगम रिकॉर्ड से फाइल गायब वाले दूसरे नामचीन स्कूल पर कार्रवाई; बहाने बनाते रहे कथि​त मालिक, निगम ने बिल्डिंग कराई जमींदोज – Bharatpur News

जमीन को खुर्दबुर्द करने का मामला: निगम रिकॉर्ड से फाइल गायब वाले दूसरे नामचीन स्कूल पर कार्रवाई; बहाने बनाते रहे कथि​त मालिक, निगम ने बिल्डिंग कराई जमींदोज – Bharatpur News

भरतपुर स्कूल के नाम पर बेशकीमती 1666 वर्ग गज सरकारी जमीन को खुर्दबुर्द करने के एक और मामले गुरुवार को कार्रवाई हुई। नगर निगम ने कृष्णा नगर स्थित पुराने मॉर्डन स्कूल (पेंटीकोस्टल) की पुरानी बिल्डिंग को तोड़कर कब्जा ले लिया। बिल्डिंग में 13 साल से स्कूल

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कथित संचालकों की अपील खारिज होने के बावजूद पिछली सरकार ने तीन साल तक कार्रवाई करने की जहमत नहीं उठाई। देर रात तक मलबा हटाने का काम जारी रहा। नगर निगम अधिकारी, इंजीनियर और दस्ता सुबह साढ़े आठ बजे कृष्णा नगर स्थित संबंधित परिसर पर पहुंचा। निगम ने परिसर के प्रवेश द्वार सहित सभी कमरों को ताले काटकर खोला। जिसे देख आस-पास के लोगों में उत्सुकता पैदा हो गई। कमरों में कुछ पुराने पंखे, टेबल कुर्सियां, ब्लैक बोर्ड, अलमारी इत्यादि सामान थे।

आयुक्त श्रवण कुमार विश्नोई के नेतृत्व में टीम ने इन्हें निकाल कर एस्केवेटर से बाउंड्री को तोड़ दिया। बाद में पोकलेन लगा दोपहर तक पूरी बिल्डिंग को जमींदोज कर दिया गया। मलबे से उड़ने वाली धूल को रोकने के लिए पानी का छिड़काव कराया गया। साथ ही मलबे का डंप करने का काम शुरू किया गया।

अब निगम इन भूखंडों को नीलाम करेगा। जिससे उसे कम से कम 10 करोड़ रुपए का राजस्व मिलने की उम्मीद है। पहलवान को बुला सेठ ने मांगी मोहलत, आयुक्त ने दिया दो टूक जवाब कार्रवाई शुरू होने पर पहले लक्ष्मण मंदिर स्थित किंग्स शोरूम के मालिक राम बाबू कंसल मौके पर पहुंचे। उन्होंने आयुक्त से कानूनी कार्रवाई लंबित होना बता कार्रवाई रोकने को कहा।

आयुक्त ने डीएलबी से अपील निरस्त होना बताते हुए स्टे का आदेश मांगा। जिसे वह पूरी कार्रवाई के दौरान उपलब्ध नहीं करा सके। इसके बाद एक पहलवान मौके पर पहुंचा। जिसके साथ वह फिर से आयुक्त से एक दिन कार्रवाई रोकने की मांग की। आयुक्त ने बताया सालों से मोहलत मिली हुई थी। अब एक सैकंड के लिए भी नहीं रोकी जाएगी।

  • 9.9.1974 को यूआईटी ने मॉर्डन इंग्लिश स्कूल समिति को आरक्षित दर पर 3 भूखंड आवंटित किए
  • 25.9.1974 को व्यवस्थापक पी.ए. थॉमस ने स्कूल बंद होने पर भूखंड लौटाने हलफनामा दिया
  • 6.3.2002 को महंगाया वाले सेठ सुरेश-चंद गुप्ता ने खुद को स्कूल मैनेजर बताते हुए नगर परिषद से लीज-डीड करवा ली
  • 15.6.16 को अधिवक्ता उत्तम शर्मा सहित अन्य की शिकायतों पर हुई नगर परिषद की ओर से जारी नोटिसों पर सेठ गुप्ता ने स्कूल बंद होना स्वीकार किया।
  • 26.7.2016 को निगम ने आवंटन पत्र निरस्त कर कब्जा मांगा। {5.3.2021 को मॉर्डन स्कूल समिति की अपील एलएसजी ने खारिज कर दी। {पहले सामान लेने से किया इंकार, फिर लगाया लूट का आरोप… निगम प्रशासन के बिल्डिंग से सुरक्षित तरीके से निकला सामान एक ट्रेक्टर में भरवाया।

बिल्डिंग से निकले पूरे सामान की सूची बनाई गई। निगम ने कंसल सेठ को सुपुर्द करना चाहा। जिन्होंने सुपुर्दगी पर दस्तखत कर समान लेने से इंकार कर दिया। बाद में पहुंचे मीडियाकर्मियों के सामने निगम पर ही सामान लूट कर ले जाने और स्टे के उल्लंघन का आरोप मढ़ने लगे। मामले में निगम से इस संपत्ति की फाइल गायब है। नगर निगम की पिछले साल अंतिम साधारण सभा हुई थी। जिसमें पार्षद श्याम सुंदर गौड ने मॉर्डन और सनातन स्कूल की फाइल सदन के सामने रखने की मांग की।

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