जगत जननी को भक्तिभाव के साथ दी विदाई | pratima visarjan yatra in jabalpur | Patrika News h3>
विसर्जन कुंडों में देर रात तक चलता रहा प्रतिमा विसर्जन का क्रम
जबलपुर। वैदिक मंत्रोच्चार के साथ मैया की आरती उतारी, फिर विसर्जन की बेला में श्रद्धालुओं की आंखें नम थीं। ग्वारीघाट, तिलवाराघाट, हनुमानताल, गोकलपुर समेत सभी विसर्जन कुंड में बुधवार को देर रात से लेकर गुरुवार को भी ऐसा ही नजारा था। इससे पहले मुख्य शहर, सदर, गोरखपुर, गढ़ा, अधारताल, कांचघर इलाकों से धूमधाम से दशहरा चल समारोह निकाले गए।
दुर्गोत्सव समितियों से जुड़े श्रद्धालु ढोल-नगाड़ों के साथ जय दुर्गे, जय काली का उद्घोष करते प्रतिमा विसर्जन को पहुंचे। कुंडों में क्रेन, हाइड्रोलिक मशीनों के माध्यम से नगर निगम कर्मचारियों व गोताखोरों ने प्रतिमाओं का विसर्जन कराया। सबसे ज्यादा प्रतिमाओं का विसर्जन ग्वारीघाट विसर्जन कुंड में किया गया।
विसर्जन कुंडों में सुरक्षा के मद्देनजर गोताखोर, होम गार्ड के जवान और पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई थी।
नगर व ग्रामीण क्षेत्रों में 1576 दुर्गा प्रतिमा स्थापित की गई थीं। गुरुवार को रात तक 650 प्रतिमाओं का विसर्जन हो चुका था। प्रतिमाओं के विसर्जन का क्रम देर रात तक जारी था। कई प्रतिमाओं का विसर्जन् शुक्रवार को किया जाएगा। जबकि कुछ समितियां प्रतिमा विसर्जन विशेष तिथि पर करती हैं।
चल समारोह में उमड़ा शहर
ढोल ढमाकों के साथ, रंग बिरंगी आतिशबाजी के बीच माता रानी को भावपूर्ण विदाई दी गई। संस्कारधानी का ऐतिहासिक दशहरा चल समारोह अपनी भव्यता के साथ निकला। हजारों लोगों ने रतजगा किया। मंचों से जयकारों के बीच माता का जगह-जगह स्वागत वंदन किया गया। शाम 6 बजे नगर निगम चौक से श्रीराम पूजन के बाद मुख्य चल समारोह का शुभारंभ हुआ, जो सुबह 6 बजे तक माता के विसर्जन तक चलता रहा।
परम्परानुसार श्री गोङ्क्षवदगंज रामलीला समिति ने मुख्य चल समारोह की अगुवाई की। रावण, मेघनाथ, कुंभकरण के पुतले सबसे आगे चले।
उनके पीछे महंगाई, अस्पतालों की लूट, देश की रक्षा शक्ति, धर्म अधर्म का संदेश आदि देने वाली दो दर्जन से अधिक झांकियां थीं। मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम, लक्ष्मण, हनुमान और रावण का जीवंत युद्ध चलित झांकी में शामिल हुआ।
नगर सेठानियों ने किया नेतृत्व
मुख्य चल समारोह में 20 प्रतिमाएं शामिल हुईं। जिनका नेतृत्व नगर सेठानियां मां सुनरहाई, नुनहाई वाली माता ने नेतृत्व किया। नगर जेठानी, मलखम, धनुषधारी, सूजीपुरा वाली माता, तिलक भूमि तलैया, शुक्रवारी बजरिया समेत अन्य समितियों की दुर्गा प्रतिमाएं शामिल हुईं।
विभिन्न स्थानों पर मंचों से हुआ पूजन
दशहरा चल समारोह मार्ग में नगर निगम तीन पत्ती चौक से हनुमानताल विसर्जन घाट तक दर्जनों छोटे बड़े सामाजिक, धार्मिक, राजनीतिक एवं संगठनों द्वारा स्वागत मंच लगाए गए। सदस्यों व पदाधिकारियों ने माता का पूजन वंदन किया और समिति सदस्यों, बैंड, ढोल वालों का स्वागत अभिनंदन किया।
मालवीय चौक मित्र मंडल ने मुख्य दशहरा चल समारोह में मातारानी की प्रतिमाओं का पूजन कर समिति पदाधिकारियों का स्वागत किया। इस अवसर पर संगमन के संयोजक संदीप जैन समेत बड़ी संख्या में मित्र मंडल के सदस्य मौजूद थे।
वृहत महाकाली के दर्शन को उमड़ा जनसैलाब
बड़ी महाकाली गढ़ा फाटक वाली माता की प्रतिमा इस बार रात करीब 1 बजे महाराष्ट्र हाई स्कूल वाली गली पहुंची। वहां से वे चल समारोह में शामिल हुईं। भारी सुरक्षा के बीच माता सुबह 5 बजे हनुमानताल पहुंचीं।
बैंड दलों में विदेशी म्यूजिशियन आए
कुछ बैंड दलों ने विदेशी म्यूजिशिन गल्र्स को विशेषतौर पर परफॉर्म करने के लिए बुलाया। एक बैंड दल ने दो रशियन म्यूजिशियन जैनिफर सेक्साफोन, डेनिला क्लॉर्नेट बजाने के लिए बुलाई थीं। इसी तरह एक अन्य बैंड दल ने दो विदेश मॉडल के साथ अपनी प्रस्तुतियां दीं।
श्रीराम, लक्ष्मण और माता सीता का महापौर ने किया पूजन
नगर के मुख्य दशहरा चल समारोह में तीन पत्ती चौक पर महापौर जगत बहादुर ङ्क्षसह अन्नू ने सपत्नीक भगवान श्रीराम, लक्ष्मण और माता सीता का पूजन किया। विधायक तरुण भनोत, लखन घनघोरिया, विनय सक्सेना नगर निगम अध्यक्ष ङ्क्षरकू विज, नेता प्रतिपक्ष कमलेश अग्रवाल ने भी पूजन अर्चन किया।
महापौर ने कहा कि जबलपुर का ऐतिहासिक दशहरा देश की समृद्ध संस्कृति का परिचायक है। संस्कारधानी के ऐतिहासिक दशहरा को और भव्य स्वरूप प्रदान करने के लिए प्रयास किए जाएंगे। नगर निगम प्रशासन की ओर से लगाए मंच पर समारोह में सम्मिलित दुर्गा प्रतिमाओं का पूजन व समिति पदाधिकारियों का स्वागत महापौर अन्नू ने किया। वे शास्त्री नगर, सदर, रांझी चल समारोह में भी शामिल हुए।