जंगपुरा में मेघालय के एडवोकेट जनरल के घर में घुसकर हेल्पर की हत्या, बेड के अंदर मिला शव h3>
वारदात में शामिल मुख्य आरोपी मेरठ निवासी जिरजिश काजमी एडवोकेट जनरल अमित कुमार के ऑफिस में ऑफिस बॉय का काम करता था। उसे अमित ने नौकरी से निकाल दिया था। बताया जा रहा है कि वह बदला लेने के लिए अमित कुमार की इलेक्ट्रॉनिक तिजोरी खोलने आया था। लेकिन सफल नहीं हुआ तो कमल की हत्या कर दी और दीपक को घायल कर दिया। सीसीटीवी कैमरे की फुटेज से आरोपियों की पहचान कर दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया है। मुख्य आरोपी की पहचान मेरठ निवासी जिरजिश काजमी (19) और बवाना निवासी अमन तिवारी (20) के तौर पर हुई है।
पुलिस अधिकारी के मुताबिक, एडवोकेट जनरल अमित कुमार अपने परिवार के साथ जंगपुरा इलाके में रहते हैं। परिवार में बुजुर्ग पिता, एक बेटा, एक बेटी और पत्नी शामिल हैं। जिस इमारत में वारदात हुई है, उसके दूसरे और तीसरे फ्लोर पर अमित रहते हैं। तीसरे फ्लोर पर ही उन्होंने छत पर अपना ऑफिस बना रखा है। अमित अपनी बेटी और पत्नी के साथ दिल्ली से बाहर गए हुए थे। उनके पिता और बेटा दूसरे फ्लोर पर मौजूद थे। कमल खाना बनाने का काम करता था, जबकि दीपक बुजुर्ग पिता की देखभाल करने का काम करता है।
तीसरी मंजिल पर दिया वारदात को अंजाम
पुलिस अधिकारी के मुताबिक, हत्या की वारदात को तीसरी मंजिल पर अंजाम दिया गया। रात करीब 8:30 बजे आरोपी अमित के घर पहुंचे। इनके पास पिस्टल और चाकू था। तीसरी मंजिल पर पहुंचते ही उन्होंने दरवाजा अंदर से बंद कर लिया। फिर दीपक को कुर्सी से बांधकर चाकू से हमला कर घायल कर दिया। उसके बाद कमल के हाथ और पैर बांध गला घोंटकर हत्या कर दी। हत्या के बाद शव को बेड के अंदर छिपा दिया।
रात को अमित का बेटा किसी काम से रसोई में गया तो देखा कि साफ-सफाई नहीं हुई थई। कमल का मोबाइल भी रसोई में था। जबकि कमल सारा काम खत्म करने के बाद ही तीसरी मंजिल पर सोने जाता था। तब वह तीसरी मंजिल पर गए और कमल को आवाज लगाने लगे। लेकिन अंदर से कोई आवाज नहीं आई। उन्हें शक हुआ। लेकिन तभी आरोपियों ने दरवाजा खोला और हथियार लहराते हुए उन्हें धक्का देते हुए मौके से फरार हो गए।
रात भर पुलिस को कमल का नहीं मिला शव
सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस टीम ने देखा कि दीपक को बदमाशों ने कुर्सी से बांध रखा है। एम्स में भर्ती कराया गया। रात को कमल का शव नहीं मिला। पुलिस कमल को ही संदिग्ध मान रही थी। घायल दीपक का बयान नहीं हो सका था। मौके पर क्राइम टीम और फरेंसिक टीम भी पहुंच गई। कमल की काफी तलाश की गई। लेकिन उसका पता नहीं चल सका। आखिरकर मंगलवार सुबह करीब 10.30 बजे अमित के यहां काम करने वाले अन्य कर्मचारी वहां पहुंचे। जिन्होंने बेड को खोल कर देखा तो उसमें कमल का शव मौजूद था। मामले की सूचना पुलिस को दी गई।
अभी तक जांच में पता चला है कि अमित ने अपने यहां काम कर रहे एक कर्मचारी का एक विवाद के बाद 15 मई को ही नौकरी से निकाला था। सीसीटीवी में भी आरोपी और उसके साथी की की फुटेज कैद हो गई। दोनों की तलाश जारी है।
कहीं दम घुटने से तो नहीं हुई कमल की मौत
मामले में पुलिस की लापरवाही भी सामने आई है। कमल के शरीर पर चोट के निशान नहीं मिले। गले में बांधी गई रस्सी कसी हुई नहीं थी। ऐसे में हो सकता है कि कमल की दम घुटने से मौत हुई होगी। सबसे बड़ी बात है कि अमित के बेटे ने और लोगों ने भी कमल के बारे में पुलिस को बताया था। मौके पर क्राइम टीम और फरेंसिक टीम भी आई थी। लेकिन रात भर कमल के शव का पता नहीं चल सका। ऐसे में हो सकता है कि कमल की दम घुटने से भी मौत हुई हो।