छात्रसंघ चुनाव में NSUI की करारी हार के बाद दिव्या मदेरणा के ट्वीट से मचा सियासी बवाल, ‘जयचंदों’ पर घिरे अभिषेक चौधरी

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छात्रसंघ चुनाव में NSUI की करारी हार के बाद दिव्या मदेरणा के ट्वीट से मचा सियासी बवाल, ‘जयचंदों’ पर घिरे अभिषेक चौधरी

छात्रसंघ चुनाव में NSUI की करारी हार के बाद दिव्या मदेरणा के ट्वीट से मचा सियासी बवाल, ‘जयचंदों’ पर घिरे अभिषेक चौधरी

जयपुर: प्रदेश के 17 विश्वविद्यालयों में हुए छात्रसंघ चुनाव में कांग्रेस के छात्र संगठन एनएसयूआई की करारी हार के बाद सोशल मीडिया पर ट्विटर युद्ध छिड़ा हुआ है। इस युद्ध में कांग्रेस विधायक दिव्या मदेरणा भी कूद पड़ी है। मदेरणा ने अपने ट्वीट में कांग्रेस पर ही सवाल उठा दिए। उन्होंने विगत विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की हुई हार का जिक्र छेड़ दिया। दिव्या ने ट्वीट करते हुए लिखा कि ‘लेकिन हम 1998 के बाद फिर कभी 100 का आंकड़ा पार नहीं कर पाए।’ दिव्या के इस ट्वीट से सियासी हलचल मच गई। इससे पहले दिव्या छात्रसंघ चुनाव में टिकट वितरण पर भी सवाल उठाए थे।

कांग्रेस की हार का जिक्र करने से मची सियासी हलचल

छात्रसंघ चुनावों में एनएसयूआई के एक भी प्रत्याशी की जीत नहीं होने पर दिव्या ने कांग्रेस की हार का जिक्र कर दिया। दिव्या ने कहा कि हमने 1998 के बाद कभी 100 का आंकड़ा पार नहीं किया। वर्ष 1998 में कांग्रेस ने 156 सीटों के साथ प्रचंड जीत हासिल की थी। तब अशोक गहलोत पहली बार मुख्यमंत्री बने थे। बाद में 2003 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा और बीजेपी ने 120 सीटों पर जीत दर्ज की। वसुंधरा राजे प्रदेश की मुख्यमंत्री बनी। वर्ष 2008 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को 96 सीटें मिली थी। निर्दलीयों और बसपा के समर्थन से कांग्रेस सत्ता में आ गई और अशोक गहलोत दोबारा मुख्यमंत्री बने। 2013 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस महज 21 सीटों पर सिमट गई थी। 2018 के विधानसभा चुनावों में भी कांग्रेस की गाड़ी 99 पर अटक गई। बाद में रामगढ विधानसभा सीट जीतने के बाद 100 का आंकड़ा पूरा हुआ।
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NSUI के प्रदेशाध्यक्ष को आइना दिखाया दिव्या ने, पूछा – 2014 में जयचंद कौन था

एनएसयूआई के प्रदेशाध्यक्ष अभिषेक चौधरी द्वारा सचिन पायलट के समर्थकों को जयचंद कहना दिव्या मदेरणा को नागवार गुजरा। मदेरणा ने ट्वीट करके पूछा कि राजस्थान विश्वविद्यालयों के 2014 के छात्रसंघ चुनावों में जयचंद कौन था। चूंकि राजस्थान विश्वविद्यालय में एनएसयूआई के अनिल चौपड़ा अध्यक्ष बने थे। उस समय अभिषेक चौधरी ने भी टिकट मांगा। टिकट नहीं मिलने पर अभिषेक ने बागी होकर चुनाव लड़ा था। इसके बावजूद भी अनिल चौपड़ा की जीत हुई थी और दूसरे नम्बर पर एबीवीपी के शंकर गोरा रहे थे।
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पायलट समर्थकों को जयचंद करने के बाद शुरू हुआ था विवाद

छात्रसंघ चुनाव में एनएसयूआई एक भी विश्वविद्यालय में अपना अध्यक्ष नहीं बना पाई। चुनावों के बाद एनएसयूआई ने जयपुर में एक सम्मेलन का आयोजन किया। इस सम्मेलन में एनएसयूआई के प्रदेशाध्यक्ष अभिषेक चौधरी ने सचिन पायलट के समर्थकों को जयचंद और विभिषण कहकर निशाना साधा था। अभिषेक ने कहा कि ”हम जयचंदों के कारण हारे लेकिन एनएसयूआई का प्रदर्शन अच्छा रहा”। इसके बाद में दिव्या मदेरणा ने अभिषेक चौधरी को आड़े हाथों लिया। दिव्या ने लिखा कि “शून्य पर रन आउट होने को शानदार प्रदर्शन कहने वाले यह पहले और अंतिम व्यक्ति होंगे।”
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NSUI के शून्य पर आउट होने पर संगठन का दोष नहीं

एक ट्विट में दिव्या मदेरणा ने यह भी लिखा कि “छात्रसंघ चुनावों में NSUI की हार का दोष संगठन को नहीं दे सकते। क्योंकि जब यह अध्यक्ष बने थे तब जबरदस्त आपाधापी चल रही थी, स्वयं सरकार संकट में थी, NSUI का अध्यक्ष कौन बने या ना बने, उस समय किसी को भी इसमें लैस मात्र भी रुची नहीं थी। चाहे वह राजस्थान विश्वविद्यालय 2014 में NSUI का बागी हो या फिर कोई भी।” दिव्या ने हार का पूरा ठीकरा एनएसयूआई के प्रदेशाध्यक्ष पर फौड़ा। उन्होंने कहा कि एनएसयूआई ने सही तरीके से टिकट वितरण नहीं किया। जहां सही प्रत्याशियों को टिकट दिया गया, वहां भी काफी देरी कर दी गई थी, जिसकी वजह से प्रत्याशी को हार का सामना करना पड़ा। (रिपोर्ट – रामस्वरूप लामरोड़, जयपुर)

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