छोटा राजन का फोन, पत्रकार की हत्‍या! जान‍िए कौन है जिग्‍ना वोरा, जिस पर है हंसल मेहता की ‘स्‍कूप’

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छोटा राजन का फोन, पत्रकार की हत्‍या! जान‍िए कौन है जिग्‍ना वोरा, जिस पर है हंसल मेहता की ‘स्‍कूप’

छोटा राजन का फोन, पत्रकार की हत्‍या! जान‍िए कौन है जिग्‍ना वोरा, जिस पर है हंसल मेहता की ‘स्‍कूप’

हंसल मेहता की नई वेब सीरीज ‘स्‍कूप’ का ट्रेलर सोमवार को रिलीज किया गया है। करिश्‍मा तन्‍ना सीरीज में लीड रोल मे हैं। कहानी साल 2011 में पत्रकार ज्योतिर्मय डे की हत्‍या और मामले में आरोपी पत्रकार जिग्‍ना वोरा केस की है। 2 मिनट 46 सेकेंड के ट्रेलर में हंसल मेहता की यह सीरीज मजमा लूट ले जाती है। कहानी और इसका ट्रीटमेंट आपके रोंगटे खड़े कर देता है। हंसल मेहता ने अपनी इस सीरीज को जिग्‍ना वोरा की जिंदगी और कोर्ट के ट्रायल के इर्द-गिर्द रखा है। करिश्‍मा तन्‍ना सीरीज में पत्रकार जागृति पाठक का किरदार निभा रही हैं, जो अपने साथी पत्रकार की हत्‍या में आरोपी बनती हैं।

ट्रेलर की शुरुआत एक फोन कॉल से होती है। बताया जाता है कि जागृत‍ि पाठक के लिए किसी ‘नाना’ का फोन है, दुबई से। नाना यानी छोटा राजन। जागृति क्राइम रिपोर्ट है। वह महज 7 साल के करियर में डिप्‍टी ब्‍यूरो चीफ बन चुकी है। जागृति की पहचान लगातार बड़ी और सनसनीखेज खबरें देने के लिए है। जागृति की पुलिस महकमे से लेकर अंडरवर्ल्‍ड तक अच्‍छी पकड़ है। लेकिन उसकी जिंदगी तब बदल जाती है, जब उसकी तरह ही एक मशहूर और तेज-तर्रार पत्रकार जयदेव सेन की हत्‍या हो जाती है। पुलिस की छानबीन में जागृति मुख्‍य आरोपी बनती है। यह मामला तब और सनसनीखेज बन जाता है, जब Chota Rajan फोन पर यह कहता है कि उसने जागृति के भड़काने पर ही जयदेव की हत्‍या करवाई है।

Scoop Web Series Release Date: हंसल मेहता इस सीरीज में आगे जागृति की कानूनी लड़ाई पर आधारित है। उसके परिवार और दोस्‍त बेगुनाही साबित करने के लिए लगातार संघर्ष कर रहे हैं। ‘स्‍कूप’ वेबसीरीज 2 जून को नेटफ्ल‍िक्‍स पर स्‍ट्रीम की जाएगी। सीरीज में करिश्‍मा तन्‍ना के अलावा मोहम्मद जीशान अयूब, हरमन बावेजा, तनिष्ठा चटर्जी, तेजस्विनी कोल्हापुरे और शिखा तलसानिया भी शामिल हैं। यह वेब सीरीज जिग्‍ना वोरा की किताब ‘बिहाइंड बार्स इन भायखला: माय डेज इन प्रीजन’ पर आधारित है। जिग्‍ना वोरा को इस केस में छह साल कैद की सजा सुनाई गई थी।

कौन हैं जिग्ना वोरा?

Who is Jigna Vora: जिग्‍ना वोरा एशियन एज की पत्रकार थीं। वह मिड-डे के रिपोर्टर ज्योतिर्मय डे की हत्या के दो मुख्य संदिग्धों में से एक थीं। 11 जून, 2011 को पवई के हीरानंदानी में अज्ञात हमलावरों ने Jyotirmoy Dey की हत्या कर दी थी। हत्यारों की पहचान अंडरवर्ल्ड गैंगस्टर छोटा राजन से जुड़े सात लोगों के एक समूह के रूप में हुई। शुरुआती जांच के बाद मुंबई पुलिस ने राजन और वोरा पर आरोप लगाया। 2016 में केस सीबीआई को सौंप दिया गया था।

जांच के सिलसिले में मुंबई पुलिस ने 25 नवंबर, 2011 को जिग्‍ना वोरा को हिरासत में लिया। वह उस समय एशियन एज अखबार के मुंबई ब्यूरो की डिप्टी ब्यूरो चीफ थीं और उनकी उम्र 37 साल थी। उन पर राजन को ज्‍योतिर्मय डे के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी देने का आरोप लगाया गया था, जिसमें उनके घर और उनकी बाइक का लाइसेंस प्लेट नंबर भी शामिल था।

जिग्‍ना वोरा की फाइल फोटो

जिग्‍ना वोरा के ख‍िलाफ लगाया गया मकोका

फरवरी 2012 में मुंबई पुलिस ने जिग्‍ना वोरा के खिलाफ महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) के सख्त कानून समेत कई और आपराधिक धाराओं के तहत चार्जशीट दायर की। उस समय की रिपोर्ट्स बताती हैं कि जांचकर्ताओं ने जिग्‍ना वोरा के खिलाफ ‘परिस्थितिजन्य सबूत’ खोजे, जिसमें जिग्‍ना के गैंगस्टर छोटा राजन को किए गए तीन फोन कॉल शामिल थे। इसके बाद यह स्पष्ट किया गया कि ज‍िग्‍ना वोरा ने छोटा राजन को एक इंटरव्‍यू के लिए ये फोन कॉल्‍स किए थे।

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छोटा राजन के बयान के बाद पलटा केस

दूसरी ओर, छोटा राजन के मुताबिक, जिग्‍ना वोरा ने अपनी ‘प्रोफेशनल राइवलरी’ के कारण गैंगस्‍टर को ज्‍योतिर्मय डे की हत्या के लिए उकसाया था। उस समय ‘मिड डे’ के कार्यकारी संपादक सचिन कालबाग ने ‘इंडिया टुडे’ को दिए इंटरव्‍यू में छोटा राजन के बयान का खंडन किया था। उन्होंने दावा किया कि जिग्‍ना वोरा ‘राइवलरी’ के लिए ज्‍योतिर्मय डे से बहुत जूनियर थीं।

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जिग्‍ना की जमानत पर रिहाई और किताब

जिग्‍ना वोरा को बाद में मामल में जमानत दी गई और 27 जुलाई, 2012 को रिहा कर दिया गया। न्‍यूज एजेंसी ‘पीटीआई’ के मुताबिक, जिग्‍ना को जमानत दी गई, क्‍योंकि वह सिंगल मदर थीं और उन्‍हें अपने छोटे बच्चे की देखभाल करनी थी। जिग्‍ना ने ‘भायखला में सलाखों के पीछे: जेल में मेरे दिन’ नाम से जो किताब लिखी वह सितंबर 2019 में पब्‍ल‍िश हुई। इसमें उन्‍होंने जेल में गुजरे समय, अदालत की सुनवाई, और एक क्राइम रिपोर्टर के रूप में काम के बारे में कई भ्रम को तोड़ा है।